न्यायाधीश गण द्रवित हो सीईओ ने फटकार लगाते हुए 13 तारीख को शिविर लगाकर निराकरण के दिए आदेश -

13 तारीख को शिविर लगाकर  निराकरण के दिए आदेश -
 
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न्यायाधीश गण द्रवित हो सीईओ ने फटकार लगाते हुए 13 तारीख को शिविर लगाकर  निराकरण के दिए आदेश -

हनुमना के धर्मपुरा में विधिक साक्षरता शिविर में उमड़ा जनसैलाब लोगों की समस्याएं सुन द्रवित हुए न्यायाधीश हनुमान मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार लोगों को सहज न्याय दिलाने बालिका दिवस के अवसर पर हनुमाना जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम धर्मपुरा में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में सर्वाधिक  ग्राम पंचायत स्तरीय मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे लोगों की समस्या सुनकर स्वयं न्यायाधीश गण द्रवित हो सीईओ ने फटकार लगाते हुए 13 तारीख को शिविर लगाकर  निराकरण के दिए आदेश

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 हनुमना। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा जन सामान्य को सहज न्याय दिलाने के उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विधिक साक्षरता शिविर लगाकर मूलभूत समस्याओं एवं समाज में व्याप्त बाल विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या,व लिंगभेद, महिला उत्पीडन आदि समाज में व्याप्त विभिन्न उत्प्रेरणाओं से छुटकारा दिलाने एवं समुचित समाधान का मार्ग बताने के उद्देश्य से बालिका दिवस के अवसर पर हनुमना जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम धर्मपुरा में शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जहां तहसील स्तरीय विधिक सेवा समिति की अध्यक्ष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री पूर्णिमा संयाम एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्कर्षराज सोनी ने उपस्थित जनसमुदाय को बाल विवाह अधिनियम 206, दहेज प्रथा, लिंग भेद कन्या भ्रूण हत्या आदि विषयों पर खुलकर चर्चा करते हुए कहा कि आज हम आजादी के 75 वर्षों बाद भी जब हम अमृत महोत्सव मना रहे हैंआज भी हमारे क्षेत्र व समाज में ऐसी रूढ़िवादी परंपराएं विद्यमान है हम कन्या की गर्भ में ही हत्या कर देते हैं लड़के की चाहत में।

 जो कि संगीन अपराध है शासन ने इसे रोकने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, सुकन्या योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, तथा निशुल्क शिक्षा आदि अनेक योजनाएं चलाकर ताकि कन्या बोझ नहीं वरदान सिद्ध हो। इसके बावजूद अभी भी हमारे समाज में ऐसी कुरीतियां व्याप्त है दहेज प्रताड़ना की शिकार मां बहने आज भी मर्यादाओं की बेड़ियों में जकड़ी अपनी जान तक गंवा बैठती है। फिर भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाता। हम बेटियों को पराया धन मानकर उन्हें शिक्षा में भी अंतर करते हैं सुश्री संंयाम ने कहा कि यदि मेरे मां बाप भी मुझे ना पढ़ाते तो मैं आज इस पद पर ना पहुंचती। कल्पना चावला जैसी बेटियां आज अंतरिक्ष की सैर कर चुकी है इसलिए उनसे हमें सीख लेना चाहिए और बेटे एवं बेटी में अंतर नहीं करना चाहिए।

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 न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्कर्षराज सोनी ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज समाज में खासकर ग्रामीण परिवेश में बाल विवाह जैसी कुरीतियां आज भी व्याप्त है 18 वर्ष की बेटी एवं 21 वर्ष के बेटे की उम्र के पहले यदि शादी की जाती है तो वह दंडनीय अपराध है जिसके लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत अभिभावक को 2 वर्ष की सजा एवं ₹10,0000 तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है उन्होंने कहा कि यदि हम बेटी को पढ़ाते हैं हमारा समूचा परिवार ही नहीं समाज भी शिक्षित होगा क्योंकि बेटी अपने आने वाली संतान को वे स्वयं प्रारंभिक शिक्षा से शिक्षित करने में सक्षम होगी दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की चर्चा करते हुए कहा कि आज भी समाज में आए दिन दहेज प्रताड़ना की घटनाएं आती रहती है जबकि धारा 3 यदि देखें उसके अंतर्गत कम से कम 5 वर्ष की सजा एवं कम से कम 15000 का जुर्माना उससे अधिक कुछ भी हो सकता है हमें ऐसी मानसिकता को त्यागना चाहिए इसी में समाज का हित व विकास संभव है इसलिए आज सरकार भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी अनेक योजनाएं चला रही हैं।

 जनपद पंचायत हनुमना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मूंगा राम मेहरा ने कहा कि आज नवरात्रि का पवित्र पर्व भी चल रहा है जिसमें लोग मां दुर्गा की मूर्ति की पूजा तो करते हैं लेकिन साक्षात दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती की अवतार बेटियों का तिरस्कार करते हैं यही सबसे बड़ी विडम्बना है। श्री मेहरा ने "बेटा से बेटी भली, पढ़ी लिखी कुलवंती होए, नाम बढावे माई बाप का जग में रोशन होए" का उल्लेख करते हुए मातृशक्ति के योगदान को उल्लेखित किया।

