HEALTH : बच्चों में होने वाले सिरदर्द मानसिक बीमारी का भी हो सकता है लक्षण

बच्चों में होने वाले सिरदर्द मानसिक बीमारी का भी हो सकता है लक्षण
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बच्चों में होने वाले सिरदर्द मानसिक बीमारी का भी हो सकता है लक्षण

अगर बच्चे को अकसर सिरदर्द की समस्या रहती है तो यह एक गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है. इस समस्या की वजह से बच्चों में कई अन्य गंभीर स्थितियां पैदा हो जाती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोग अक्सर सिरदर्द की समस्या को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन अगर बच्चों में अगर सिरदर्द की समस्या के गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करें.

5 से 17 साल तक के बच्चों में सिरदर्द की समस्या होती है. कई बार लोग इसको नजरअंदाज करते हैं,लेकिन कई मामलों में यह गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है. मुख् तौर पर सिरदर्द दो प्रकार का होता है. एक वह होता है जो सामान्य दर्द होता है और कुछ समय बाद चला जाता है. दूसरा सिरदर्द वह होता है जो शरीर या सिर के हिस्से में परेशानी के कारण होता है. इन मामलों में कई बार बच्चा अपनी इस परेशानी को सही ढंग से बयां नहीं कर पाता लेकिन माता-पिता को हमेशा बच्चे की सेहत में हो रहे बदलावों को ध्यान में रखकर उसका इलाज और बचाव करना चाहिए.

डॉक्टर के मुताबिक, अधिकतर मामलों में सर्दी, जुकाम, साइनस और किसी भी प्रकार के बुखार की वजह से बच्चों को सिरदर्द की समस्या हो सकती है. इन स्थितियों में चिकित्सक कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं. इसके अलावा दूसका कारण खराब लाइफस्टाइल और खानपान भी हो सकता है. अकसर देखा जाता है कि सही समय पर न खाने से भी बच्चों को यह परेशानी हो जाती है.

मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार श्रीनिवास बताते हैं कि जिन बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता. उनको भी सिरदर्द की परेशानी हो सकती है. ऐसा अकसर उन बच्चों को होता है जिनकी नींद पूरी नहीं होती या जो अलग-अलग कारणों से तनाव में रहते हैं. इसलिए जरूरी है कि सिरदर्द की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसका इलाज़ किया जाए

इन उपायो को अपनाएं

डॉ. आर.पी सिंह बताते हैं कि बच्चों में सिरदर्द की समस्या अगर लगाातर बनी हुई है तो उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. इस मामले में न्यूरोलॉजिस्ट और मनोरोग विशेषज्ञों से भी संपर्क करना चाहिए. माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वह खुद से बच्चे को कोई दवा न दें. क्योंकि अकसर देखा जाता है कि सिरदर्द होने पर बच्चों को पेनकिलर दे दी जाती है, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए.