16 अगस्त से जंतर मंतर, दिल्ली में बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ होगा रोजगार आंदोलन -

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति -
 
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File photo

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के आह्वान पर 16 अगस्त को पूरे देश से जंतर मंतर, दिल्ली पहुँचेंगें हजारों क्रांतिकारी देशभक्त -

केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास करें - संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति -

रोजगार आंदोलन जनसंपर्क अभियान के तहत अब तक लगभग 50 हजार युवाओं ने रोजगार आंदोलन से जुड़ने के लिए किया रजिस्ट्रेशन -

24 जुलाई को रोजगार आंदोलन जागरूकता अभियान के तहत चलाया जायेगा ट्विटर ट्रेंड -

राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास कराने हेतु राज्यसभा और लोकसभा के सभी सासंदों से बात करेगी SRAS -

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने बताया कि आगामी 16 अगस्त से संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति रोजगार आंदोलन करने जा रही है। इस रोजगार आंदोलन में देश भर से हज़ारों संगठन एवं उनके सदस्य हिस्सेदारी कर रहें हैं। 

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के सदस्य अरुण जोशी ने कहा की इस रोजगार आंदोलन के जरिये मांग है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास करें ताकि देश के प्रत्येक नागरिक के लिए सम्मानजनक रोजगार की गारंटी हो सके। 

SRAS द्वारा 20 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर कानून पास करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी को PMO के माध्यम से और लगभग 500 जिलों से जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया । जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने जनता के बीच जाने फैसला किया ताकि सभी लोगों के लिए रोजगार की गारंटी हो सके। 

डॉ सुनील छत्तीशगढ़ कोऑर्डिनेटर ने बताया कि आज देश के अंदर एक तरफ बेरोजगारी चरम सीमा पर है और वहीँ  दूसरी तरह महंगाई भी चरम सीमा पर है । ऐसे हालात में कैसे एक व्यक्ति अपने बच्चों की शिक्षा स्वास्थ व्  भरण पोषण का ध्यान रख पायेगा । सरकार को जल्द से जल्द बेरोजगारी का समाधान निकालना पड़ेगा नहीं तो हम देख सकते हैं कि हमारे पडोसी देश श्रीलंका के हालात कैसे हो गए हैं ।

अन्यतम शुक्ला ने बताया की SRAS में युवा, छात्र, शिक्षक, ट्रेड यूनियन, किसान, महिला, LGBTQA+, पत्रकार, दलित, आदिवासी, NGO’s, आदि लगभग एक हज़ार संगठन शामिल है । सभी संगठन जनता के बीच जाकर रोजगार आंदोलन के बारे में बताएंगे तथा राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून पर उनका समर्थन मांगेंगे ।

वीरेंद्र पवार ने बताया की पिछले दिनों में देश में कृषि क़ानून, शिक्षक भर्ती घोटाला, RRB-NTPC घोटाला, UPSI भर्ती घोटाला एवं अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन हुए । इन आंदोलनों में शामिल सभी आंदोलनकारियों ने विश्वास दिलाया है कि वे इस शांतिपूर्ण रोजगार आंदोलन हिस्सा लेंगे ।

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राज शर्मा ने बताया कि पिछले महीने रोजगार आंदोलन से जुड़ने के लिए ऑनलाइन जनसम्पर्क अभियान चलाया गया जिसमें लगभग 50 हज़ार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया और जब उनसे  बात की गयी तो हज़ारों युवाओं ने रोजगार आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की । आज पुरे देश से रोजगार आंदोलन को युवाओं का समर्थन मिल रहा है। 

पलविंदर सिंह पन्नू ने बताया कि रोजगार आंदोलन से जुड़ने के लिए जनसंपर्क जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे । कॉलेज यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ संवाद किया जाएगा । शहर कस्बे और गांव में छोटी बड़ी बैठकें की जाएगी । रोजगार आंदोलन जागरूकता अभियान के तहत 24 जुलाई को सुबह 11 बजे ट्विटर ट्रेंड चलाया जायेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस आंदोलन से जोड़ा जा सके ।
 
संयुक्त रोज़गार आंदोलन समिति के सुझावों पर देश की बात फ़ाउंडेशन ने राष्ट्रीय रोजगार नीति का ड्राफ़्ट तैयार किया है जिसमें बेरोज़गारी की समस्या के समाधान को लेकर 10M का सुझाव दिया गया  है।

राष्ट्रीय रोजगार नीति के 10 एम
1- मिनी टेक्नोलॉजी
2- मिनिमम क्रेडिट सपोर्ट
3- माइंडसेट एंड स्किल ट्रेनिंग
4- मिनी मार्केट
5- मल्टीनेशनल, इंटरस्टेट एंड इंट्रा-स्टेट सप्लाई चैन
6- मैन्युफैक्चरिंग इन स्मॉल, मीडियम एंड लार्ज इंडस्ट्रीज
7- मिनिमम इकनोमिक सपोर्ट एंड जॉब सिक्योरिटी
8- मिनिमम वेज एंड सोशल सिक्योरिटी फॉर वर्कर्स रिस्पेक्टफुल लाइफ
9- एम. एस. पी. (MSP) फॉर क्रॉप्स,
10 -मॉर्डन एंड ट्रेडिशनल सर्विसेज

देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार “राष्ट्रीय रोजगार नीति” बनाकर संसद में कानून पास करें। उसी संदर्भ में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले आगामी 16 अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर रोजगार आंदोलन का आह्वान किया गया है। आप सभी से निवेदन है कि राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस मुहिम का हिस्सा अवश्य बनें।