वादे तो वादे होते है वादो को पहले स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और अब मुख्यमंत्री शिवराज सरकार भूली -

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और अब मुख्यमंत्री शिवराज सरकार भूली
 
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आसा उषा सहयोगिनी मुख्यमंत्री को दीपावली के दिन भोपाल में जाकर सौंपेंगे अपना मांग पत्र -

अब हम बर्दाश्त नही करेंगे अपनी जायज मांगों को लेकर भोपाल मे दिपावली के दिन आंदोलन करेगे - हीरा देवी चंदेल -

 छतरपुर । छतरपुर जिले की सभी तहसीलों की आशा उषा कार्यकर्ता छतरपुर के मोटे महावीर मंदिर में एकत्रित हुई और सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की, आशा उषा कार्यकर्ता के अध्यक्ष हीरा सिंह चंदेल सहित प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी आशा उषा संघ ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर कहा कि हमारी वेतन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बराबर की जाए जिसका प्रपोजल स्वास्थ्य विभाग द्वारा भोपाल में हुए आंदोलन के दौरान एक टीम गठित करके प्रपोजल तैयार किया गया था लेकिन उस प्रपोजल को अभी तक केंद्र शासन को नहीं भेजा गया इसीलिए आशा उषा कार्यकर्ताओं ने दोबारा भोपाल मे आन्दोलन करने की तैयारी के लिए यह बैठक की थी जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली के दिन ग्रहणी या अपने घर में पूजा अर्चना ना करके बलकी ताला लगा करके भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी मांगों को लेकर धरना देगी। 

आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएंगे जब तक हम भोपाल में ही आंदोलन करते रहेंगे आपको बता दें कि इसके पहले भी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी आश्वासन दिया था लेकिन वादे तो वादे होते हैं वादों का क्या अब देखते हैं कि आशा उषा कार्यकर्ताओं का आंदोलन मांग पत्र मान्य भी किया जाता है या नहीं या फिर एक बार फिर से अगला वादा करके वापस पहुंचाया जाएगा।

अपने ही वादे से मुकर गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री प्रभु राम चौधरी - हीरा देवी चंदेल।

 उन्होंने कहा है कि ₹ 2000 में इतनी महंगाई के दौर में हम अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर सकते हैं इसके लिए सरकार को ध्यान देना होगा कोरोना काल के दौरान अपनी जान जोखिम में देकर जो सेवाएं दी हैं उसका प्रतिफल भी नहीं मिल रहा सरकार हम लोगों के साथ अन्याय कर रही है ₹ 2000 महीने में हम महंगाई में अपने घर परिवार का भरण पोषण कैसे करें हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे दें महंगाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है और हमारा मानदेय केवल ₹ 2000 है जो प्रतिदिन के हिसाब से ₹ 66 लगभग बनता है एक मजदूर दिन में 200 से ₹300 मिलती है लेकिन हम लोगों को इतना कम वेतनमान क्यों दिया जा रहा है।

 इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव के मार्गदर्शन में एवं हीरा देवी चंदेल जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में मीटिंग रखी गई जिसमें सचिव शीला अहिरवार, उपाध्यक्ष रेखा खरे, कोषाध्यक्ष नीलम मिश्रा, संभागीय अध्यक्ष श्रीकांत मिश्रा सहित सैकड़ों की तादात में महिलाओं उपस्थित रही।