श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में दही से किया गया शिवजी का रूद्र अभिषेक

महायज्ञ प्रागण में महाकुंभ जैसा दृष्य पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु
 
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श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में दही से किया गया शिवजी का रूद्र अभिषेक

हनुमान ने जलाई रावण के अहंकार की लंका,अपने अहंकार में किसी को भी कम नहीं आंकना चाहिये: आचार्य धीरेन्द्र मनीषी
श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ प्रागण में महाकुंभ जैसा दृष्य पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु

सागर : सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजघाट स्थित माँ शारदा देवी मंदिर प्रागण में चल रहे विश्व कल्याण हेतु श्री सीताराम नाम जप 1008 कुण्डीय महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं यज्ञशाला का दृश्य देखकर लग रहा है जैसे महाकुंभ राजघाट पर भरा हो धूप और बारिश में भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है जहां व्यवस्थाओं को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत तथा यज्ञ समिति के सभी सदस्य मुस्तैदी से लगे हुये हैं।

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 सोमवार को प्रातः 05 बजे दही से रूद्र अभिषेक किया गया। आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने बताया कि दही से शिवजी का अभिषेक करने से धन, वैभव, पशु धन, वाहन, नौकर चाकर की कमी नहीं होती है पाप नष्ट हो जाते हैं। सुख, समृद्धि, घर परिवार कुटुम्ब में आती है। तत्पश्चात रामायण श्लोकों द्वारा यज्ञ शाला में आचार्य धीरेन्द्र मनीषी द्वारा वनवास गये प्रभु श्री राम का वृतान्त बताया गया कि सीताजी की खोज में चारों दिशाओं में सुग्रीव ने वानर सेना भेजी साथ ही हनुमान जी को सीता जी की खोज के लिये भेज गया जहां सुग्रीव ने हनुमान जी की शक्तियों का उन्हें बोध कराया समुद्र पार करके हनुमान जी लंका पहुंचे जहां उनकी मुलाकात विभीषण से हुई राक्षसों के बीच रामनाम का जाप करने वाले विभीषण ने उन्हें सीताजी का पता बताया जहां रावण ने उन्हें बंधी बनाकर रखा था।

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 अशोक वाटिका पहुंचकर हनुमान जी ने सीताजी से भेंट कर जब राक्षसों की सेना उन्हें पकड़ने आई और उन्हें जलाने के लिये उनकी पूंछ में आग लगाई गई तो उस आग में हनुमान तो नहीं जले लेकिन सोने की लंका जलकर खाक हो गई हजारों राक्षस इस युद्ध में मारे गये यहां तक कि रावण का पुत्र भी इस युद्ध में मृत्यु को प्राप्त हुआ। आचार्य धीरेन्द्र मनीषी ने कहा कि रावण ने हनुमान जी को साधारण वानर समझा जिसके कारण उसके पुत्र की मृत्यु हुई और लंका में आग लग गई किसी को भी उसके शरीर से साधारण नहीं समझना चाहिये हर प्राणी ईश्वर ने बनाया है और हर प्राणी विशेष होता है रावण के अहंकार के कारण उसके पुत्र क मृत्यु हो गई लंका जलाकर श्री राम के पास पहुंचे हनुमान जी ने सारा वृतान्त प्रभु श्रीराम को सुनाया। यज्ञ में जिला पंचायत हीरा सिंह राजपूत अपनी पत्नि के साथ बैठे रामायण के श्लोकों के साथ आहुतियां दी एवं हजारों श्रद्धालुओं के साथ यज्ञ शाला की परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित किया साथ ही गुरू पूजा एवं गुरू आरती सभी यजमानों के साथ की।

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इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं यज्ञ समिति अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, डॉ. वीरेन्द्र पाठक, राजकुमार सिंह बरकोटी, कुंवर सिंह ठाकुर, मूरत सिंह राजपूत, गुड्डा शुक्ला, अशोक मिश्रा, शरद मिश्रा, राकेश तिवारी, भोले यादव हनौता, घनश्याम पटैरिया, भानू यादव सरपंच, कुलदीप सरपंच, रोशन जाट सरपंच, मुन्ना मिश्रा, गब्बर ठाकुर, रामशंकर पटैरिया, यशवंत अवस्थी, डॉ. संत चौबे, राम ठाकुर, हैमेश ठाकुर, पवन दुबे, गोविंद यादव, हेमंत ठाकुर, छतरसिंह ठाकुर, संतोष ठाकुर, धीरज सेलट, तखन सिंह,अर्पणा यादव जिला पंचायत सदस्य, सुषमा यादव सहित यज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा सारी व्यवस्थाओं का निरीक्षण एवं श्रद्धालुओं के साथ पुण्य लाभ लिया।