खुलासा: ऑनलाइन ठगी मामला, बैंक कर्मी के साथ हैकर की गठजोड़, FIR के बाद 3 आरोपी गिरफ्तार -

रिटायर्ड नर्स के अकाउंट से करीब 28 लाख रुपए की ठगी -
 
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File photo

ऑनलाइन ठगी मामला, बैंक कर्मी के साथ हैकर की गठजोड़, FIR के बाद एक को कोटा से उठाया, कुल 3 आरोपी गिरफ्तार, पढ़े चित्तौडग़ढ़ पुलिस का बड़ा खुलासा -

चित्तौड़गढ़। कोतवाली थाना क्षेत्र में आयुर्वेद हॉस्पिटल के रिटायर्ड नर्स के अकाउंट से करीब 28 लाख रुपए की ठगी का पुलिस ने खुलासा करते हुए बैंक की महिला कर्मचारी, एक हैकर सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी को कोटा से डिटेन किया। पुलिस ने लगभग सवा लाख रुपए रिकवर कर लिए। बाकी के रुपए आरोपियों ने घूमने फिरने, फरारी काटने और शॉपिंग में खर्च कर दिए।

एसपी प्रीति जैन ने बताया कि बैंक कर्मचारी बेगूं हाल शंभूपुरा निवासी अक्षिता भट्ट (24) पत्नी रवि जोशी, पुठोली निवासी प्रहलाद (21) पुत्र शंभू लाल सुवालका, देहली गेट हाल दुर्ग निवासी विनोद (25) पुत्र बाबूलाल सालवी को फ्रॉड करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

इनमें से बैंक कर्मचारी अक्षिता और प्रह्लाद ने मिलकर यह प्लान बनाया। इसमें विनोद हैकर है। एक आरोपी केशव गौतम कोटा का रहने वाला है, उसे डिटेन कर लिया गया है। एक आरोपी अभी भी फरार है। इन सभी ने मिलकर 17 अप्रैल को नर्स के पद से रिटायर हुई गांधीनगर निवासी तरुणा पारीक के घर पर पार्सल ले जाने का बहाना कर किया और कहा कि ICICI बैंक की तरफ से गिफ्ट मिला है। गिफ्ट देकर पीड़िता से ओटीपी लेने के बहाने धोखा देकर उनका मोबाइल और एटीएम कार्ड लेकर भाग गए।

अकाउंट, सिम ब्लॉक करने के बावजूद भी हो गई थी ठगी -

तरुणा पारीक के रिटायरमेंट के बाद उनके खाते में 41 लाख रुपए आए थे। उनका अकाउंट ICICI बैंक में होने के कारण अक्षिता जानती थी उनके खाते में कितने रुपए हैं। आरोपियों ने जिस दिन चोरी की थी, उसी दिन धोखाधड़ी कर अकाउंट से सारे रुपए निकालने की कोशिश की थी। लेकिन महिला ने तुरंत पुलिस को खबर कर दी थी और 1930 पर फोन कर अपना अकाउंट फ्रीज करवा दिया था। इसीलिए आरोपी रुपए नहीं निकाल पाए, लेकिन इसके बाद उन्होंने बैंक कर्मी अक्षिता ने जाली तरीके से उनके नंबर की दूसरी सिम निकाल कर फिर ठगी की और अकाउंट से 27 लाख 79 हजार 500 रुपए निकाल लिए जबकि 13 लाख रुपए को फ्रीज कर दिया गया, इसीलिए सारे रुपए नहीं निकाल पाए।

अन्य कई लोगों के साथ कि धोखाधड़ी -

अकाउंट, सिम और सब कुछ ब्लॉक होने के बावजूद भी इतनी बड़ी रकम की ठगी होने से पुलिस को शक हुआ। इस पर जांच करते हुए पुलिस ने जब पता चल लगाया तो पता चला कि इसमें बैंक कर्मी अक्षिता की सबसे बड़ी भूमिका है। यह सभी आरोपी आपस में बैंक में ही मिले थे। प्रहलाद और अक्षिता ने इसकी पूरी प्लानिंग कर बाकी लोगों को अपनी गैंग में शामिल किया और इस ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर करीब सवा लाख रुपए की रिकवरी कर पाए। जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपियों ने और इनके अन्य साथियों ने बैंक कर्मचारियों से मिलकर अनेक व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी कर काफी रकम हड़प लिए थे, जिसके बारे में अभी तक पूछताछ जारी है।

अलग-अलग घूमते रहे और शॉपिंग करते रहे आरोपी -

तरुणा पारीक के खाते से निकाले गए रुपए ऑनलाइन अलग-अलग एप जैसे अमेजॉन, सेफ गोल्ड और विनोद सालवी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। जांच के दौरान पता चला कि सभी ने अपने अपने मोबाइल नंबर बंद कर अलग-अलग क्षेत्रों में चले गए थे। जयपुर, टोंक, बारां अलग-अलग जगह पर घूमते रहे और शॉपिंग करते रहे। उनके वापस आने की सूचना पर पुलिस ने उन्हें धर लिया और पूछताछ करने पर उन्होंने अपना आरोप भी स्वीकार कर लिया। केशव गौतम को कोटा से डिटेन किया गया है।

इनकी रही कार्यवाही -

उक्त कार्यवाही थाना अधिकारी मोती राम सारण, उप निरीक्षक (प्रभारी साइबर सेल) ओम सिंह, थाना अधिकारी पारसोली लोकपाल सिंह, एएसआई जितेंद्र सिंह, कॉन्स्टेबल गजेंद्र सिंह, साइबर सेल कॉन्स्टेबल रामावतार, साइबर सेल के ही कमलेश, कॉन्स्टेबल प्रवीण, कॉन्स्टेबल जंग बहादुर सिंह और महिला कांस्टेबल मनसुख की भूमिका अहम रही।