हिन्दू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा पहुँची सारागाँव के सरस्वती संस्कार केंद्र,बच्चों का सनातनी आचरण देख गदगद हुए संत

बच्चों का सनातनी आचरण देख गदगद हुए संत
 
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हिन्दू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा पहुँची सारागाँव के सरस्वती संस्कार केंद्र,बच्चों का सनातनी आचरण देख गदगद हुए संत

क्षेत्र में सरस्वती केंद्रों की स्थापना और सफल संचालन गणेश शंकर मिश्रा द्वारा सनातन समाज के लिए एक अमिट योगदान; पिता ने देश के आज़ादी में योगदान दिया अब पुत्र राष्ट्र निर्माण के कार्य में जीवन लगा रहा है- आचार्य राकेश

मिश्र निवास में वैदिक मंत्रोच्चरण और घंटी-शंख के गुंजन के साथ हुआ संतों का आतिथ्य सत्कार 

सनातन परंपरा के संरक्षण के उद्देश्य से प्रारंभ हुई हिन्दू स्वाभिमान जागरण यात्रा सुबह खरोरा से निकलकर अंचल के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं लखनलाल मिश्र के खरोरा के समीप स्थित निवास पर पहुँची जहां पं मिश्र के पुत्र पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और वर्तमान में भाजपा के नेता गणेश शंकर मिश्रा और उनके परिवार द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण और शंख, घंटी के ध्वनि के बीच स्वागत सत्कार किया गया। यहाँ संतों ने मिश्रा के निवास स्थित गौशाला का अवलोकन भी किया जिसके बाद उन्होंने अपनी पदयात्रा पर निकल पड़े। 

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मिश्र निवास से संतों की टोली पदयात्रा करते हुए सारागाँव के कस्तूरबा गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट में स्थित पं लखनलाल मिश्र की स्मृति सरस्वती संस्कार केंद्र पहुँचे जहां के बच्चों ने महात्मनों का स्वागत गीत और पुष्पवर्षा से अभिनंदन किया। यहाँ आयोजित एक संक्षित कार्यक्रम में शम्भूनाथ चक्रवर्ती जी ने पदयात्रा की महत्ता बताते हुए विलुप्तता की चुनौती झेल रहे सनातन संस्कृति को संरक्षित रखने हेतु अपना उद्बोधन लोगों को दिया। उन्होंने हिन्दू परंपरा को बनाए रखने घर-घर में सद्भाव बढ़ाने और बच्चों में अच्छे संस्कार डालने पर ज़ोर दिया। पदयात्रा के संचालक आचार्य राकेश ने इसी कड़ी में अपना उद्बोधन देते हुए वहाँ मौजूद गणेश शंकर मिश्रा द्वारा अंचल में संचालित सरस्वती संस्कार केंद्रों की सराहना करते हुए मिश्रा के इस सामाजिक योगदान को अप्रतिम बताया।

 उन्होंने कहा कि मिश्रा के पिता पं लखनलाल जी ने जिस तरह देश की स्वाधीनता के लिए अपने उजालों को न्योछावर कर दिया उसी प्रकार गणेश शंकर जी भी राष्ट्र निर्माण में अपना जीवन खपा रहे हैं। संस्कार केंद्र के बच्चों की लोक प्रस्तुति से सभी संत बड़े प्रभावित हुए एवं उनके द्वारा परोसे गए भोजन और सेवा ग्रहण करने के पश्चात् थोड़े विश्राम करने के बाद आगे रायपुर के लिए पदयात्रा करते हुए निकल गये। 
 
इस अवसर पर सरगाँव की सरपंच पुन्नीबाई, संस्कार केंद्रों की संयोजक मैडम चंद्राकर, परमानंद दुबे, अंजय शुक्ला, पुरशोत्तम साहू, जगदीश वर्मा एवं सिश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ नगर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।