इच्छापूर्ति के संचालक और दिल्ली पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी सोनिया सिन्हा के पति संजय सिन्हा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज -

फरियादी संदीप मिठास के साथ की थी 10 लाख की ठगी -
 
 | 
court

File photo

इच्छापूर्ति के संचालक और दिल्ली पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी सोनिया सिन्हा के पति संजय सिन्हा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज -

संजय सिन्हा की पत्नी भाजपा से दिल्ली प्रदेश की पूर्व उपाध्यक्ष सोनिया सिन्हा हैं -

इच्छापूर्ति फर्म के नाम से पूरे देश से लगभग 3 हजार लोगों से 300 करोड़ की धोखाधडी की गई -

राजनीतिक प्रभाव के चलते लोगों की नहीं हो पा रही एफआईआर -

पहली एफआईआर ग्वालियर में हुई -

ग्वालियर। थाटीपुर थाटीपुर थाना फरियादी की शिकायत पर में धारा 406 एवं 420 भा. द.सं. 1860 के संदर्भ में अपराध क्रमांक 636 / 2022 कायम किया गया है। जिसमें उनके साथ इच्छापूर्ति कंपनी के संचालक और उनके हिस्सेदार योगराज शर्मा ने मिलाकर 10 रुपए की धोखाधडी की है। जिसके विरुद्ध आरोपी ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था जिसे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। फरियादी संदीप द्वारा आरक्षी केन्द्र थाटीपुर में इस आशय का लेखीय आवेदन प्रस्तुत किया था कि वह अपनी फर्म एस. एस. के. इंटरप्राइज संचालित करता है उसने दैनिक समचार पत्र में जीजीजे सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड गुरूग्राम का विज्ञापन पढ़ा था तथा उसके डायरेक्टर संजय सिन्हा व योगराज शर्मा थे उक्त विज्ञापन को देखकर प्रार्थी संजय एवं योगराज से मिलने गुरूग्राम गया तो स्टाफ के लोग मिले, जिंहोनें समझाया कि उनकी कंपनी के साथ व्यवसाय करने के लिये 20 लाख रुपये जमा करने पड़ेगें जो वह किश्तों पर देने पर तैयार हो गया तथ सशर्त एग्रीमेंट किया गया, जिसमें बताया गया कि आपने जो दस लाख एक सौ रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा कराये हैं, वे बाद में वापस हो जायेंगे। 

उक्त अनुबंध 22.01.2022 को कराया गया था, इसके पूर्व प्रार्थी द्वारा जीजीजे सॉल्यूसंश के बैंक खाते में अपनी पीएनबी खाता से ट्रान्सफर की थी जो उक्त राशि जमा करने के बाद, उक्त कंपनी द्वारा प्रार्थी को कोई वस्तु या सामान उपलब्ध नहीं कराया गया तथा धोखा देकर यह कहकर कि प्रार्थी को जिले का विशिष्ट सुपुर फंचाइजी बनायेंगे। प्रार्थी ने कंपनी के आदेश के अनुसार भण्डारण के लिये प्रार्थी से वेयरहाउस किराये का तैयार कराया गया, जिसका किराना नौ हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से जमा कराया गया, फिर भी वेयरहाउस में सामान नहीं भेजा गया, जब प्रार्थी ने अपने पैसों की माँग की तो डायरेक्टर संजय सिन्हा और योगराज शर्मा से वीडियो कान्फ्रेसिंग हुई तो इन लोगों ने पैसा वापिसी का आश्वासन देकर टाल दिया तथा कई बार मॉगने पर भी आना कानी करते रहे. इस प्रकार उक्त संजय सिन्हा एवं योगराज के द्वारा धोखाधडी करके प्रार्थी के रुपये हड़प लिये हैं, जो यह जानकारी भी हुई। है कि अलग अलग जगह पर भी एफआईआर भी हुई है तथा सुषमा गोस्वामी के द्वारा भी उक्त कंपनी में डेढ़ लाख रुपये निवेश किये गये हैं। 

