किसके दम पर डंके की चोट पर जिले में चल रहा रेत माफिया का एक छत्र राज -

पिपराही से जडकुड मार्ग से प्रतिदिन गुजर रही सैकड़ों गाड़ियां -
 
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सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे रेत माफिया खनिज अधिकारी की सह से बालू का अवैध कारोबार जारी -

रीवा - मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री बोलते हैं कि वह माफियाओं को 100 फीट नीचे गाड़ देंगे लेकिन मध्य प्रदेश के रीवा जिले में खनिज माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वह धड़ल्ले के साथ रेत की काला बाजारी कर रहे हैं लेकिन उन पर प्रशासनिक अधिकारियों का शिकंजा नहीं लग पा रहा है या तो यूं कहें कि खनिज अधिकारियों की सीधी सीधी मिलीभगत है कुछ ऐसा ही रीवा जिले के हनुमना तहसील अंतर्गत देखने को मिला है जहां रेत माफिया  पूरी तरह से पैर पसार चुका है वही बेबस असहाय या यूं कहें की खनिज अधिकारी आरती सिंह के सह से बालू की ओवरलोड गाड़ियां चोर मार्ग से सैकड़ों की तादात में प्रतिदिन धड़ल्ले से निकल रही हैं। 

हनुमना तहसील के पिपराही से जडकुड मार्ग होते हुए उत्तर प्रदेश की तरफ प्रतिदिन लगभग 300 तक के ओवरलोड बालू एवं गिट्टी की ट्रके बेधड़क निकल रही हैं ग्रमीणो से मिली जानकारी अनुसार खनिज अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से यह गोरखधंधा लगातार जारी है। जिससे शासन को तो छति हो ही रही है वही ओवरलोड गाड़ियों के दबाव के कारण पिपराही से जड़कुड़ मार्ग पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। 

कलेक्टर रीवा को ध्यान में लेते हुए इस पर कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए ताकि अवैध ओवरलोड बालू एवं गिट्टी की निकासी जो उत्तर प्रदेश के लिए हो रही है उस पर रोक लगाई जा सके। जडकुड अथवा पिपराही में  बैरियल के बिना रोक लगाना भी संभव नहीं है अतः शासन को हमेशा के लिए एक बैरियल स्थापित किया जाना चाहिए तभी इस पर रोक लगाई जा सकेगी।

अन्यथा पिपराही जड़कर वासियों को टीवी दमा जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हो क्या यह कार्यवाही पंचायतों तक ही सीमित रह गई अब देखना दिलचस्प होगा जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है या रेत माफिया के सामने घुटने के बल माथा टेक देता है ।