Shivraj Cabinet Decisions : शिवराज कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी, 1207 करोड़ की सिंचाई परियोजना को स्वीकृति, 900 पद सृजित, जानें कैबिनेट के 10 बड़े फैसले

 शिवराज कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी
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शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। निशुल्क भूमि आवंटन सहित लाइनमैन के लिए जोखिम भत्ता की स्वीकृति प्रदान की गई। 6 उत्पादों के लिए 10 जिलों का चयन किया गया है। साथ ही राजस्व न्यायालयों के कंप्यूटरीकरण को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही 25 नवीन चलित और 20 नवीन स्थाई रसोईघर को मंजूरी दी गई है।

Cabinet Meeting: मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें कई अहम फैसले पर सहमति बनी है। दरअसल प्रदेश में सर्व सुविधा युक्त विद्यालय के लिए अनुमानित लागत 2847 करोड़ 63 लाख के निर्माण कार्य किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही अहिल्याबाई होल्कर इंदौर के लिए निशुल्क भूमि आवंटन का भी निर्णय लिया गया है। नगर क्षेत्र में शासकीय भूमि धारकों के दौरान अधिकरण संबंध में अनु समर्थन दिया गया है। इतना ही नहीं लाइनमैन के लिए जोखिम भत्ते की भी स्वीकृति दी गई है। आइए जानते हैं शिवराज कैबिनेट के 8 महत्वपूर्ण फैसले :

सर्व सुविधायुक्त सीएम राइज विद्यालय के लिए 2847 करोड़ 60 लाख रुपए के निर्माण कार्य का निर्णय

मंगलवार को ही शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। मंत्रिपरिषद द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव और परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा के अनुसार प्रदेश के 70 सर्व सुविधायुक्त सीएम राइज विद्यालय के लिए 2847 करोड़ 60 लाख रुपए के निर्माण कार्य का निर्णय लिया गया है।

लाइनमैन को जोखिम भत्ता की स्वीकृति
इसके साथ ही शिवराज कैबिनेट की बैठक में लाइनमैन को जोखिम भत्ता की स्वीकृति प्रदान की गई है। लाइनमैन के विपरीत और विषम परिस्थितियों में जोखिम भरे कार्य को देखते हुए निर्णय लिया गया कि प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी में आउट सोर्स के माध्यम से नियोजित आईटीआई उत्तर में श्रमिक जो कंपनी के लाइनमैन का काम कर रहे हैं। उन्हें निर्धारित प्रतिमाह वेतन के अतिरिक्त 1000 रूपए का जोखिम भत्ता प्रदान किया जाएगा। लाइनमैन को कंपनी द्वारा आयोजित प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण किए जाने और आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर ही इस वर्ग में नियोजन की पात्रता होगी।

राजस्व न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण को स्वीकृति
कैबिनेट ने राजस्व न्यायालयों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना RCMS 4.0. का विकास किए जाने के लिए आगामी 5 वर्षों (2023-28) के लिए तकनीकी एवं वित्तीय प्रस्ताव राशि 73 करोड़ 48 लाख 65 हजार का व्यय किये जाने तथा RCMS 4.0 का विकास किए जाने की अवधि में समानांतर रूप से RCMS परियोजना 3.0 को आगामी दो वर्षों (2023-25) तक जारी रखने ₹9 करोड़ 78 लाख रूपये का व्यय किये जाने की स्वीकृति प्रदान की।

6 उत्पादों के लिए 10 जिलों का चयन
इसके साथ ही प्रदेश के एक जिला एक उत्पाद के लिए 6 उत्पादों को चुना गया है। इन 6 उत्पादों के लिए 10 जिलों का चयन किया गया है। जिले की विशेषता के आधार पर उनके द्वारा निर्मित उत्पाद की उत्पादन क्षमता में वृद्धि, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के माध्यम से एक जिला एक उत्पाद अंतर्गत जिलेवार उत्पादों का चयन किया गया है। मंत्री परिषद में कृषि संबंधित 6 उत्पाद अंतर्गत 10 जिलों में शामिल कोदो, कुटकी- जिला अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, सिंगरौली सहित तुवर दाल के लिए नरसिंहपुर, चना के लिए दमोह, बासमती के लिए रायसेन, चीनी और चावल के लिए बालाघाट और सरसों के लिए भिंड का चयन किया गया है।

