शिक्षक सरस को दी गई भावभीनी विदाई -

शिक्षक सरस को दी गई भावभीनी विदाई -
 
 | 
1

File photo

शिक्षक सरस को दी गई भावभीनी विदाई -

चाकघाट। सुकवि गीतकार श्री शिवाकान्त त्रिपाठी "सरस" जी अपनी अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करके शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए।

 इस अवसर पर आयोजित है कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि की आसंदी से सोहागी के पूर्व सरपंच-समाजसेवी श्री लल्लू राम द्विवेदी 'समदर्शी' ने कहा कि शिक्षक कभी भी सेवामुक्त नहीं होता बल्कि उसकी सेवा का कार्य क्षेत्र बदल जाता है। सभा की अध्यक्षता कर रहे बघेली कवि-शिक्षक सुधाकान्त मिश्र 'बेलाला' ने 'सरस' जी के साथ बालपन से लेकर अब तक की मित्रता एवं साथ का उल्लेख किया।  

बघेली हास्य कवि रामसुख मिश्र 'सफाया' एवं गायक रामाज्ञा प्रसाद शास्त्री ने उद्बोधन एवं गीत-कविता से लोगों का संबोधन किया। एडवोकेट राजभान सिंह ने अपने गाँव के विद्यालय में 'सरस' जी के कार्य- व्यवहार का उल्लेख करते हुए उनकी व्यवहार कुशलता का उल्लेख किया। विद्यालय के प्रभारी अध्यापक  गुलाब प्रसाद जी ने 'सरस' जी का शाल श्रीफल से सम्मान करते हुए भावुक कंठ से 'सरस' जी के साथ बिताए गए दिनों को याद किया। इस अवसर पर 'सरस' जी की धर्मपत्नी, परिवार, गाँव एवं विद्यालय के आसपास के गणमान्य नागरिक रामायण प्रसाद मिश्र,अपने सहयोगियों के साथ द खबरदार न्यूज़ के एडिटर विजय कुमार मिश्र विद्यालय के समस्त अध्यापक व छात्र उपस्थित रहे। 

सरस जी की स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए उनके कर कमलों से विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया। सभा का संचालन एडवोकेट उमाशंकर तिवारी 'दूरदर्शी' द्वारा किया गया।।  (रामलखन गुप्त)