शराब,ओवरलोड एवं गति अवरोधक बढ़ाती है दुर्घटना -

वाहन दुर्घटना को रोकने के लिए कारगर उपाय धरातल पर नहीं -
 
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File photo

शराब,ओवरलोड एवं गति अवरोधक बढ़ाती है दुर्घटना -

चाकघाट।(रामलखन गुप्त)इस अंचल के राष्ट्रीय राजमार्ग पर निरंतर हो रही  वाहन दुर्घटना में मर रहे लोगों को बचाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर विचार मंथन तेजी से चल रहा है और किसके लिए संभावित उपाय पर भी बिचार किया जा रहा है किंतु चाकघाट से कटरा के बीच पडने वाले सोहागी पहाड़ पर आए दिन हो रही वाहन दुर्घटना को रोकने के लिए कारगर उपाय धरातल स्तर पर नहीं किया जा रहा है जिससे इस अंचल में मोटर दुर्घटना बढ़ती ही जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चाकघाट से रीवा की ओर जाने वाले वाहनों की दुर्घटना कम होती है जबकि रीवा से चाकघाट की ओर जाने वाले वाहन जो कि पहाड़ उतरते हैं वे ज्यादा दुर्घटना के शिकार होते हैं। 

इस दुर्घटना का एक बड़ा कारण यह है की टोल प्लाजा बैरियर जो पहाड़  पर लगा है उसे रोड से चाकघाट की ओर जाने वाली वाहनों के सड़क  में जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बना दिया गया है जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग मानक के विपरीत है ।राष्ट्रीय राजमार्ग में कहीं भी स्पीड ब्रेकर नहीं होना चाहिए किंतु सोहागी पहाड़ झिरिया टोल प्लाजा से 2 किलोमीटर से ज्यादा जगह पर स्पीड ब्रेकर  बनाया गया है जिसमें आए दिन वाहन नियंत्रित होने की बजाय अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं ।

भारी वाहन इस मार्ग पर चलते हैं जिसमें ओवरलोड माल लदा रहता है उसे रोकने के लिए चाकघाट की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के घूरपुर थाने में एक ईमानदार थाना प्रभारी की दक्षता के चलते उत्तर प्रदेश की सीमा में ओवरलोड वाहन नहीं जा रही है।वह इमानदारी से कार्यवाही करता है जबकि रीवा से चाकघाट के बीच यातायात विभाग, पुलिस विभाग,आरटीओ विभाग, खनिज विभाग आदि की मिलीभगत से ओवरलोड का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिसके चलते ओवरलोड वाहन अनियंत्रित होकर  दुर्घटना के शिकार होते हैं। रीवा क्षेत्र में खनिज विभाग, यातायात पुलिस,आरटीओ विभाग, एवं पुलिस थाने सहित कई अधिकारियों के माहवारी इन्ट्री वसूली बंधे हुए हैं जिस के लालच में ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही नहीं की जाती।

 ओवरलोड वाहन दुर्घटना के शिकार होते हैं और जानमाल की क्षति होती है। यहाँ जो भ्रष्टाचार घूसखोरी हो रही है उस पर किसी तरह का कोई लगाम नहीं लग पा रहा है। पहाड़ उतरते समय पहाड़ पर वाहन दुर्घटना में ज्यादातर ब्रेक फेल होने का मामला सामने आता है। पहाड़ पर  ऐसा सुरक्षा स्थल नहीं बनाया गया है जिसमें कुछ दूर तक बालू भर दिया जाए और ब्रेक फेल होने वाले वाहन उस बालू की दिशा में अपनी गाड़ी मोड़ कर दुर्घटना ग्रस्त होने से बच सकते है ।

 दुर्घटना बचाव के नाम पर यहाँ  सिर्फ कागजी कार्यवाही एवं  हवा हवाई काम  किया जा रहा है ।सड़क के किनारे शराब की दुकान खुलेआम खोली जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे शराब की दुकान से वाहन चालकों के अंदर शराब पीने की प्रवृत्ति बढ़ती है और वे नशे की हालत में दुर्घटना के शिकार होते हैं।

यदि वास्तव में प्रशासन वाहन दुर्घटना को रोकना चाहता है तो उसे ओवरलोड पर रोक लगाना होगा, सड़कों में बने अवैध गति अवरोधक (स्पीड ब्रेकर) हटाना होगा, राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे शराब की दुकानों को पूरी जिम्मेदारी के साथ बंद कराना होगा तथा पहाड़ पर कुछ ऐसे स्थान निश्चित किए जाने होंगे जहाँ ब्रेक फेल वाहन उसमें जाकर अपनी गाड़ी और स्वयं को सुरक्षित बचा सकें।