छापा : 10 साल से था इंतजार ! छापा!:बोला- छापे से बड़ी शांति मिली ?

10 साल से था इंतजार ! छापा!
 | 
photo

File photo

10 साल से था इंतजार ! छापा!:बोला- छापे से बड़ी शांति मिली ?

दमोह में होटल, शराब और ट्रांसपोर्ट कारोबारी राय फैमिली के 12 ठिकानों पर इनकम टैक्स रेड पड़ी थी। कार्रवाई खत्म होने के बाद कारोबारी शंकर राय ने कहा- IT रेड का मुझे 10 साल से इंतजार था। आज जाकर सुकून मिला है। इस कार्रवाई से मैं और मेरा परिवार खुश है। उन्होंने पैसा कहां-कहां से आता है, इस बात का भी खुलासा किया।

राय फैमिली के ठिकानों पर गुरुवार सुबह 5 बजे शुरू हुई इनकम टैक्स की कार्रवाई शुक्रवार रात 11 बजे खत्म हुई थी। 42 घंटे चली कार्रवाई में 8 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। आयकर टीम को रुपए गिनने के लिए 5 मशीनें लगानी पड़ीं। सोने के 3 किलो जेवर के साथ हीरे, हथियार और करोड़ों रुपए के लेन-देन के दस्तावेज भी टीम को मिले हैं।

राय फैमिली के प्रमुख शंकर राय ने कहा- मैं 74 साल का हूं। 24 साल की उम्र से इनकम टैक्स भरा है। रेड में जो भी कैश और ज्वेलरी मिली है, सब लीगल है। उनके पास कृषि, पंप, टावर, किराया और अन्य माध्यमों से जो भी पैसा आता है, वह उसका रिटर्न भरते हैं। शराब का ठेकेदार हूं, पर एक 50 एमएल की बोतल भी रेड में घर से नहीं मिली है। मुझे इस रेड का 10 साल से इंतजार था। घर पर IT रेड के बाद उनका टेंशन खत्म हो गया।

वह भी चाहते थे कि दमोह की जनता को हकीकत पता चल जाए। मुझे और मेरे परिवार को आत्म शांति मिली है। उन्होंने कहा कि उनके यहां करीब साढ़े 3 किलो सोने के जेवर निकले थे, जिनमें से केवल सवा किलो सोने के जेवर टीम अपने साथ ले गई है। वह भी उन्हें वापस मिल जाएंगे, क्योंकि वह जेवर पुराने समय के हैं, जो उनके माता-पिता ने उन्हें गिफ्ट में दिए थे। सारा सोना मेरा 30 साल पुराना है।

शायद, उनके भाई के यहां मिला है नोटों का बैग

करोड़ों रुपए नकदी मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा – देशी शराब की दुकान पर और बसों से 10, 50 और 100 के नोट ज्यादा आते हैं। वहीं, विदेशी शराब की दुकान पर 500 रुपए के ज्यादा नोट आते हैं। ज्यादा नोट 10 रुपए के थे, इसलिए ज्यादा बैग लगे। यदि 500, 2000 के नोट होते तो ज्यादा बैग नहीं होते। यह पूरा पैसा व्यवसायिक था, इसलिए छोटे नोट मिले। यदि इनलीगल होता तो वे सभी नोटों को 2000 के नोट में तब्दील करवा चुके होते। यही छापा यदि 15 दिन बाद पड़ता, तो शायद घर पर एक रुपए भी नहीं मिलता, क्योंकि 15 दिन में मुझे आबकारी की 3 करोड़ की किश्त भरनी पड़ती है।

उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 12 से 13 लाख रुपए शराब दुकान से, पेट्रोल पंप से 10 लाख रुपए के अलावा बसों से भी कैश आता है। प्रतिदिन इतने रुपए घर पर आते हैं। राय ने कहा – पानी के टैंक में नोटों से भरा बैग उनके यहां नहीं मिला है। वह बैग उनके भाई के यहां मिलने की खबर है। बड़ी-बड़ी पेटियां और बैग में दस्तावेज और नोट भरकर गए हैं, यह बिल्कुल सही बात है। उनके पास कुछ भी इनलीगल नहीं है। जो पैसा टीम लेकर गई है, उसके लिए वह केस लड़ेंगे और अपना पूरा पैसा वापस लेंगे।

यह है मामला।

दमोह में होटल, शराब और ट्रांसपोर्ट कारोबारी राय फैमिली के 12 ठिकानों पर गुरुवार सुबह 5 बजे शुरू हुई इनकम टैक्स की कार्रवाई शुक्रवार रात 11 बजे खत्म हुई थी। 42 घंटे चली कार्रवाई में 8 करोड़ रुपए नकदी के साथ साढ़े 3 किलो सोना, हथियार और करोड़ों रुपए के लेन-देन के दस्तावेज मिले थे। आयकर टीम को रुपए गिनने के लिए 5 मशीनें लानी पड़ी थी। रेड पड़ते ही राय परिवार ने बैग में नोट भरकर पानी की टंकी में डाल दिए थे। कार्रवाई के लिए 40 गाड़ियों में 100 से ज्यादा आयकर अधिकारी-कर्मचारियों की टीम दमोह पहुंचे थे। टीम ने यहां शंकर राय, कमल राय, संजय राय और राजू राय के मकान सहित अन्य स्थानों पर छापामार कार्रवाई की थी।