MP मंत्री रामखेलावन पटेल के पत्नी की जमीन सरकारी घोषित, निजी बताकर बनाई जा रही थीं दुकानें -

निजी बताकर बनाई जा रही थीं दुकानें -
 
 | 
1

Photo by google

MP मंत्री रामखेलावन पटेल के पत्नी की जमीन सरकारी घोषित, निजी बताकर बनाई जा रही थीं दुकानें -

सतना। फर्जी तरीके से सरकारी जमीन को निजी बनाने के मामले में रीवा संभागायुक्त में बड़ा फैसला सुनाया है। जिसके अनुसार प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल की पत्नी के नाम रही करोड़ों रुपए की जमीन सरकारी घोषित कर दी गई है। हालांकि, इससे पहले भी जमीन को सरकारी किए जाने का आदेश अमरपाटन तहसीलदार ने भी दिया था।

यह आराजियां हुई सरकारी
बता दें कि रीवा संभाग कमिश्नर अनिल सुचारी की अदालत ने अमरपाटन तहसील के उमराही मथुरियान की आराजी नंबर 179 रकबा 1.70 एकड़, आराजी नंबर 154/2 रकबा 0.28 डिसमिल और आराजी नंबर 158/2 रकबा 0.28 डिसमिल को राजस्व अभिलेखों में दोबारा शासकीय दर्ज करने का आदेश पारित किया है।

दरअसल वर्ष 1958- 59 के राजस्व रिकॉर्डों में यह ंतीनों आराजियां मप्र शासन के स्वामित्व में दर्ज थीं। जिन्हें बाद में फर्जीवाड़ा कर एडवोकेट गोकर्ण प्रसाद त्रिपाठी ने पहले अपने नाम और फिर अपनी पत्नी सौभाग्य देवी, बेटे अशोक त्रिपाठी और चचेरे भाई परमेश्वर प्रसाद त्रिपाठी के नाम दर्ज करा लिया था। परमेश्वर के नाम आराजी नंबर 154/2 गोकर्ण के नाम होने के 3 दिन बाद दर्ज हुई थी। बाद में इन सरकारी जमीनों को बेच भी दिया था। इसी में से आराजी नंबर 158/2 को पंचायत राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल ने अपनी पत्नी ऊषा किरण पटेल के नाम पर खरीद लिया था। जो राजस्व अभिलेखों में आराजी नंबर 158/2/2 के तौर पर दर्ज हुई। बता दें, इन जमीनों की मौजूदा कीमत बाजार दर के अनुसार लगभग 30 करोड़ आंकी गई है।

तहसीलदार के आदेश को संभागायुक्त ने माना सही
साल 2018 में तहसीलदार ने पहले से जारी हुए आदेश का हवाला देते हुए राजस्व रिकोर्ड में अपडेट करने का आदेश पटवारी को दिया। पटवारी ने लिखा पढ़ी तो की लेकिन शासकीय जमीन पर फर्जी तरीके से दर्ज हुई निजी भूमि स्वामियों के नाम उसने नहीं हटाए। जिसके बाद परमेश्वर प्रसाद के पुत्रों ने आराजी पर दुकानों का निर्माण शुरू करा दिया। इसके बाद मामला कमिश्नर रीवा संभाग के कोर्ट में पहुंचा। कमिश्नर ने जांच के बाद तहसीलदार के आदेश को सही मानते हुए अमरपाटन तहसील के उमराही मथुरियान गांव की आराजी नंबर 179, 154/2 और 158/2 को दोबारा राजस्व अभिलेखों में मप्र शासन के स्वामित्व में दर्ज किए जाने का आदेश पारित कर दिया।
क्रेडिट -गुड मॉर्निंग डिजिटल