श्रीमद् भागवत कथा में हो रही अमृत वर्षा -

श्रीमद् भागवत कथा में हो रही अमृत वर्षा -
 
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श्रीमद् भागवत कथा में हो रही अमृत वर्षा -

हनुमना। नगर के मेन रोड में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में इन दिनों कथा व्यास पंडित मुद्रिका प्रसाद मिश्र द्वारा व्यासपीठ से बरसाई जा रही कथामृत का रसपान करने जहां काफी संख्या में लोग पहुंचकर आनंद उठा रहे हैं वही आयोजक बैकुंठ वासी हरिकेशव रामानुज दास की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला रामानुदासी एवं पुत्र वीरेंद्र कुमार के द्वारा सीमित व्यवस्थाओं के बावजूद कथा पंडाल को आकर्षण स्वरूप प्रदान करते हुए आने वाले प्रत्येक श्रोताओं का आवभगत ने कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जा रही ।

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उल्लेखनीय है कि 21 नवंबर से 29 नवंबर तक चलने वाले श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में भागवत जी की विभिन्न कथाओं का सविस्तार वर्णन करते हुए ठंड के मौसम में भी सायं 7:00 बजे तक अनवरत कथा रस की बरसात होती रहती है आचार्य द्रोण पुत्र अश्वत्थामा द्वारा द्रोपदी के 5 नवजात शिशुओं की हत्या के बाद भी अर्जुन द्वारा भी उसका वध करने की बजाय रथ में बांधकर पशुओं की भांति घसीटते हुए लाकर द्रोपदी के हवाले करने के प्रयास को देखते ही द्रोपदी द्वारा गुरु पुत्र होने से तत्काल उन्हें छुड़ाते हुए यह कहना कि गुरुपुत्र में गुरु का ही अंश होता है उनके द्वारा ही आप जैसे वीर योद्धा को अपने दिव्य ज्ञान के द्वारा तैयार किया गया है ब्रह्मास्त्र का संधान एवं वापस लेना दोनों ही विधा का ज्ञान गुरुदेव की ही कृपा से मिला है वही स्वयं आचार्य के पुत्र को संधान की विधा तो मालूम है लेकिन उसे वापस लेने की विधा नहीं मालूम यह सब आचार्य द्रोण की ही कृपा से संभव हो सका है और जिस प्रकार से मैं पुत्रों के वियोग में करुण क्रंदन कर रही हूं गुरु माता को भी पुत्र वियोग में ऐसा करुणक्रंदन न करना पड़े इसलिए गुरु पुत्र समझ कर इन्हें छोड़ दे यह है यज्ञपुत्री अर्थात द्रोपदी जैसी भारत की नारी का दिब्य दर्शन। 

इसके अतिरिक्त अनेक कथानको का उद्धरण देते हुए लोगों को भाव विभोर जहां करते रहे वही संगीताचार्य ऋषि कुमार की टीम  के कलाकारों द्वारा बीच-बीच में विभिन्न  सुमधुर समसामयिक प्रासंगिक भजनों के माध्यम से कथा में चार चांद लगाए जाने से श्रोता भाव विभोर हो जाते हैं इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार संपति दासगुप्ता ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जब करोड़ों जन्म के पुण्य का उदय होता है तब सुनने का अवसर मिलता है वह भी भागवत महापुराण के महात्म्य में ही वक्ता के बारे में लिखा गया है  भागवत कथा किसी विरक्त श्री वैष्णव संत से ही सुनना चाहिए तथा बिना श्री वैष्णवी दीक्षा लिए भागवत का कथा सुनने का पूर्ण फल नहीं मिलता "विष्णु दीक्षा विहीनानां  नाधिकार: कथा श्रवेत् : का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रोता को भी श्री वैष्णवी दीक्षा लेने के बाद ही पूर्ण फल प्राप्त होता है ।

कार्यक्रम में छेदीलाल गुप्त मनोज कुमार गुप्ता स्वतंत्र कुमार नारायण दास लकी केसरी आदि सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं।