पुलिस ने मैच से पहले दबोचे 9 टिकट दलाल राजधानी में आज भारत-न्यूजीलैंड का मुकाबला -

क्रिकेट सट्टे के खाईवाल बेखौफ हो कर होटलों में पार्टी करते रहे -
 
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पुलिस ने मैच से पहले दबोचे 9 टिकट दलाल राजधानी में आज भारत-न्यूजीलैंड का मुकाबला -

शहर की सभी होटलों में सट्टे के खाईवाल के बुकियों ने जमाया कब्जा -

तीन सितारा होटलों में रातभर सटोरियों के साये में बेलीडांस (मुजरा) चलता रहा तथा शहर के नामचीन गुंड़े, खाईवाल और छुटभैय्ये नेताओं ने बेदम उत्पात मचाया और पैसे लुटाए -

मैच के उपरांत भी सभी होटलों में पार्टी की तैयारी -

पुलिस बेखबर या कार्रवाई नहीं करना चाहती, सभी होटलों में सुरक्षा का पूरा प्रबंध होने के बावजूद अवैध कार्यो पर कार्रवाई क्यों नहीं -

रायपुर। रायपुर में टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के मैच से पहले टिकट की खूब ब्लैक मार्केटिंग हुई है। 50 प्रतिशत से ज्यादा टिकट ऑनलाइन नहीं मिले सिर्फ बढ़े हुए दामों पर बेचे गए हैं। आज देर रात पुलिस हरकत में आई। अलग-अलग इलाकों में छापेमार कार्रवाई कर 9 टिकट दलालों को गिरफ्तार किये गए हैं। पुलिस ने 4-5 अलग-अलग जगहों से इन टिकट दलालों को पकड़ा है। कटोरा तालाब पास टिकटों की कालाबाजारी करते कुरूद धमतरी निवासी राहुल वारयानी एवं आकाश वारयानी को पकड़कर उनके कब्जे से 25 नग टिकट तथा टिकरापारा क्षेत्र के पचपेढ़ी नाका पास टिकटों की कालाबाजारी करते रायपुर निवासी तनमय जैन एवं अमनदीप सिंह को पकड़कर उनके कब्जे से 19 नग टिकट जब्त कर चारों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। ये सभी कारोबारी घरानों से ताल्लुक रखने वाले युवक हैं। गंज क्षेत्र के अलग - अलग स्थानों में टिकटों की कालाबाजारी करते 5 लोगों को पकड़कर उनके पास से 22 टिकट जब्त की गई। कुल 9 बदमाशों के पास से 66 टिकट मिलने की बात पुलिस ने कही है। इस कार्रवाई में रोहित कुमार, अब्दुल सलाम,आदित्य श्रीवास्तव,अशोक दुबे,अभिषेक सिंह नाम के युवक पकड़े गए हैं।

लोगों में नाराजगी, मुनाफाखोर माला-माल -
इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले इस मैच को देखने के लिए 18 जनवरी को शाम 4 बजे ऑनलाइन टिकटों की बिक्री दोबारा हुई थी। मगर कुछ ही मिनट में टिकटें सोल्ड आउट हो गईं। इतने बड़े आयोजन में कोई भी टिकट ऑफलाइन नहीं बेची गई। बहुत से दर्शक ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन टिकट को लेकर जागरुक नहीं रहे। चर्चा है कि जानबूझकर टिकटों का शॉर्टेज दिखाकर ब्लैक में टिकटों को बेचकर मुनाफाखोरी हो रही है। प्रदेश क्रिकेट संघ के पदाधिकारी भी ये बात नहीं बता पा रहे कि कितनी टिकटें ऑनलाइन बिकीं। मैदान की क्षमता 45 हजार से अधिक है।

