कानून की नजर में खुद को मरा हुआ साबित करने के आशय से निर्दोष व्‍यक्ति की हत्‍या कर लाश जलाने वाले आरोपी को हुई फांसी की सजा

आजीवन कारावास की सजा पाया आरोपी पैरोल पर आया था जेल से बाहर
 
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दुबारा जेल जाने से बचने का था प्रयास निर्दोष व्‍यिक्‍त की हत्‍या कर लाश जलाकर खुद को मरा हुआ साबिर करने का था इरादा 
 

 भोपाल। जनसम्‍पर्क अधिकारी भोपाल संभाग श्री मनोज त्रिपाठी एवं मीडिया सेल प्रभारी दीपक बंसोड ने बताया कि  दिनांक 08/05/2023 माननीय विशेष न्‍यायालय श्री धर्मेन्‍द्र टाडा, सप्‍तम अपर सत्र न्‍यायाधीश के द्वारा आरोपी रजत सैनी को धारा 302, 201, 489क, 489ख, 489घ, भादवि में दोष सिद्ध पाते हुये आरोपी धारा 302 भादवि में मृत्‍युदण्‍ड, 489क, 489ख, 489घ, में पृथक-पृथक आजीवन कारावास एवं धारा 201 भादवि व धारा 489ग भादवि में 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्‍येक दण्‍ड के लिए 1000रू का अर्थदण्‍ड के दण्‍ड से दण्डित किया गया । 

उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती वर्षा कटारे द्वारा पैरवी की गई है । 
 
घटना का संक्षिप्‍त  विवरण :- दिनांक 14/07/2022 लगभग खजूरी सडक थाने स्थित मकान नंबर 586 फंदा में एक व्‍यक्ति की अधजली लाश  मिली जिसके चहरे पर अधजला कपडा बंधा था कपडे को हटा कर देखा तो वहीं पडोस में रहने वाले अमन दांगी की थी जिसकी पहचान उसके चचरे भाई भईयालाल दांगी ने की थी । उक्‍त मकान रजत सैनी द्वारा किराय पर लिया हुआ था आरोपी रजत सैनी को पहले राधवगढ गुना न्‍यायालय ने एक बच्‍चे के व्‍यपहरण के मामले में आजीवन कारावास व 50000रू के अर्थदण्‍ड के दण्‍ड से दण्डित किया था। आरोपी ग्‍वालियर के केन्‍द्रीय जेल में निरूद्ध होकर पैरोल पर बाहर आया था इसी दौरान आरोपी पुन: जेल जाने से बचने के लिए अपने आप का मृत साबित करने के लिए अमन दांगी को मार कर उसके चहरा जला दिया ताकि वह खुदको मरा साबित कर सकें। आरोपी के मेमोरेण्‍डम के आधार पर पुलिस ने पांचसौ-पांचसौ रूपये के 201 नकली नोट जप्‍त किये । 

उक्‍त मामलें में माननीय न्‍यायालय द्वारा 04/05/2023 को आरोपी को दोषी पाया था और दण्‍ड के प्रश्‍न पर मामले को स्‍थगित रखा था तत्पश्‍चात माननीय न्‍यायालय के संज्ञान में आरोपी के पूर्व दोषसिद्धि के संबंध में तथ्‍य लाये गये एवं इस बावत् पूर्व दोषसिद्धि के निर्णय व आरोपी के केन्द्रिय जेल में उसके आचरण के संबंध में दस्‍तावेज प्राप्‍त कर माननीय न्‍यायालय के समक्षा पूर्व दोषसिद्धि के तथ्‍य प्रस्‍तुत कर साक्ष्‍य अभिलेख पर अंकित कराई गई। इस विशेष प्रयास के परिणामस्‍वरूप विधिक सिद्धांतों का पालन करते हुऐ नियमानुसार माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी रजत सैनी को धारा 302 भादवि में मृत्‍युदण्‍ड, 489क, 489ख, 489घ, में पृथक-पृथक आजीवन कारावास एवं धारा 201 भादवि व धारा 489ग भादवि में 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्‍येक दण्‍ड के लिए 1000रू का अर्थदण्‍ड के दण्‍ड से दण्डित किया गया ।