बारिश व ओलावृष्टि से बढ़ी ठंड : फसलों को भारी नुकसान

छत्तीसगढ़ में बारिश व ओलावृष्टि से बढ़ी ठंड 
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छत्तीसगढ़ में बारिश व ओलावृष्टि से बढ़ी ठंड : फसलों को भारी नुकसान

रायपुर | विक्की चौहान | छत्तीसगढ़ में मौसम के बदले मिजाज से जनजीवन प्रभावित हो गया है। धूप नहीं निकलने और लगातार बारिश से तापमान में गिरावट आई है। इधर बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की उम्मीदों की फसल भी खराब हो गई है। सब्जियों के साथ चना, तिवरा, सरसो व अरहर की फसल को नुकसान हुआ है। बरसात व बर्फ गिरने से फसलों के फूल झड़ गए हैं।

वहीं लगातार बदली से सब्जी की फसल पर कीट प्रकोप की समस्या बढ़ गई है। मौसम में बदलाव, बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। वनांचल क्षेत्र सरगुजा, बस्तर संभाग में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। वहीं मैदानी इलाकों में भी रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। बुधवार को भी प्रदेश के कई इलाकों में बारिश व ओलावृष्टि की संभावना है।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के महाराजगंज, जरहाडीह, भइसमुंडा, रामनगर, बरदर, ओबरी चितबिश्रामपुर आदि इलाकों में 10 जनवरी को तेज आंधी के साथ मूसलाधार वर्षा और भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे सरसो सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं 11 जनवरी को बस्तर जिले के जगदलपुर, बकावंड आदि क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ ओले गिरे हैं।

रायपुर संभाग के गरियाबंद व महासमुंद में भी तेज बारिश हुई है। इधर बारिश की वजह से सहकारी समितियों में धान को बचाने की चुनौती है। पानी में भीगने की वजह से धान के अंकुरित होने की संभावना है। बारिश से सरकारी धान खरीदी पर भी असर पड़ा है।

मध्य छत्तीसगढ़ में ओलावृष्टि की संभावना
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर हरियाणा में स्थित है। एक द्रोणिका उत्तर अंदरूनी कर्नाटक से उत्तर मध्य महाराष्ट्र तक 0.9 किमी ऊंचाई तक स्थित है। एक द्रोणिका उत्तर कोंकण से झारखंड तक 1.5 किमी ऊंचाई पर स्थित है।

इसके प्रभाव से 12 जनवरी को प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छीटें पड़ने की संभावना है। कोंकण से झारखंड तक स्थित द्रोणिका की उपस्थिति के कारण छत्तीसगढ़ में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ ओलावृष्टि की संभावना है। ओलावृष्टि का संभावित क्षेत्र मध्य छत्तीसगढ़ के जिले हैं।