होटलों में बुकियों का ड़ेरा -
राजधानी के वीरनारायण सिंह अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहला अंतरर्राष्ट्रीय एक दिवसीय मैच खेला जाना है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे वनडे सीरीज का दूसरा मैच यहां खेला जाएगा। रायपुर में करोड़ों का सट्टा लगता है। देशी-विदेशी लिंक रखने वाले कई सटोरियों का नेटवर्क राजधानी सहित छत्तीसगढ़ के कई शहरों में फैला हुआ है। अब जब रायपुर में ही अन्तरारष्ट्रीय मैच खेला जा रहा है, लोकल सट्टा गिरोह के साथ देश भर के बड़े सटोरियों ने यहां डेरा जमा लिया है। जिससे शहर का सट्टा बाजार काफी गर्म हो चला है। हजार भर से ज्यादा बुकियों ने राजधानी के होटलों में अपना ठिकाना बना लिया है। सटोरियों की सक्रियता को देखते हुए पुलिस ने पुराने सटोरियों की कुंडली तैयार की है। आनलाइन सट्टे पर छत्तीसगढ़ सरकार ने नया कानून बना कर सजा के सख्त प्रावधान किए है, जिसे ध्यान में रखकर सटोरिए अपने एजेंट के जरिए सट्टा खिलाने के प्लान पर काम कर रहे हैं। कई बुकीज शहर में रहकर तो कुछ राजधानी से लगे दूसरे शहरों में रहकर सट्टा आपरेट करेंगे।

एप से चलता है सट्टा -
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गूगल पर क्रिकेट लाइव लाइन एप बड़े बुकी की एक्सपर्ट टीम ने बनाया है। इसमें स्कोर टीवी और अन्य लाइव दिखाने वाले माध्यम से ज्यादा तेजी से बदलता है। एप में यदि चार बाल फेंका और छक्का या विकेट गिरना दिखाता है तो टीवी में उसकी तीन गेंद बाद दिखाता है यानी टीवी से तीन गेंद पहले स्कोर बताता है। इसमें सट्टा का भाव भी दिखाता है, जो मैच के उतार-चढ़ाव के अनुसार कम ज्यादा होता रहता है। खाईवाल इसमें अलग-अलग सेशन में बांटकर दांव लेते है। पावर प्ले के अलग सेशन चलते हैं, वहीं इसके बाद का अलग। इसके अलावा हर गेंद, हर ओवर, बल्लेबाज, गेंदबाज के ऊपर दांव लिया जाता है।

क्रिकेट के मैदान में बैठकर करते हैं अपडेट -
बुकी के एजेंट क्रिकेट मैदान से ही लाइव क्रिकेट पर सट्टा खिलाते हैं। वहां रहकर वे हर गेंद का स्कोर उसी समय अपडेट करते हैं। टीवी और दूसरे लाइव प्रसारण में सेटलाइट की मदद से कवर करने और प्रसारण सेंटर मुख्यालय से प्रसारित करने में कुछ समय लगता है। इस वजह से लाइव प्रसारण में जब दो बाल दिखाई जाती है, तब तक यह एप मोबाइल की स्क्रीन पर पांच गेंद तक का स्कोर बता देता है। जनता से रिश्ता को मिली जानकारी के अनुसार गुजरात से ही तीन सौ से ज्यादा बुकियों के एजेंट राजधानी पहुंचे हैं। जो मोबाइल और पेन कैमरा के जरिए मैच का लाइव प्रसारण दिखाकर एक-एक गेंद पर दांव खिलाएंगे। सट्टे पर पैसे लगाने वाले को पंटर कहते हैं। वहीं सट्टे के स्थानीय संचालक को बुकी कहा जाता है। सट्टे के खेल में कोडवर्ड का इस्तेमाल होता है। सट्टा लगाने वाले पंटर दो शब्दों खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं यानी किसी टीम को फेवरेट माना जाता है तो उस पर लगे दांव को लगाया कहते हैं। ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं।

मुंबई-दुबई से तय होते हैं रेट -
सूत्रों के मुताबिक भारत में क्रिकेट की जो सट्टेबाजी होती है, वह अवैध है। इसके रेट दुबई या पाकिस्तान में तय होते हैं। वहां से रेट की जानकारी भारतीय उपमहाद्वीप के सटोरियों और अन्य जगहों में धंधे से जुड़े लोगों को पहुंचाई जाती है। ये रेट सबसे पहले मुंबई पहुंचते हैं। फिर वहां से बड़े बुकीज और फिर वहां से छोटे बुकीज के पास पहुंचते हैं। अगर किसी टीम को फेवरेट मानकर उसका रेट 80-83 आता है तो इसका मतलब यह है कि फेवरेट टीम पर 80 हजार लगाने पर एक लाख रुपये मिलेंगे। दूसरी टीम पर 83 हजार लगाने पर एक लाख जीत सकते हैं, लेकिन जिस टीम पर सट्टा लगाया है, वह अगर हार गई तो लगाया गया पूरा पैसा डूब जाएगा। मैच आगे बढऩे के साथ टीमों के रेट भी बदलते रहते हैं। jsr