दिल्ली की मस्जिद में इमाम से मिलने पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत, इमाम ने बताया ‘राष्ट्रपिता’ -

उमेर इलयासी द्वारा भागवत को राष्ट्रपिता कहा गया -
 
 | 
1

File photo

दिल्ली की मस्जिद में इमाम से मिलने पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत, इमाम ने बताया ‘राष्ट्रपिता’ -

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरूवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ. उमेर अहमद इलयासी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उमेर इलयासी ने उन्हें ‘‘राष्ट्रपिता’’ और ‘‘राष्ट्रऋषि’’ बताया है। उमेर इलयासी ने बताया है कि मोहन भागवत का हमारे यहां आना एक सौभाग्य की बात है। वह इमाम हाउस पर मुलाकात करने आये और वह हमारे राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि है।

भारत को विश्वगुरू बनाने का प्रयास -

उन्होंने बताया कि देश की एकता, अखंडता बनी रहनी चाहिये, हमारी पूजा करने के तरीके अलग हो सकते हैं और उससे पहले हम सब इंसान हैं और इंसानियत हमारे अंदर रहनी चाहिये और हम भारत में रहते हैं तो हम भारतीय हैं। भारत विश्व गुरू बनने की कगार पर पहुंच रहा है और भारत को विश्व गुरू बनाने के लिये हम सभी को प्रयासरत रहना चाहिये।

संघ से है पुराना रिश्ता -

उमेर इलयासी द्वारा भागवत को राष्ट्रपिता बोले जाने पर, पूछे गये सवाल पर उन्होंने फिर दोहराते हुए कहा है कि बिलकुल वह हमारे देश के राष्ट्रपिता हैं। इसके साथ ही उमेर इलयासी के भाई शोएब इलयासी ने कहा है कि पिताजी का संघ के साथ एक पुराना रिश्ता रहा है। इसी परंपरा के तहत मौलाना जीमल इलयासी जी की बरसी के मौके पर वह मस्जिद आये थे। यह पारिवारिक कार्यक्रम था और इसे बस इतना ही देखना चाहिये। हिन्दू मुस्लिम सद्भावना रहता ही है और उन्होंने कुछ दिन पूर्व मुस्लिम बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात की, वह पहले भी मुस्लिम लोगों से मिलते रहे हैं।

इमाम इलयासी से मुलाकात करने पहुंचे थे RSS प्रमुख -

दरअसल इमाम इलयासी से मिलने के लिये संघ प्रमुख मोहन भागत गुरूवार की दोपहर को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद में उनके कार्यालय पहुंचे। ऐसा बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान मुस्लिम समुदाय के अन्य कई नेता भी मौजूद रहे। इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक समाज और जीवन के विभिन्न प्रकार के लोगों से मिलते रहते हैं। यह भी इसी सतत चलने वाली संवाद प्रक्रिया का हिस्सा।
साभार- newsmailtoday