छात्राएं वार्डन के रहते सरपंच से लेनी पड़ी मद्त: दमोह में ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल में फूड पॉइजनिंग का कहर, दर्जन भर छात्राएं हुई बीमार -

गर्ल्स हॉस्टल में फूड पॉइजनिंग का कहर, दर्जन भर छात्राएं हुई बीमार -
 
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छात्राएं वार्डन के रहते सरपंच से लेनी पड़ी मद्त: दमोह में ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल में फूड पॉइजनिंग का कहर, दर्जन भर छात्राएं हुई बीमार -

Damoh News : मध्यप्रदेश के दमोह जिले से फूड पॉइजनिंग का बड़ा मामला सामने आया है। जहां गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली दर्जन भर छात्राएं बीमार हुई है, जिन्हें दमोह के जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।

देखते-देखते दर्जन भर छात्रा हुई बीमार -
दरअसल, मामला दमोह जिले के टौरी कस्बे का है। जहां सरकारी आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं अचानक बीमार हो गई। बीमार हुई बच्चियों के मुताबिक, उन्होंने शाम के खाने में रोज की तरह दाल, चावल, सब्जी और रोटी खाई थी लेकिन रात को अचानक एक-दो छात्राओं को उल्टी की शिकायत हुई, जिसकी सूचना उन्होंने हॉस्टल की सहायक वार्डन को दी। सहायक वार्डन इसे मामूली मानती रही लेकिन देखते-ही-देखते हॉस्टल की दर्जन भर छात्राओं को उल्टी और दस्त की शिकायत आने लगी, जिसके बाद छात्राओं ने ही गावँ के सरपंच को इस बात की सूचना दी। जिसके बाद देर रात ग्रामीणों की मदद से बीमार छात्राओं को दमोह के जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर्स की टीम ने पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है।

डॉ.ने बताया फूड पॉइजनिंग का मामला -
चिकित्सक जिला अस्पताल के डॉ. रोहित जैन के मुताबिक, पहली नजर में ये फूड पॉइजनिंग का मामला है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए हॉस्टल के खाने की जांच कराई जाएगी। फिलहाल, सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं। मतलब कोई गंभीर नही है लेकिन सभी को अस्प्ताल में भर्ती कराया गया है।

दो घंटे तक बच्चियों को नहीं दी गई दवाई -
गर्ल्स हॉस्टल की ही एक छात्रा कविता ने बताया कि, छोटी-छोटी बच्चियों को ढंग से खाना नहीं दिया जाता है। बच्चियों को हॉस्टल परिसर में पड़ी गंदगी देखकर उल्टी आने लगी, तो किसी को अचानक पढ़ते-पढ़ते। कई बार बोलने के बाद भी उन्हें दवाईयां नहीं दी गई और लगभग दो घंटे तक बच्चियां ऐसी ही डली रही। तब जा कर हमने ग्रामीणों की सहायता ली।

वार्डन ने फूड पॉइजनिंग से किया इंकार -
वहीं, हॉस्टल की वार्डन दीप्ती चौबे फूड पॉइजनिंग से इंकार कर रही हैं। वार्डन की मानें तो वहीं खाना हॉस्टल के डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चियों और स्टाफ ने खाया है कोई और बीमार नही पड़ा। उनके मुताबिक एक-दो बच्चियों ने हॉस्टल परिसर में पड़ी गंदगी को देख लिया, जिससे उसे उल्टी हुई और उसे देखकर बाकी बच्चियों को इस तरह की शिकायत आई है। फिलहाल, बच्चियों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। क्रेडिट MP ब्रेकिंग दमोह से आशीष कुमार जैन