श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में गुड के रस से किया गया शिवजी का रूद्र अभिषेक

महायज्ञ में हो रहा संतो का समागम,दर्शनों के लिये भक्तों की उमड़ी भीड़
 
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श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में गुड के रस से किया गया शिवजी का रूद्र अभिषेक

सुख, शांति, समृद्धि के लिये हर घर में होनी चाहिये रामायण: आचार्य धीरेन्द्र मनीषी

कुपात्र को दान देने से दान देने वाला भी पाप का भागी बनता है: आचार्य धीरेन्द्र मनीषी

सागर : सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजघाट स्थित माँ शारदा देवी मंदिर प्रागण में चल रहे विश्व कल्याण हेतु श्री सीताराम नाम जप 1008 कुण्डीय महायज्ञ में मंगलवार को प्रातः 05 बजे गुड के रस से शिवजी का रूद्र अभिषेक किया गया। आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने बताया कि गुड के अभिषेक का महत्व शास्त्रों में बताया गया है कि जो जातक गुड के रस से शिवजी का अभिषेक करता है उसका परिवार, कुटुम्ब में कोई भी व्यक्ति गलत रास्ते पर नहीं जाता कुल में कलंक लगाने वाले रास्ते पर नहीं जाता शिवजी का गुड के रस से अभिषेक सद मार्ग, सद बुद्धि के लिये किया जाता है। तत्पश्चात रामायण श्लोकों द्वारा यज्ञ शाला में आचार्य धीरेन्द्र मनीषी द्वारा वनवास गये प्रभु श्री राम का वृतान्त बताया गया कि सीताजी की खोज कर हनुमान जी रामचंद्र जी के पास पहुंचे सारी स्थिति बताते हुये हनुमान जी ने रावण के अहंकार और अन्याय की बात बताई जिसके बाद श्रीराम की ओर से अंगद को शांतिदूत के रूप में भेजा गया लेकिन अहंकारी रावण अपने अहंकार के मद में चूर्ण रहा जिसके कारण आखिरी रास्ता युद्ध निश्चित हुआ। प्रभु श्री राम ने युद्ध से पहले समुद्र में सेतू का निर्माण कराया ताकि उनकी सेना उस पार पहुंच सके। सेतू बनाने के लिये नल और नील को बुलाया गया जहां राम का नाम लिखकर सेतू बनाया गया। आचार्य ने बताया कि राम के नाम की महिमा राम सेतू बनने पर खुद राम ने देखी कि उन्होंने पत्थर पर राम लिखकर समुद्र में छोड़ा तो वह पत्थर डूब गया बाकि अन्य वानर राम नाम लिखकर समुद्र के पानी में पत्थर तैरा रहे थे यह देखकर श्री राम को खुद आश्चर्य हुआ जामवंत ने श्रीराम से कहा कि जिसको प्रभु श्रीराम खुद ही छोड़ दे वह तो डूब की जायेगा।

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 रामायण श्लोक आहुतियों के बाद यज्ञशाला में आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने यजमानों को यज्ञ करने के नियम बताये जिसमें उन्होंने कहा कि श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ की महिमा इतनी अधिक है कि युगों युगों से लोग राम नाम से अपने पापों से मुक्ति पा रहे हैं। राम नाम जप को लेकर श्री मनीषी ने नारद और सनद के संवाद का वर्णन करते हुये कहा कि बाल्मिकी रामायण जन्मों जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाती है उन्होंने राजा सुमति तथा उनकी पत्नि सत्यवति सहित सोेमदत्त की कथा सुनायी कि किस तरह पूर्व जन्मों के पापों से इन लोगों को श्री सीताराम नाम जप रामायण सुनने के बाद मुक्ति मिली थी आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने कहा कि हर घर में सुख, समृद्धि, शांति और संस्कार चाहिये तो हर घर में रामायण की पुस्तक होनी चाहिये इसका प्रताप इतना है कि सभी प्रकार के रोग दोष भूत पिशाच दुख दर्द नष्ट हो जाते हैं कलयुग में रामायण ग्रंथ आज भी उतना की प्रतापी और तेजस्वी है जिसके रखने तात्र से सभी प्रकार के रोग दोष नष्ट होते हैं आचार्य ने यजमानों को बताया कि नौ दिन बाल्मिकी रामायण करते समय किसी भी कुपात्र को दान नहीं देना चाहिये क्योंकि ऐसा व्यक्ति जो शराब या अन्य किसी बुराई में आपके दिये हुये दान का उपयोग करेगा तो उससे अधिक दान देने वाले को दोष होता है इसलिये हमेशा सुपात्र को दान दें ताकि आपके दान का सदुपयोग हो सके।

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श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में कुंभ जैसा दृश्य राजघाट पर देखने को मिल रहा है जहां सैकड़ों श्रद्धालु प्रातः 05 बजे से पहुंच रहे हैं इतना ही नहीं इस महायज्ञ में दूर दराज से संतजन भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। मंगलवार को संतो का आगमन महायज्ञ में हुआ जहां राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने महायज्ञ में पधारे संतो का स्वागत एवं सम्मान किया। क्षेत्रवासियों की भारी भीड़ संतो के दर्शनों के लिये उमड़ रही है।

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 इस अवसर पर डॉ. वीरेन्द्र पाठक, राजकुमार सिंह बरकोटी, कुंवर सिंह ठाकुर, मूरत सिंह राजपूत, अरविंद सिंह टिंकू राजा, गुड्डा शुक्ला, अशोक मिश्रा, शरद मिश्रा, राकेश तिवारी, भोले यादव हनौता, घनश्याम पटैरिया, भानू यादव सरपंच, कुलदीप सरपंच, रोशन जाट सरपंच, मुन्ना मिश्रा, गब्बर ठाकुर, रामशंकर पटैरिया, यशवंत अवस्थी, डॉ. संत चौबे, रामठाकुर, हैमेश ठाकुर, पवन दुबे, गोविंद यादव, हेमंत ठाकुर, छतरसिंह ठाकुर, संतोष ठाकुर, देवेन्द्र पप्पू फुस्केले, धीरज सेलट, तखन सिंह, अर्पणा यादव जिला पंचायत सदस्य, सुषमा यादव सहित यज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा सारी व्यवस्थाओं का निरीक्षण एवं श्रद्धालुओं के साथ पुण्य लाभ लिया।

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