300 से ज्यादा किस्म के आम लगते है दुनिया के इस इकलौते पेड़ पर, देखने वालों की भी फटी की फटी रह गईं आंखें

300 से ज्यादा किस्म के आम लगते है दुनिया के इस इकलौते पेड़ पर
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300 से ज्यादा किस्म के आम लगते है दुनिया के इस इकलौते पेड़ पर, देखने वालों की भी फटी की फटी रह गईं आंखें

300 से ज्यादा किस्म के आम लगते है दुनिया के इस इकलौते पेड़ पर, देखने वालों की भी फटी की फटी रह गईं आंखें। क्या आप जानते है दुनिया के इकलौते पेड़ के बारे में जिसमें 300 किस्म के आम लगते हैं? नहीं तो आज हम बताते है इस पेड़ के बारे में। दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक आम का पेड़ ऐसा भी है जिस पर 300 किस्म के आम लगते हैं. यह सुनकर हैरान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे तो लखनऊ पूरी दुनिया में फेमस है. लेकिन कहा जाता है कि भारत के केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से होकर जाता है।

अब हम आपको वह बात बताने वाले हैं जो आप नहीं जानते हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबों का शहर लखनऊ शहर में एक यूनिक आम का पेड़ है जो काफी चर्चा में रहता है. इस आम के पेड़ की खासियत है कि इस एक पेड़ में ही करीब 300 किस्म के आम लगते हैं. यह पेड़ लखनऊ से कुछ किलोमीटर दूर मलिहाबाद चौराहे के पास मौजूद है। इस पेड़ को देखने वालों की भी आंखें फटी की फटी रह गईं।

हाजी कलीम उल्लाह खान ने इजाद किया ऐसा पेड़

300 से ज्यादा किस्म के आम लगते है दुनिया के इस इकलौते पेड़ पर, देखने वालों की भी फटी की फटी रह गईं आंखें। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हाजी कलीम उल्लाह खान ने बड़ी मशक्कत के साथ एक ऐसा पेड़ इजाद किया जिसे देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह गईं. हाजी कलीम ने ग्राफ्टिंग तकनीक का सहारा लेकर एक ऐसा पेड़ इजाद किया जिसमें 300 किस्म के आम लगते हैं. इस अनोखे काम के लिए हाजी कलीम को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. वही बता दे इस पेड़ का राज समझने के लिए एक जापान की टीम भी यहां का दौरा कर चुकी है.

अपने आप में पूरा कॉलेज है आम का पेड़

पूरी दुनिया में हाजी साहब को मैंगो मैन के नाम से जाना जाता है.‌ हाजी कलीम साहब ने  17 साल की उम्र में ही एक पौधा इजाद किया था जिसमें करीब 7 किस्म के आम लगते थे. इतना ही नहीं, इस विचित्र पेड़ में जो भी आम लगते हैं, उसे बेचा नहीं जाता बल्कि लोगों में बांट दिया जाता है. आपको बता दें कि जब आम का सीजन आता है, तब जुलाई महीने में इस पेड़ पर आम लगभग आ चुके होते हैं. हाजी कलीम साहब कहते हैं कि आम एक ऐसा पेड़ है जो अपने आप में पूरा कॉलेज है और उस पर पढ़ाई करने की जरूरत है. इस पर अगर रिसर्च किया जाए तो एड्स और कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज भी इस पेड़ पर आने वाले आम से निकल जाएगा।

केवल सातवीं तक दुनिया के मैंगो मैन कहे जाने वाले शख्स

300 से ज्यादा किस्म के आम लगते है दुनिया के इस इकलौते पेड़ पर, देखने वालों की भी फटी की फटी रह गईं आंखें। 300 से ज्यादा किस्म के आम वाले इस पेड़ के जन्मदाता मलिहाबाद के रहने वाले हाजी कलीम उल्लाह खान, जिनकी उम्र 83 साल 2008 में इनको अपने इसी अद्भुत काम के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा था. दुनिया का मैंगो मैन कहे जाने वाले इस शख्स ने केवल सातवीं तक पढ़ाई की है और बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी आज उनसे सलाह लेने आते हैं।साभार - betul samachar