केवी में एडमिशन की नई गाइडलाइन जारी,सांसद विवेकाधीन कोट खत्म -

सांसदों की सिफारिश पर अब नहीं दिया जाएगा दाखिला -
 
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File photo

केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों की सिफारिश पर अब नहीं दिया जाए गा दाखिला-निर्देश जारी -

सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों (केवी) में दाखिले के लिए सांसदों को प्राप्त विवेकाधीन कोटे को समाप्त कर दिया है. इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के 100 बच्चों, सांसदों और केवी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बच्चों व आश्रित पोते-पोतियों तथा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटा सहित अन्य कोटे को भी समाप्त कर दिया गया है।

कैसे हुई थीं शुरुआत संसद सदस्य कोटा की……?

दिसंबर 2021 में बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने संसद में सांसद कोटे को समाप्त किए जाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि जब नवोदय विद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों,आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में सांसदों को दाखिले का अधिकार नहीं है तो केंद्रीय विद्यालयों में यह अधिकार क्यों दिया गया है। 21 मार्च को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद से सांसद कोटे को रखने या खत्म करने पर सामूहिक रूप से चर्चा करने का आग्रह किया।

क्या था सांसद कोटा…?

इस कोटे के तहत प्रत्येक सांसद हर शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 1 से 9 तक में दाख़िले के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र से 10 छात्रों की सिफारिश कर सकता था. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में, सांसद कोटे से 7,301 छात्रों को प्रवेश दिया गया,वर्तमान में, लोकसभा में 543 सांसद और राज्यसभा में 245 सांसद हैं, इस प्रकार हर वर्ष इस कोटे से केवी में 7880 छात्रों के प्रवेश संभव थे।

जानें किन बच्चों का सीधा प्रवेश…!

राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा पुलिस पदक प्राप्तकर्ताओं के बच्चों का, स्काउट और गाइड में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्तकर्ता, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना मेडल (आर्मी), नौसेन मेडल (नौसेना), वायुसेना मेडल (एयर फोर्स) प्राप्तकर्ताओं के बच्चों का,केंद्रीय पुलिस संगठनों के ग्रुप बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए 50 सीटें, जिनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एनडीआरएफ और असम राइफल्स शामिल हैं।
राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार बालश्री पुरस्कार लेने वाले एवं ललित कलाओं में राष्ट्रीय अथवा राज्य स्तर पर विशेष प्रतिभा प्रदर्शित करने वाले बच्चों का।

कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों का सीधा प्रवेश -

कोरोना महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों का पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन स्कीम के तहत केवी में सीधा दाखिला होगा. इसके तहत एक क्लास में अधिकतम 2 बच्चों और एक केवी में 10 बच्चों का दाखिला लिया जाएगा।

सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय (सेना, वायुसेना, नौसेना व कोस्ट गार्ड) एक सत्र में अधिकतम 6 बच्चों के प्रवेश के लिए सिफारिश कर सकेंगे. हालांकि 10वीं व 12वीं पर ये प्रावधान लागू नहीं होंगे, केंद्र सरकार के जिन कर्मियों की नौकरी के दौरान निधन हो गया है, उनके बच्चों का भी सीधा प्रवेश किया जा सकेगा।