अब तक प्रदेश में 51230 निजी स्कूलों में से सिर्फ 16166 स्कूलों ने फीस की जानकारी भेजी -

51230 निजी स्कूलों में से सिर्फ 16166 स्कूलों ने फीस की जानकारी दी
 
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निजी स्कूलों को तीन सितंबर तक देना था फीस की मदों का ब्यौरा

भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने सीबीएसई और मप्र बोर्ड के निजी स्कूलों को तीन सितंबर तक फीस का ब्यौरा आनलाइन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक सिर्फ प्रदेश में 51230 निजी स्कूलों में 16166 स्कूलों ने जानकारी भेजी है। वहीं भोपाल के 2615 में से 834 स्कूलों ने फीस की जानकारी दी है।

विभाग ने तीन साल का ब्यौरा देने के लिए कहा था, स्कूलों ने एक साल का ब्यौरा नहीं दिया। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के निजी स्कूलों को ब्यौरा देने के लिए कहा था, लेकिन एक साल का भी ब्यौरा नहीं दिया। मामले में जिला स्तरीय समिति कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों को तीन सितंबर तक अपनी फीस की मदों का ब्यौरा जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपने के निर्देश दिए थे। इस ब्यौरे को शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना था। जिसके आधार पर अभिभावक फीस में गड़बड़ी होने पर एक महीने की अवधि में जिला समिति को शिकायत कर सकते थे, लेकिन फीस की जानकारी देने में जिले में मात्र 31 फीसद स्कूलों ने ही जानकारी दी है। इनमें भी क्या जानकारी है अभिभावक न तो देख पा रहे हैं न ही शिकायत लेने वाली समिति का ही पता है।

निजी स्कूलों को बताना होगा कि किस-किस मद में फीस ले रहे हैं सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्कूलों को यह बताना होगा कि वह किस-किस मद में फीस ले रहे हैं। यह जानकारी स्कूलों से जिला शिक्षा अधिकारी को लेनी होगी। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग शासन को इस जानकारी को दो सप्ताह में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। साथ ही अपने आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी पालक को स्कूल से कोई शिकायत है तो वह जिला समिति के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

वर्जन: समिति में कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी है। कुछ स्कूलों ने जानकारी दी है, लेकिन कुछ ने नहीं दी है। स्कूलों से जानकारी ली जा रही है। फीस को लेकर अभिभावक कलेक्टर के पास शिकायत कर सकते हैं। नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी