MP : तेज हुई पुरानी पेंशन योजना की मांग, संघ की बड़ी तैयारी, ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ का चलेगा महाअभियान

 तेज हुई पुरानी पेंशन योजना की मांग
 | 
5

Photo by google

MP : तेज हुई पुरानी पेंशन योजना की मांग, संघ की बड़ी तैयारी, ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ का चलेगा महाअभियान

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज हो गई है। कर्मचारी संघ द्वारा लगातार सरकार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इसी बीच न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ द्वारा बड़ी तैयारी की गई है।

MP Old pension Scheme Demand, MP OPS  : देशभर में पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज हो गई है। कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। वहीं कई राज्यों में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव सहित 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसी स्थिति में एक तरफ जहां कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना को बड़ा आधार बनाकर चल रही है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी शासित राज्यों के कर्मचारियों की मांग भी तेज हो गई है। पुरानी पेंशन योजना पर कांग्रेस के वादे के बाद कई राज्यों में चुनाव भी प्रभावित हुए नजर आ रहे हैं।

‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ का महा अभियान चलाया जाएगा

इधर मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज हो गई है। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। जबकि न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ द्वारा पुरानी पेंशन की मांग पर महा अभियान की तैयारी की गई है। इसके लिए प्रदेश भर में ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ का महा अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अधिकारियों को इस आंदोलन से जुड़ने के लिए जन जागरण अभियान आंदोलन चलाकर पेंशन योजना की मांग को और तेज किया जाएगा।

सरकार को OPS बहाली हेतु भेजा जा चुका मांग पत्र

इस पर जानकारी देते हुए न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह तिवारी ने बताया कि केन्द्रीय कर्मचारियों तथा राज्य कर्मचारियों के बुढ़ापे में मिलने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था पुनः बहाली की मांग के लिए न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ का निरन्तर संघर्ष जारी है। लगातार धरना प्रदर्शन ज्ञापन आसनों के माध्यम से सरकार को बहाली हेतु मांग पत्र भेजा जा चुका है। मध्यप्रदेश के सभी विधायकों सांसदों को के घर भी गुहार लगाकर पेंशन बहाली का ज्ञापन दिया गया है।

डेढ़ वर्ष पहले मजबूरन ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ नारे के साथ पूरे देश में पेंशन बहाली लड़ाई को नए सिरे से शुरू किया गया था। सभी जिला तहसीलों में 2 अक्टूबर गांधी जयंती 2021 ,विवेकानंद जयंती, समारोह 2 अक्टूबर 2022 पुनः गांधी जयंती पर मध्यप्रदेश के साथ कई राज्यों में ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ पर सामूहिक शपथ ग्रहण किया गया। कई लाखों एनपीएस अधिकारी कर्मचारियों ने ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ की शपथ खाई। जिसका असर हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक में दिखाई दे चुका है।

2023 के अंत में होने हैं विधानसभा चुनाव 

मध्यप्रदेश में भी 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अभी तक ब्लाक से लेकर जिला एवं राजधानी भोपाल में धरना प्रदर्शन आंदोलन किए जा चुके हैं, परन्तु सरकार अनसुना बनी हुई है। इसलिए शीघ्र ही ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ जन-जागरण अभियान आंदोलन तहसील स्तर से लेकर समूचे मध्यप्रदेश में चलाया जाएगा। जिसके लिए सभी कर्मचारी संघों से सामूहिक समर्थन के प्रयास भी जारी है।

लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हमारी वोट- संघ 

संघ ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हमारी वोट है। प्रत्येक एनपीएस अधिकारी कर्मचारी परिवार और समाज के साथ जुड़ा हुआ है। एक एनपीएस अधिकारी कर्मचारी सैकड़ों वोट प्रभावित कर सकता है। ऐसे में जब सरकार धरना प्रदर्शन आंदोलनों को कोई महत्व नहीं दे रही तो लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को चलाते हुए सीधे 2023 के चुनाव में प्रभावित करने वाले आंदोलन ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ को प्रभावी ढंग से किया जाएगा।

मध्यप्रदेश के प्रत्येक एनपीएस अधिकारी कर्मचारियों को इस आंदोलन से जोड़ने हेतु जन-जागरण अभियान आंदोलन चलाया जाएगा। यदि वर्तमान सरकार को पेंशन बहाली की चिंता है तो इसे बहाल करें वरना 2023 में हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक में ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ का जो असर आया है। मध्यप्रदेश में भी वही असर दिखेगा। ‘पेंशन नहीं तो वोट नहीं’ जन-जागरण अभियान महाआंदोलन की तैयारी में न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ के सभी प्रदेश, संभाग, जिला पदाधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दिया है।

पंजाब सहित 6 राज्यों में किया गया लागू

इधर इसके साथ ही 6 से अधिक कांग्रेस शासित राज्यों में इसे लागू भी कर दिया गया है जबकि अन्य राज्यों के कर्मचारियों की मांग है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए।Mp breaking