दिव्यश्री बैकुंठम में भगवान शालिग्राम के विग्रहों को देखकर सिर पर रख रख झूम उठे स्वामी सुदर्शनाचार्य

झूम उठे स्वामी सुदर्शनाचार्य 
 
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दिव्यश्री बैकुंठम में भगवान शालिग्राम के विग्रहों को देखकर सिर पर रख रख झूम उठे स्वामी सुदर्शनाचार्य 

हनुमना। हनुमना स्थानीय श्री रामानुजर औषधालय स्थित दिव्यश्री बैकुंठम में भगवान नारायण के शालिग्राम अवतार में विभिन्न स्वरूपों को देखकर सिर पर रख रख भाव विभोर हो झूम उठे नरसिंह मंदिर प्रयागराज पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज सरयू प्रसाद वैद्य एवं उनकी धर्मपत्नी का  मंगलानुशासन करते हुए कहा बैद्यजी कलियुग धनवंतरी हैं।

उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक श्रीमद् भागवत कथा के कथा व्यास के रूप में हनुमाना पधारे नरसिंह मंदिर प्रयागराज पीठाधीश्वर पूज्य पाद स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने जहां तथा मंच से विंध्य में जनसंघ के संस्थापक तथा लोकतंत्र सेनानी वरिष्ठ भाजपा नेता नाड़ी विशेषज्ञ सरयू प्रसाद वैद्य को कथा में पहुंचते ही कथा के बीच ही सहसा यह कहते हुए उनका बहुमान किया था कि सरयू प्रसाद वैद्य जी परम भागवत अर्थात अनन्य श्री वैष्णव है वैद्य जी जैसे श्री वैष्णवों की कथा का नाम ही श्रीमद्भागवत है ध्रुव प्रह्लाद आदि द्वादश महा भागवतो की कथा का वर्णन करते हुए पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा था कि वैद्य जी जैसे परम भागवत जहां रहते हैं जिस क्षेत्र में वास करते हैं नगर व क्षेत्र अपने आप पवित्र है धन्य है । 

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वही कथा के समापन पर दूसरे दिन 30 अप्रैल को सीधी रोड स्थित वैद्य जी के श्री रामानुज आयुर्वेदिक औषधालय पधारे जहां स्थित दिव्यश्री बैकुंठम में शालिग्राम में भगवान नारायण के विभिन्न अवतारों यथा नरसिंह वाराह कूर्म मत्स्य, हयग्रीव आदि अनेकानेक अवतारों को सिर पर रख रख भावविभोर हो झूम उठे। वही श्री वैद्य एवं उनके सपरिवार द्वारा पूज्य महाराज श्री का पाद प्रक्षालन कर चरणोंदक ले विधि विधान से आचार्य श्री का पूजन किया सपरिवार ने जहां आशीर्वाद प्राप्त किया वही वैद्यजी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती धीराज कुमारी को मंगला अनुशासन करते हुए पूज्य स्वामी जी महाराज ने कलयुग का धन्वंतरि की संज्ञा देते हुए मंगलानुशासन किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य लोग एवं मां बहने उपस्थित रहे।

 यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि शालिग्राम भगवान नेपाल में मुक्तीनाथधाम में गंडकी नदी से भी ऊपर स्थित दामोदर कुंड मैं आज इस कलयुग में भी श्रद्धा से तुलसी अर्चना करने पर तुलसी दल को छूने के लिए भगवान शालिग्राम स्वयं तीव्र गति से आते हैं और तुलसी दल को स्पर्श कर वापस चले जाते हैं जिनके भाग्य में रहता है सालिकराम उनके हाथों में आ जाते हैं ऐसे दुर्लभ भगवान शालिग्राम विभिन्न अवतारों में नाड़ी विशेषज्ञ वैद्य जी को उनकी अनन्य श्रीवैष्णवता को देखकर समय-समय पर संतो ने स्वयं अपने हाथों से उन्हें प्रदान किया है जिनका दर्शन करने के लिए देश की जानी मानी हस्तियां यथा जगतगुरु रामानुजाचार्य  उत्तराखंड पीठाधीश्वर पूज्य पाद स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज ज्ञान विज्ञान व विद्युत आ की साक्षात प्रतिमूर्ति कहे जाने वाले जगतगुरु रामानुजाचार्य पूज्य पाद स्वामी वासुदेवाचार्य जी महाराज उपाख्य "विद्याभास्कर" श्री राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष पूज्य पाद स्वामी रामविलास दास जी वेदांती, चित्रकूट कामदगिरि पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य पूज्य पाद स्वामी रामस्वरूप आचार्य जी महाराज, आदि जैसी अनेक धार्मिक हस्तियों के साथ ही अनेकानेक राजनीतिक व सामाजिक देश की जानी मानी हस्तियां ऐसे शालिग्राम के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन करने तथा नाड़ी विशेषज्ञ वैद्य जी से नाड़ी परीक्षण कराने पधरती रही हैं। वही वैद्य जी ने अपनी श्रेष्ठतम चिकित्सा के माध्यम से लकवा पोलियो मिर्गी बांझपन आदि के अनेकानेक रोगियों के निराश पूर्ण जीवन में नवजीवन का संचार कर स्वस्थ सजीव शरीर प्रदान कर जहां अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं वही वैद्य जी समाज सेवा में भी किसी से पीछे नहीं रहे प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा पर स्वास्थ दमा अस्थमा इस्नोफीलिया पुरानी खांसी की वह चमत्कारी दवा जिसके एक ही खुराक दवा सेवन व परहेज मात्र से श्वास दमा अस्थमा जैसी भयंकर बीमारी भागवत कृपा से दूर हो जाती है।

 प्रतिवर्ष निशुल्क वितरित करते हैं जिसे प्राप्त करने देश के अनेक प्रांतों से लोग आया करते हैं वही प्रयागराज में माघ मेले में 1 माह तक निशुल्क दवा का वितरण तकरीबन 50 वर्षों से करते चले आ रहे हैं वैद्य जी ने लेवी आंदोलन लोकतंत्र बचाओ मीसाबंदी आंदोलन गोवा मुक्ति आंदोलन राम जन्मभूमि आंदोलन आदि अनेक अवसरों पर जेल यात्राएं भी की है परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश सरकार ने ताम्रपत्र से भी इन्हें सम्मानित जहां किया है।

 वही अनेकानेक देश की हस्तियों व संस्थाओं द्वारा भी समय-समय परनाड़ी विशेषज्ञ बैद्यजी सम्मानित किए जाते रहे हैं। जिन्हें आयुर्वेद क्षेत्र में जानी-मानी संस्थाएं शर्मा आयुर्वेद भवन दतिया बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन नागपुर आरोग्य भारती मध्य प्रदेश महाराजा चैरिटेबल ट्रस्ट रीवा जगतगुरु वासुदेवाचार्य आदि नेभी वैद्य जी के कुशल नाड़ी ज्ञान एवं उनके उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित करते हुए समय-समय पर उनके सेवाओं का लोहा मानते रहे हैं।