बड़ी अपडेट : MP के 4.75 लाख पेंशनरों के लिए बड़ी अपडेट, हर महीने पेंशन में 17000 तक नुकसान, जानें कब मिलेगा लाभ?

MP के 4.75 लाख पेंशनरों के लिए बड़ी अपडेट
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MP के 4.75 लाख पेंशनरों के लिए बड़ी अपडेट, हर महीने पेंशन में 17000 तक नुकसान, जानें कब मिलेगा लाभ?

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 7th Pay Commission. एक तरफ केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत एक बार फिर बढ़ने की चर्चाएं तेज है, वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पौने पांच लाख पेंशनरों (MP Pensioners) का 31 % महंगाई राहत पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है। इस देरी के कारण मध्य प्रदेश के 4 लाख 75 हजार पेंशनरों को अबतक सिर्फ 17 प्रतिशत ही डीआर मिल रहा है और हर महीने मिलने वाली पेंशन में 17000 रुपए तक का नुकसान हो रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जवाब ना मिलने के कारण प्रदेश के 4 लाख 75 हजार पेंशनरों को केवल 17 प्रतिशत डीआर मिल रहा है, जबकि केंद्र के पेंशनरों को 34 प्रतिशत। इससे पेंशनरों की हर महीने मिलने वाले पेंशन में 1200 से 17000 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। मप्र में पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 7750 रुपए और अधिकतम 1 लाख 10 हजार रुपए तक है। अधिनियम के तहत जब तक दोनों राज्य पेंशनरों के महंगाई राहत बढ़ाने पर सहमत नहीं होते तब तक उन्हें बढ़ी हुई महंगाई राहत नहीं दी जाएगी।

दरअसल, वर्तमान में  मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों (MP Employees DA Hike) को केन्द्र के समान 31% महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन पेंशनरों (MP Pensioners) को अबतक 17% डीआर ही दिया जा रहा है। इसका कारण मध्य प्रदेश के वित्त विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर अबतक छत्तीसगढ़ सरकार का सहमति ना देना है, चुंकी मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।इसके लिए वित्त विभाग दो बार पत्र लिख चुका है, लेकिन अबतक कोई फैसला नहीं हो पाया है।

आपको बता दे कि वर्ष 2000 के पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन और राहत का 74% वित्तीय भार मध्य प्रदेश और 26% छत्तीसगढ़ उठाती है, ऐसे में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।इसके लिए बीते दिनों मप्र के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भी लिखा था, लेकिन उस पर सहमति नहीं दी गई है।छत्तीसगढ सरकार का कहना था कि वे अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे। अब अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को लेना है

इसके बाद ही दोनों राज्यों के पेंशनरों की महंगाई राहत में इजाफा होगा।हालांकि शिवराज कैबिनेट ने डीए के साथ डीआर में भी 11 प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी पहले ही दे दी है और  6 लाख 90 हजार कर्मचारियों को 31% DA का भी लाभ मिलने लगा है, लेकिन पेंशनरों को अब भी इसका इंतजार है। हाल ही में पेंशनरों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda)-और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मदद की गुहाई लगाई थी, वही मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को भी ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन की तरफ से कानूनी नोटिस भेजा गया था।