फूटी किस्मत ! खुदाई में मिला सोने के सिक्कों से भरा लोटा, फिर भी मजदूरों के हाथ ना आई चवन्नी,जनिये
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फूटी किस्मत ! खुदाई में मिला सोने के सिक्कों से भरा लोटा, फिर भी मजदूरों के हाथ ना आई चवन्नी
अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दिहाड़ी मजदूरों के हाथ खोदने को एक ऐसा ‘खजाना‘ मिला है जो उनकी किस्मत को पलट सकता है। लेकिन, इन मजदूरों के हाथ में एक चवन्नी भी न मिलना अपशकुन कहलाएगा. कुछ देर के लिए खुद को दौलतमंद समझ चुके मजदूर अब अपना माथा पकड़कर बैठे हैं।
आइए जानते हैं पूरी बात।
फावड़े से टकराया सोने के सिक्कों से भरा तांबे का लोटा
घटना उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की है। मछलीशहर में एक घर के अंदर शौचालय बनाने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा था। तेज आवाज होने पर मजदूर फावड़े से गड्ढा खोद रहे थे। labour ने आगे खुदाई की तो उन्हें करीब ढाई फीट नीचे तांबे का ढेर मिला। मजूदरों ने और खुदाई की तो करीब ढाई फीट नीचे से एक तांबे का लोटा मिला। लोटे को खोलकर देखकर तो मजदूरों की आखें चमक उठीं। लोटे में सोने के सिक्के भरे हुए थे।
घर के मालिक को दिया एक सिक्का
labour ने इन सिक्कों को आपस में बांट लिया और साथ ही काम बंद कर अपने-अपने घर चले गए। चार घंटे बाद मैं काम पर वापस आया। इसी बीच किसी ने घर के मालिक को सोने का सिक्का मिलने की सूचना दी। यदि घर का मालिक श्रमिकों से सिक्के मांगता है तो एक सिक्का वापस कर दिया जाता है। इस बार मामला सामने आया है.
पुलिस ने अपने कब्जे में लिए सिक्के, मजदूरों के हाथ फिर खाली
शाम तक मामला पुलिस तक भी पहुंच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मकान मालिकों व कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया। पुलिस की सख्ती देखकर labour ने सोने के सिक्के लौटा दिए। इन सिक्कों को पुलिस जब जब्त करती है तो labour के हाथ फिर से खाली हो जाते हैं। बताया जा रहा है कि अभी कुछ कार्यकर्ता सामने नहीं आए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
सरकारी खजाने में जमा कराए गए सोने के सिक्के
कहा जाता है कि सभी सिक्के 1889-1912 यानी ब्रिटिश शासन काल के हैं। पुलिस ने labour और जमींदार के पास से कुल 10 सिक्के बरामद किए हैं। इन सिक्कों को सरकारी खजाने में जमा करा दिया गया है। पुरातत्व विभाग इन सिक्कों की जांच करेगा।