आदिवासियों को लुभाने शिवराज ने रैलियों में करोड़ों फूंके रोजगार के कोई इंतजाम नहीं.. शिव सिंह

प्रधानमंत्री गृहमंत्री की सभाओं में उड़ाए करोड़ों रुपए -
 
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File photo

आदिवासियों को लुभाने शिवराज ने रैलियों में करोड़ों फूंके रोजगार के कोई इंतजाम नहीं.. शिव सिंह

रीवा 1 मई 2022... संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने शिवराज सरकार पर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैलियों के माध्यम से आदिवासियों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सहित तमाम केंद्रीय मंत्रियों कि भोपाल में आयोजित आदिवासी रैलियों में करोड़ों रुपए फूंक दिए गए लेकिन आदिवासियों के रोटी रोजगार के कोई इंतजाम नहीं किए गए शिवराज सरकार चाहती तो प्रदेश के आदिवासियों का रैलियों पर खर्च किए गए करोड़ों रुपयों से पारिवारिक हालात सुधारे जा सकते थे लेकिन भाजपा सरकार ने ऐसा न कर आदिवासी समाज के साथ बड़ा धोखा एवं छल किया है यही वजह है कि बीते 10 महीने के भीतर देश के भाजपा के शीर्षस्थ नेता तीन बार मध्यप्रदेश में आदिवासियों की रैली को संबोधित कर चुके हैं 18 सितंबर को जबलपुर में अमित शाह 15 नवंबर को भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 22 अप्रैल को भोपाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा कराकर उन्हें गुमराह करने का कार्य किया गया है सरकार चाहती तो जिस तरह से भूखमरी महंगाई बेरोजगारी का व्यापक असर प्रदेश में व्याप्त है ऐसे कठिन दौर में आदिवासी समाज के हालात रैलियों में खर्च किए गए करोड़ों रुपए से सुधारे जा सकते थे ऐसे ही हालात पूरे प्रदेश के आवाम के हैं चाहे वह जिस वर्ग समुदाय का हो सब की हालत बिगड़ चुकी है ।

देखा जाये तो आदिवासी समुदाय के लोग भी इस धरती का हिस्सा हैं उन्हें भी समाज में पूरे हक के साथ जीने का अधिकार है लेकिन शिवराज सरकार द्वारा आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए जो तरकीब अपनाई जा रही है वो समझ के परे है शिवराज सरकार ने चुनावी कार्यक्रम के लिए 1 घंटे के अंदर करोड़ों फूंक दिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार आयोजनों की सरकार बन गई है इस सरकार में सबसे ज्यादा ध्यान काम की जगह ब्रांडिंग पर दिया जा रहा है अगर यह सरकार इसी पैसे का सही उपयोग करती तो इन्हीं गरीबों के घर रोशन हो जाते युवाओं को रोजगार मिलता ।

प्रधानमंत्री गृहमंत्री की सभाओं में उड़ाए करोड़ों रुपए -

श्री सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 नवंबर को भोपाल दौरे के दौरान प्रदेश सरकार ने 55 करोड़ रुपए से अधिक उड़ा दिये थे ठीक इसी तरह इस बार भी शिवराज सरकार ने अमित शाह के आगमन में आयोजित समारोह में ब्रांडिंग परिवहन आयोजन स्थल खान-पान सहित अन्य मदों में लगभग 30 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी गई यानि कि लगभग 10 महीने में सरकार ने अपनी छवि चमकाने के लिए जनता के 80 करोड़ रुपए से अधिक फूंक दिये इसी तरह इन तीन सभाओं के अलावा पूरे प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में भी आयोजन किए गए जिन कार्यक्रमों में भी लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन ऐसे कार्यक्रमों से एक भी आदिवासी समाज के परिवार का भला नहीं हुआ है जबकि प्रदेश का हर नागरिक आज कर्ज में डूबा हुआ है प्रदेश में बीते एक साल में हर बच्चे महिला और पुरुष पर 04 हजार रुपए कर्ज बढ़ा है 2018-19 में प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन 25 हजार रुपए का कर्ज था जो 2019-2020 यानी 31 मार्च को बढ़कर 29 हजार रुपए हो गया है आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी शिवराज सरकार ने आदिवासियों के बड़े-बड़े आय़ोजन करके उन्हें वोट के लिए लुभाने का काम किया है।

 लेकिन उनके बेटा-बेटियों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने कोई बड़े कदम नहीं उठाए आदिवासी अपने गांव घर में बैठकर केवल समय खराब करने को मजबूर हैं मदिरा पीकर अपना शरीर और परिवार की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ने में जुटा हुआ है आदिवासियों को मिले बोनस का सदुपयोग किस तरह होगा यही भी चिंतनीय है।