पैसे लेकर नगर परिषद के कर्मचारियों ने मंदिर से थाने के गेट तक लगवा दिए मीट मटन की दुकानें -

थाने के गेट तक लगवा दिए मीट मटन की दुकानें प्रशासन मौन -
 
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2 - 2 हजार लेकर नगर परिषद के कर्मचारियों ने पारदेश्वर मंदिर से थाने के गेट तक लगवा दिए मीट मटन की दुकानें प्रशासन मौन -

हनुमना - हिंदू आस्था के केंद्र ही नहीं अनेक प्रदेशों में ख्याति लब्ध एकमात्र पारदेश्वर महादेव मंदिर से लेकर गेट तक 1 हफ्ते के अंदर मीट मटन व अंडे की दुकानें लग जाने व प्रशासन की चुप्पी से जहां समूचे हिंदू समाज में आक्रोश व्याप्त है वही सामने एसआरपी कॉलेज से निकलने वाले छात्र छात्राओं का निकलना दूभर हो गया है । 

 उल्लेखनीय है कि पहले से ही जहां दो तीन  दुकानें पारदेश्वर मंदिर से लगी हुई मीट मटन की संचालित थी जिसके कारण चील कौवे कुत्ते पारदेश्वर मंदिर व कालेज परिसर में भी मांस के टुकड़े व हड्डियां ले जाकर पारदेश्वर मंदिर व मांसरस्वती के केंद्र को दूषित कर रहे थे वही अब थाने के गेट तक 1 हफ्ते के अंदर तमाम मीट मटन अंडे की दुकानें और सजजाने से जहां सरस्वती के मंदिर कालेज एवं पारदेश्वर मंदिर में इन चील कौवों द्वारा मांस के टुकड़े और हड्डियों के टुकड़ों से लोगों का आना जाना दूभर हो जाएगा ।वहीं कालेज के ठीक सामने होने से मीट मटन लेने अंडे खाने आने वाले अनेक मनचले इस प्रकार की अन्य दूकानों की भांति यहां भी  छात्राओं के साथ छेड़खानी आदि के कारनामों को अंजाम देने  से चूकेंगे नहीं। 

सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के कतिपय कर्मचारी ही इन अतिक्रमण कारियो से 2-2 हजार रुपए लेकर रातों-रात टीन टप्पर लगवाकर दूकाने रखवा रहे हैं। जिसके चलते लाखों की लागत से नगर परिषद द्वारा निर्मित सामूदायिक भवन के भी अस्तित्व पर ग्रहण लग गया है। इधर विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल एवं अनेक छात्र नेताओं तथा गणमान्य नागरिकों ने आक्रोश ब्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि पारदेश्वर मन्दिर व माता सरस्वती के मन्दिर की पवित्रता व वातावरण को नष्ट कर रहे उपरोक्त समस्त मीट मटन अण्डे आदि की दूकानों को हटाकर तत्काल अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन व प्रर्दशन चक्काजाम आदि के लिए बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।