20 निकाय और 25 नवीन स्थाई रसोईघर खोले जायेंगे
इसके साथ ही शिवराज कैबिनेट की बैठक में दीनदयाल अंत्योदय योजना के द्वितीय चरण में स्थापित 100 रसोईघर के अंतर्गत 20 निकाय और 25 नवीन स्थाई रसोईघर खोले जायेंगे। वहीं ऐसे लोगों की मदद के लिए जो स्थाई रसोईघर केंद्र पर नहीं पहुंच पाते, उनके लिए 16 नगर निगम और पीथमपुर और मंडीदीप में 25 नवीन चलित रसोईघर खोले जाने का भी निर्णय लिया गया है।

26 फरवरी 2021 को रसोई योजना के द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालय और 6 धार्मिक नगर में कुल 100 रसोई केंद्र का संचालन आरंभ किया गया था। योजना में प्रति जरूरतमंद को ₹10 प्रति व्यक्ति की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

फसल क्षति की सहायता राशि के मानदण्डों में संशोधन
शिवराज कैबिनेट की बैठक में किसानों को महत्वपूर्ण राहत दी गई है। ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 500 से ₹2000 रुपए अधिक मिलेंगे। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। फसल मुआवजा का लाभ 1 मार्च 2023 से मिलेगा। वही 2 हेक्टेयर तक के छोटे और 2 हेक्टेयर से अधिक तक के बड़े किसानों की अलग-अलग कैटेगरी में निर्मित की गई है। वर्षा आधारित, सिंचित और बारामाही फसलों के लिए भी मुआवजे की दर को बढ़ाया गया है।

वही 25 से 33% वर्षा वाली सिंचित बारा माही के नुकसान पर छोटे श्रेणी के किसानों के लिए भी राशि तय की गई है। 5500-9500 महीने से कम अवधि में खरा फसलों के लिए मुआवजे के रूप में दी जाएगी। वहीं 6 माह से अधिक अवधि में खड़ा फसलों के लिए 16000 रूपए तय किए गए हैं जबकि 19000 रूपए सब्जी मसाले और ईसबगोल की खेती के लिए तय किए गए हैं।

कैबिनेट द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में वर्तमान में प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति हेतु परिशिष्ट-1 (एक) (क) की तालिका के अनुक्रमांक 01 एवं 02 में संशोधन का अनुसमर्थन किया गया। लघु एवं सीमांत 0 से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक/खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार 500 रूपये किया गया है।

33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 8 हजार 500 रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 17 हजार रूपये, सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 9 हजार 500 रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 16 हजार रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार 500 रूपये माना जायेगा।

बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 9 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने) पर फसल के लिये 16 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 21 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिये 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 27 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।

33% से 50% वर्षा वाली सिंचित बारामाही की फसलों के नुकसान पर

वहीं 33% से 50% वर्षा वाली सिंचित बारामाही की फसलों के नुकसान पर 6 माह से कम अवधि में खरा फसलों के लिए 8500 से 16000 और 19000 राशि तय की गई है। 6 महीने से अधिक अवधि में खराब फसलों के लिए 21000 राशि तय की गई है। सब्जी मसाले और ईसबगोल की खेती के लिए 27000 रूपए तय किए गए हैं जबकि सेरीकल्चर के लिए 6500 रूपए और मूंगा के लिए 8000 रूपए तय किए गए हैं।

33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिये 6 हजार 500 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा मूंगा के लिये 8 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिये 13 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तथ मूंगा के लिये 16 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।

कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक के लिए सहयता राशि
इतना ही नहीं लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक / खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 7 हजार 300 रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 14 हजार 600 रूपये, सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 14 हजार 500 रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 29 हजार रूपये अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।

बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 7 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।

बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 13 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिये 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।

972 पदों को सृजित किए जाने की स्वीकृति
साथ ही शिवराज कैबिनेट की बैठक में चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर अंतर्गत हजार बिस्तर नवीन निर्मित चिकित्सालय के संचालन के लिए नियमित स्थापना के 488 पद और आउट सोर्स के 484 पद संवर्ग को मिलाकर 972 पदों को सृजित किए जाने की स्वीकृति भी दी गई है।

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 328 करोड़ 79 लाख रुपए की स्वीकृति
इसके साथ ही 97 नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए पूर्व में जारी प्रशासकीय स्वीकृति के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 300 करोड़ के स्थान पर 328 करोड़ 79 लाख रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।MP breaking