निजी विद्यालय में शिक्षा के नाम पर बच्चों का शोषण हो रहा है -

शिक्षा का मंदिर बना व्यापार का अड्डा -
 
 | 
q

File photo

बिना मापदंड के आधार पर क्षेत्र में संचालित हो रही प्राइवेट स्कूल -

हनुमना। शिक्षा को हमारे समाज में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। जिसकी बदौलत मानव ने इतनी तरक्की की है कि आज चांद तक चांद तक पहुंच गया है बिना शिक्षा के मनुष्य के दिमाग का विकास नहीं होता असंभव है। गांव में सरकारी विद्यालय मौजूद है लेकिन स्कूलों की जर्जर स्थिति एवं अध्यापकों का  पारंपरिक ढंग से पढ़ाना एवं अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह रहना अभिभावकों को पसंद नहीं आ रहा है । इसी के चलते अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में पढ़ाने को विवश है जबकि प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए कंपनी अधिनियम 1956 को धारा 25 के अनुसार स्कूल गैर लाभकारी संस्थान के तौर पर चलाएं जा सकते हैं ट्रस्ट या सोसाइटी का निर्माण कर कोई भी व्यक्ति सरकार से एनओसी प्राप्त का प्राइवेट स्कूल का निर्माण करा सकता है प्राइवेट स्कूल संचालक दिशा निर्देश का पालन नहीं करते हैं। हनुमना तहसील क्षेत्र अंतर्गत जितने भी प्राइवेट स्कूल संचालित है जिसमें शासन द्वारा दिए गए किसी भी दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जाता।उसके बावजूद भी शिक्षा का व्यवसायीकरण मनमानी ढंग से किया जा रहा है।प्राइवेट स्कूल में फीस बच्चों के यूनिफॉर्म और किताबों के नाम पर जमकर लूट मची हुई है।जिसका विरोध यदि अभिभावक द्वारा किया तो उसके बच्चे को स्कूल से निकालने की धमकी दी जाती है। यदि किसी गरीब बच्चों की फीस दो-चार दिन भी लेट हो जाती है तो अधिकतर स्कूल के उसे स्कूल से निकलवाने की धमकी दी जाती है। और बच्चों की फीस के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है । कक्षा 10वीं एवं 12वीं पास बच्चों को बिना किसी प्रशिक्षण मापदंड अध्यापन कार्य के लिए नियुक्त कर लिया गया है। क्षेत्र में संचालित ज्यादातर स्कूलों से मोटी रकम फीस के नाम पर ली जाती है और शिक्षा व्यवस्था न के बराबर है सरकारी स्कूल की लाचार व्यवस्था कारण अभिभावक निजी स्कूलों पर निर्भर के लिए विवश हैं।

 बिना मापदंड के संचालित हो रही है -

हनुमना तहसील क्षेत्र अंतर्गत संचालित प्राइवेट स्कूल शासन के मापदंड के आधार पर नहीं संचालित हो रही हैं अगर भौतिक सत्यापन कराया जाए तो ज्यादातर स्कूलों में मापदंड का पालन नहीं मिलेगा। वही कागज में मापदंड दर्शाया गया है जहां आपको बता दें हनुमना मसूरिया टोल प्लाजा रोड से थाने तक में संचालित प्राइवेट स्कूल इन बिना मापदंड के आधार पर संचालित हो रही हैं। वही शाहपुर रोड से लेकर मोटापा बाईपास साथ ही हनुमना क्षेत्र में कई स्कूलों की मान्यता आठवीं तक है । हनुमना सीधी रोड में इसी तरह संचालित हो रही है बिना मापदंड पर न लाइब्रेरी की व्यवस्था ना बच्चों को खेलने की व्यवस्था ग्राउंड भी नहीं वही यही एक बच्चे पिजड़े की तरह कैद रहते हैं। 

जब यह शहरी क्षेत्रों की स्कूलों का हाल है वही बात की जाए ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह संचालित हो रही है ।लेकिन दसवीं तक संचालित कर रहे हैं वही बात की जाए 12वीं तक को संचालित कर रहे हैं जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आए हैं। वही कुछ स्कूलों की मान्यता कहीं दूसरे स्थान में संचालित हो रही है लेकिन मान्यता दूसरे स्थान की है। वहीं प्राइवेट स्कूलों में प्रत्येक वर्ष सिलेबस को बदल दिया जाता है एवं अपने मनपसंद कमीशन सेट कर प्राइवेट स्कूलों से बुक को सेल कराया जाता है।