सीडीपीओ सुनीता चौहान , सुपरवाइजर हेमा,कल्पना,मीता ओझा,हेमलता सावारिया सहित दो अन्य सुपर वाइजर, सहित अंबालाल शर्मा कम्माखेड़ी निवासी के विरुद्ध F.I.R. की मांग -

विरुद्ध F.I.R. की मांग -
 
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सीडीपीओ सुनीता चौहान , सुपरवाइजर हेमा,कल्पना,मीता ओझा,हेमलता सावारिया सहित दो अन्य सुपर वाइजर, सहित अंबालाल शर्मा कम्माखेड़ी निवासी के विरुद्ध F.I.R. की मांग -

मंदसौर। कलेक्टर गौतम सिंह उन्होंने मिलकर सीतामऊ तहसील की 200 से अधिक आगनवाड़ियो का रुपया एक साजिश के तहत सबको मूर्ख बना कर दुरुपयोग किया है, शासन की महत्ती योजना का दुरुपयोग किया, आंगनवाडियो की कार्यकर्ताओं के खातों में आए रुपए निकलवा कर वापस इक्कठा कर लाखो रुपए उड़ा दिए और ग्रामीण बेरोजगार रोजगार ढूंढता रहा और आधा अधूरा काम कर सारे रुपए हड़प लिए गए है, इनको शासकीय रुपयों का दुरुपयोग, योजना में गड़बड़ी, पद का दुरुपयोग, ग्रामीण रोजगार का हनन जैसी आईपीसी की धारा 403, 166 और भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अध्याय 17 में भाग 26 में स्पष्ट उल्लेख है की राज्य के निवासी उनकी संपत्ति और रोजगार का अगर हनन होता है तो कानूनन अपराध है । माननीय कलेक्टर महोदय श्री गौतम सिंह जी सीडीपीओ सुनीता चौहान और सीतामऊ तहसील की समस्त सुपर वाइजरो सहित कम्माखेडी के अंबालाल ने सीतामऊ तहसील की प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खाते में आए 8 हजार रुपए जो पांच हजार आंगनवाड़ी पुताई और तीन हजार मेनटेनेंस का था जिसमे से प्रत्येक आगनवाड़ी कार्यकर्ता से ये रुपए जो उनके खाते में आए थे को वापस सुपरवाइजर के माध्यम से लिए गए और पूरी तहसील का एक ठेकेदार अंबालाल शर्मा कम्माखेड़ी को दे दिया जो की आज तक किसी आंगनवाड़ी की छत नही पुताई हुई , आंगनवाड़ी की बाउंड्री बाहर पुती तो अंदर नही ,आंगनवाड़ी आगे पुती तो पीछे नहीं, आंगनवाड़ी पोती तो बाउंड्री वॉल नही, सारे रुपए कब से लिए जा चुके है और अब तो चार पांच दिनों से सीडीपीओ का ट्रांसफर का हवाला दिया जा रहा है ।
   
मामला मंदसौर जिले की सीतामऊ तहसील के सीडीपीओ सुनीता चौहान और समस्त सुपरवाइजरों द्वारा शासन के रुपयों और ग्रामीण रोजगार को मारने का है, कलेक्टर अगर तहसील स्तर पर कोई ठेका देने की योजना होती तो शासन कोई विज्ञप्ति जारी करने का आदेश जारी करता, माननीय कई आंगनवाड़ियों में तो कार्यकर्ता को ये कहा गया की आपकी आंगनवाड़ी पुताई का रुपया नही आया है आपको निजी खर्च से पुतवाना होगा उधारण के तौर पर खजुरी चंद्रावत की आंगनवाड़ी मात्र दो हजार रुपए देकर कार्यकर्ता ने निजी तौर पर पुतवाई अब अगर एक आंगनवाड़ी दो हजार रुपयों में पुताई जा सकती है तो उन पांच हजार रुपयों के गबन का क्या जो देने के बाद भी आज तक कार्य पूर्ण रूपेण नही हुआ ?

 सीडीपीओ सुनीता चौहान और सुपरवाइजर हेमा,कल्पना,मीता ओझा ,हेमलता सावारियां को रुपए आगनवाड़ी कार्यकर्ता के खातों से निकलवाने और सुपरवाइजर या डायरेक्ट सीडीपीओ सुनीता चौहान को देना है ये अधिकार इनको किसने दिया ? हर गांव में तीन से चार आगनवाड़ी केंद्र है और हर गांव में पुताई मजदूर और पेंटर बेरोजगार बैठे है उनका रोजगार मार कर एक कम्माखेड़ी के अंबालाल शर्मा को ठेकेदार और लखपति बनाने का आदेश कहा है ? कलेक्टर श्री गौतम सिंह इन सभी के द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए शासन की योजना को विफल किया ग्रामीण रोजगार को खत्म किया गया, इनके इस कृत्य के लिए उन्हें आईपीसी की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध करवाते हुए इन्हें पद प्रथक की कार्यवाही करते हुए तुरंत कार्यवाही की मांग।
राजपाल सिंह परिहार