प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर से प्रथम दृष्टया धारा 420, 406 का अपराध उक्त कंपनी के डायरेक्टर संजय सिन्हा एवं योगराज शर्मा के विरूद्ध विधिवत पंजीबद्ध किया जाना प्रकट है। फरियादी संदीप की ओर से अधिवक्ता श्री सोमवीर सिंह यादव द्वारा प्रतिभूति आवेदन पत्र पर एक लिखित आपत्ति इस आशय की प्रस्तुत की गई है कि आरोपी द्वारा एग्रीमेंट के बावजूद तथा दस लाख एक सौ रुपये की राशि लेने के बावजूद कोई माल नहीं दिया गया, न ही राशि वापिस की गई है। आपत्तिकर्ता की ओर से आरक्षी केन्द्र कोतवाली, जिला हमीरपुर उ०प्र० के अपराध क्रमांक 192 / 2022 पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट की संलग्न छायाप्रति से भी वर्तमान आवेदक / अभियुक्त का उक्त जीजीजे सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर होकर उक्त मामले के फरियादी से धोखाधडी किया जाना प्रथमतः प्रकट है।उक्त समस्त आधारों पर आवेदक / अभियुक्त को अग्रिम प्रतिभूति का लाभ दिया जाना उचित नहीं होने से आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 438 द.प्र.सं. 1973 निरस्त किया जाता है।

संजय सिन्हा कौन है -

संजय सिन्हा ने लगभग दो वर्ष पहले जीजीजे सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड गुरूग्राम में शुरू की थी। इस कंपनी को सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने के लिए ही शुरू किया गया था। इस कंपनी में अपने मित्र योगराज शर्मा को भागीदार भागीदार बनाया था। दोनो ने मिलाकर पूरे देश में जिला स्तर पर सुपर फ्रेंचाइजी बनाए जाने का समाचार में विज्ञापन जारी किया जिससे देश के अलग अलग राज्यों से लगभग 3 हजार लोगों 25 हजार से लेकर 59 लाख रुपए तक जिला फ्रेंचाइजी व छोटी दुकान प्राप्त करने के लिए दिए जिसका इच्छापूर्ति संचालकों ने अनुबंध भी किया था। लेकिन अनुबंध के 6 

बाद भी सामान का कोई पता ही नहीं चला कब तक आएगा। और दिए गए समय की सीमा निकलने के बाद लोगों ने पैसे वापस मांगने शुरू किए। संचालक संजय सिन्हा ने लोगों आज कल कहते हुए टहलाना शुरू कर दिया। संजय सिन्हा ने अपनी पत्नी और बीजेपी की दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष सोनिया सिन्हा के पद का पूरा लाभ लेने की कोशिश की। जिससे लोग उनके दिल्ली निवास पर जाने से कतराने लगे। वहीं संजय सिन्हा अपनी पत्नी केनाम और पद का लाभ तो ले ही रहे थे दूसरी ओर व्हाट्सएप ग्रुप पर पीड़ितों को धमकी देने लगे कि सोनिया सिन्हा का नाम इस मामले में नहीं लाएं। इस तरह से उनकी योजना सफल करने की ओर चलते रहे। इच्छापूर्ति के संचालकों की पूर्व से ठगी की योजनानुसार चेक देना शुरू कर दिया। वहीं इच्छापूर्ति के संचालकों ने कंपनी के एक ही बैंक में दो खाते खोल रखे थे। मुख्य खाते से दूसरे खाते में पैसे स्थानांतरित करना शुरू कर दिए। जिससे पीड़ितों को दिए चेक बाउंस होने लगे। वहीं पीड़ित दिल्ली में आर्थिक अपरथ शाखा में संचालक के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे। जिसकी कोई सुनवाई नहीं की गई। इन पीड़ितों में से एक ग्वालियर में थाटीपुर मयूर नगर निवासी संदीप मिठास भी थे। जिन्होंने ग्वालियर सांसद, पुलिस अधीक्षक के यहां पर आवेदन देकर संजय सिन्हा और योगराज शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने पहुंचे। उसके बाद काफी प्रयास उपरांत सीएसपी थाटीपुर ऋषिराज मीना के दखल उपरांत 420 के तहत धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया। जिसमें थाना पुलिस ने अभी जांच पूरी नहीं की उससे पहले ही आरोपी संजय सिन्हा ने गिरफ्तारी से बचाने के लिए अग्रिम जमानत के लिए जिला न्यायालय ग्वालियर में आवेदन किया जिसे अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनवाई उपरांत खारिज कर दिया। 
साभार- प्रजा परखी।