रोम का कचरा पूरे यूरोप के लिए बना समस्या, सबसे रोमांटिक शहर में पर्यटक भी घटे, जानिए कैसे भारत की तरह वहां भी बढ़ रहा कचरा

रोम जब पर्यटक रोम की कल्पना करते हैं तो कोलोसियम ,...

 
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रोम का कचरा पूरे यूरोप के लिए बना समस्या, सबसे रोमांटिक शहर में पर्यटक भी घटे, जानिए कैसे भारत की तरह वहां भी बढ़ रहा कचरा रोम जब पर्यटक रोम की कल्पना करते हैं तो कोलोसियम ,...
 

रोम जब पर्यटक रोम की कल्पना करते हैं तो कोलोसियम , सिस्टिन चैपल और टाइबर नदी पर कैंडललाइट डिनर के साथ - साथ राजधानी की सड़कों पर जगह - जगह लगे कचरे के ढेर भी याद आते हैं। ये कचरे के ढेर रोम की प्राचीन इमारतों के साथ क्रूर और असली विरोधाभास हैं , क्योंकि इन इमारतों ने कभी इसे यूरोप की सबसे रोमांटिक राजधानियों में से एक बना दिया था ।

हाल के वर्षों में शहर में कचरा और बड़ी समस्या बन गया है । 30 लाख की आबादी वाले रोम में पिछले साल लगभग 1.5 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे । रोम का कचरा अब यूरोप की समस्या बन गई है। शहर का प्रशासन नई योजना लेकर आया है। इसके तहत स्विट्जरलैंड सहित अन्य यूरोपीय देशों से होकर ट्रेनों के जरिए 1,300 किमी का सफर करके हर हफ्ते 900 टन कचरे को नीदरलैंड्स ले जाकर एम्स्टर्डम में स्थानीय संयंत्र में जलाया जाएगा।

इटली इसके लिए नीदरलैंड्स को भुगतान भी करेगा । हालांकि , 900 टन साप्ताहिक कचरा रोम में हर दिन पैदा होने वाले 4,600 टन कचरे का छोटा सा हिस्सा है । स्थानीय नेताओं का दावा है कि यह योजना टिकाऊ नहीं है और इससे नए पर्यावरणीय मुद्दे सामने आएंगे ।

रोम के स्थानीय प्रशासन के लिए 2013 के बाद चीजें विशेष रूप से गंभीर हो गई , जब शहर के मुख्य लैंडफिल में से एक मालाग्रोटा को पर्यावरण मानकों पर खरा नहीं उतरने पर बंद कर दिया गया । वहीं , रोम की अपशिष्ट प्रबंधन सार्वजनिक कंपनी एएमए के पास एक ट्रक बेड़ा है जो पुराना है और उसके टूटने का खतरा है ।

कंपनी में कर्मचारियों की भी कमी है। रोम के मेयर रॉबर्टो गुआल्टिएरी एक नए ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की तैयारी कर रहे हैं , लेकिन इसके 2026 तक तैयार होने की संभावना है ।pariwartantv