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 वरिष्ठ पत्रकार संपति दासगुप्ता ने "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता" का उल्लेख करते हुए कहा कि "नारी निंदा मत करो नारी गुण की खान नारी से नर होत है सूर वीर बलवान" राष्ट्रवाद समाज की सनातन संस्कृति रही है कि हमने मातृशक्ति को लक्ष्मी दुर्गा काली मां सरस्वती के रूप में सदा  ही पूजा है लेकिन कालांतर में कुछ पर क्यों द्वारा एक ऐसी भ्रांति फैलाई गई जिससे इस समाज में कन्या को अभिशाप समझा जाने लगा और बेटी को गर्भ में मार देने जैसी कुरीति चल पड़ी। 

शासन को इस संबंध में अनेक योजनाएं व कानून बनाने पड़े बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ लाड़ली लक्ष्मी योजना मुख्यमंत्री कन्या विवाह तथा नौकरियों में आरक्षण लिंग परीक्षण प्रतिषेध अधिनियम दहेज प्रतिषेध अधिनियम आप जैसा कि माननीय न्यायाधीशों ने आप सब को बताया श्री गुप्त कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कम से कम जितने लोग यहां उपस्थित हैं संकल्प लेकर जाएगी हम बेटी को दुर्गा सरस्वती लक्ष्मी मानकर उनका संरक्षण व संवर्धन करते हुए उच्च शिक्षा के साथ ही उन्हें उचित स्थान दिलाने में कोई कोर कसर नहीं बात करेंगे का संकल्प लेकर जाएं निश्चित वह दिन दूर नहीं या राष्ट्रवाद समाज विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित होगा श्री गुप्त ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इन विधिक साक्षरता  शिविरों का आयोजन कर हमें अपने कर्तव्यों के पालन करते हुए ही  अपने अधिकारों को प्राप्त करें का लक्ष्य रखा है।

कार्यक्रम को ग्राम के प्रतिष्ठित नागरिक एडवोकेट मनीष मिश्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि आज भी न्यायालय ही एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर लोगों को पूर्ण भरोसा है इस अवसर पर ग्राम पंचायत धर्मपुरा के सरपंच मोहम्मद रजा अंसारी ने समस्त अतिथियों एवं उपस्थित जनसमुदाय का जहां स्वागत किया वही कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता स्वामी विवेकानंद के दौरान लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी के चित्र पर माला एवं दीप प्रज्वलन एवं उपस्थित समस्त अतिथियों का माल्यार्पण  कर किया गया। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में हनुमना न्यायालय के सिस्टम ऑफिसर रवि नामदेव अंजलि तिवारी सचिव सौरभ तिवारी एवं रोजगार सहायक राहुल तिवारी पूर्व सरपंच शिवाकांत मिश्रा मन पूर्ण प्रसाद मिश्रा भैया लाल मिश्रा आदि अनेक गणमान्य नागरिक माता बहने तथा युवा वर्ग की भारी संख्या में उपस्थित विशेष उल्लेखनीय रही ।       
                                                                जब ग्राम पंचायत से संबंधित मूलभूत समस्याओं रवि तो हो उठे न्यायाधीश गण

वक्ताओं के संबोधन के बाद जैसे ही उपस्थित लोगों से अपनी समस्याएं या सुझाव रखने की बात कही गई वृद्धा व विधवा पेंशन पेंशन न मिलना गरीबी व अति गरीबी रेखा के राशन कार्ड होने के बावजूद या तो राशन नहीं मिल रहा या सदस्य संख्या मैं आधार कार्ड के आधार पर नाम जोड़ने के लिए वर्षो से चक्कर लगाने के बावजूद उनके नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। शौचालयों की राशि खाते में पंचायत की लापरवाही के चलते न भेजें जाने. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 5_5 सौ एक एक हजार रुपए रिश्वत के रूप में लेने के बावजूद जीर्ण व धराशाई होने की कगार पर पहुंच चुके कच्चे मकानों के बावजूद पीएम आवास योजना में उनका नाम ना जोड़ा जाना 2 जून की रोटी को मोहताज 80_ 80 वर्ष की वृद्धा व कृष शरीर वाली वृद्ध माताएं जब अपनी व्यथा का रोना शुरू किया तो माननीय न्यायाधीश श्रीमती पूर्णिमा संयाम एवं उत्कर्षराज जी सोनी स्वयं उनकी समस्याओं को सुनते हुए द्रवित हो उठे मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सुझाव देते कि इसके पूर्व ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उपस्थित सरपंच सचिव एवं जीआरएस तथा पीसीओ को सख्त निर्देश देते हुए कहां की 13 अक्टूबर को शिविर लगाकर तत्काल समस्या का निराकरण करें अन्यथा जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

वही उपस्थित जनसमुदाय को उपरोक्त शिविर में भी समाधान ना मिलने पर किसी भी समस्या के समाधान के लिए जनपद पंचायत हनुमाना में सीईओ से संपर्क करने की बात कही गई।