एक्शन में कलेक्टरः जनदर्शन में लोगों की समस्याओं पर त्वरित निराकरण, जिंदगी से मायूस दिव्यांग के भी खिले चेहरे, दिलाई नौकरी…

जनदर्शन में लोगों की समस्याओं पर त्वरित निराकरण
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जनदर्शन में लोगों की समस्याओं पर त्वरित निराकरण, जिंदगी से मायूस दिव्यांग के भी खिले चेहरे, दिलाई नौकरी

सरगुजा : जिले में प्रत्येक मंगलवार को कलेक्टर संजीव कुमार झा द्वारा लगाया जाने वाला जनदर्शन में ना सिर्फ लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण हो रहा है. बल्कि मायूस चेहरों पर फिर से खुशी भी लाई जाने के लिए जिला प्रशासन अथक प्रयास कर रहा है. ऐसे लोग जो जिंदगी में मायूस हो चुके हैं, उनके जिंदगी को नई राह दिखाने का काम सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा द्वारा किया जा रहा है.

दरअसल, छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक जिंदगी से मायूस होकर अपनी फरियाद लेकर कलेक्टर से मिलने आते हैं. उनके समस्या के समाधान के लिए त्वरित उचित पहल की जाती है. फिर चाहे बच्चों की पढ़ाई के लिए लैपटॉप हो या फिर किसी दिव्यांग के लिए ट्राई साइकिल या फिर जिंदगी से हारे हुए दिव्यांगजनों के लिए नौकरी सरगुजा कलेक्टर द्वारा सभी की समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित निराकरण किया जाता है और उनके उज्जवल भविष्य के लिए जिला प्रशासन की तरफ से पूरी सहायता मुहैया कराई जाती है.

इसी क्रम में आज जनदर्शन में दिव्यांग चंद्रिका प्रसाद राजवाड़े पिता जवाहर लाल राजवाड़े ग्राम अड़ची पोस्ट नवानगर दरिमा से पहुंचे उन्होंने कलेक्टर को बताया कि मैं 46 वर्ष का हूं और शारीरिक रूप से कार्य करने में असमर्थ हूं, जिसके कारण मैं अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ हूं. मेरे माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं और हमारी घर की स्थिति ठीक नहीं है. मैंने कई जगह नौकरी करने की कोशिश की पर दिव्यांग होने की वजह से कहीं भी मुझे नौकरी नहीं मिली. जिस पर सरगुजा कलेक्टर ने उन्हें निराश ना होने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने जनपद पंचायत सीईओ सुरेश्वर नाथ तिवारी को निर्देश देते हुए प्रार्थी को तत्काल मनरेगा में पानी पिलाने के काम पर रखने के निर्देश दिए जिसके बाद जनपद पंचायत सीईओ ने आज से ही दिव्यांग चंद्रिका प्रसाद राजवाड़े को उनके ही गृह ग्राम अड़ची में चल रहे मनरेगा कार्यों में पानी पिलाने नौकरी पर रख लिया गया है.

वहीं दिव्यांग चंद्रिका प्रसाद राजवाड़े ने बताया कि, वह जिंदगी से काफी निराश हो गया था और अब उनकी आखिरी उम्मीद सरगुजा कलेक्टर पर ही टिकी थी और आज उनसे मिलते ही समस्या का समाधान हो गया और अब उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा. वह समाज में सम्मान से अपना सिर ऊंचा करके अपनी जिंदगी गुजर बसर कर सकेगा.