नाबालिग का अपहरण कर कैद में रखकर अश्लील हरकत वाले आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास।

नाबालिग का अपहरण कर कैद में रखकर अश्लील हरकत वाले आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास।
 
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File photo

नाबालिग का अपहरण कर कैद में रखकर अश्लील हरकत वाले आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास।

जावद। श्रीमान एन.एन. सिंह मीना, अपर सत्र न्यायाधीश, जावद द्वारा नाबालिग बालिका का अपहरण कर उसे कैद में रखकर अश्लील हरकत करने वाले आरोपी विनय पिता राजेश, उम्र-20 वर्ष, निवासी-धाकड़खेडी अठाना, तहसील जावद, जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 363 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2500रू जुर्माना व पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के अंतर्गत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000रू जुर्माना से दण्डित किया।

श्री जगदीश चौहान, विशेष लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 09.10.2020 को फरियादी ने थाना जावद पर उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई की उसकी बहन की लडकी 17 वर्षीय पीडिता एक दिन पहले उसकी भाभी के साथ हस्पिटल गई थी तभी दोपहर के समय पीडिता किसी को बिना बताये कही चली गई हैं, जिसकी तलाश करने पर भी पता नहीं चला। फरियादी द्वारा बताई घटना के आधार पर थाना जावद में अपराध क्रमांक 367/20 धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान एस.आई. कामिनी शुक्ला द्वारा दिनांक 19.10.2020 को आरोपी के कब्जे से पीडिता को दस्तयाब किया गया था। पीडिता से पूछताछ करने पर उसने बताया की आरोपी उसे बहला फुसला कर ले गया था तथा उसको 10 दिन तक कैद में रखकर उसके साथ अश्लील हरकत की थी, जिस आधार पर प्रकरण में धारा 354ए भारतीय दण्ड संहिता, 1860 व धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट को बढाते हुए शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्णकर अभियोग पत्र जावद न्यायालय में पेश किया गया।

    अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान जब पीडिता व उसके परिवार के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कर आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का तर्क रखा गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 363 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2500रू जुर्माना व पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के अंतर्गत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000रू जुर्माना से दण्डित करते हुए पीडिता को 6000रू प्रतिकर प्रदान करने का आदेश भी पारित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री जगदीश चौहान, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।