बड़ी खबर: विधायक,पत्नी और वो : IAS से परेशान भाजपा नेता : दागी IFS चुनाव लड़ने की तैयारी में ...

विधायक, पत्नी और वो जानिए -
 
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विधायक,पत्नी और वो : IAS से परेशान भाजपा नेता : दागी IFS चुनाव लड़ने की तैयारी में ...

बुंदेलखंड इलाके से आने वाले एक विधायक जी और उनकी महिला मित्र की नजदीकियों पर से आखिरकार पर्दा उठ गया है। यह पर्दा किसी और ने नहीं बल्कि खुद उनकी पत्नी ने उठाया है। दरअसल विधायक जी की नजदीकियां विदेश से पढ़ाई कर लौटी एक युवती से हो गई थी। यह युवती को विधायक जी ने नगर पालिका का टिकट दिलाने का आश्वासन देकर अपने क्षेत्र में ही बुला लिया। कार्यकर्ताओं से युवती को मिलाने के बहाने उन्होंने अपने क्षेत्र में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया। इस कार्यक्रम की भनक विधायक जी की पत्नी को लगी तो वो भी पहुंच गई। बस फिर क्या था विधायक जी की पत्नी ने युवती को जमकर खरी खोटी सुनाई। इसके बाद दोनों में जमकर विवाद हुआ। पत्नी ने युवती पर सेक्स रैकेट चलाने तक का आरोप लगा दिया। मामला बिगड़ते देख विधायक जी तो मौके से फरार हो गए। बाद में कार्यकर्ताओं ने किसी तरह मामला शांत कराकर दोनों महिलाओं को अलग-अलग कर घर पहुंचाया। 

आईएएस मीट में बड़े साहब पर रहेंगी निगाहें -

कोरोना के कारण लगी सारी बंदिशें जैसे ही सरकार ने हटाई तो आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी इस साल की मीट का एलान कर दिया है। यह मीट अगले महीने यानि दिसंबर में होगी। इसके साथ ही अब सबकी निगाहें बड़े साहब पर होंगी। यह देखने वाली बात होगी कि बड़े साहब इस आयोजन में शामिल होते हैं या नहीं। यह साहब अपनी बिरादरी के अधिकारियों से न सिर्फ दूरी बनाकर चलते हैं बल्कि अब तक आयोजित आईएएस ऑफिसर्स मीट से भी दूरी बनाते आए हैं। लेकिन इस बार वे जिस जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं उसकी मजबूरी की वजह से मीट के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

आईएएस से परेशान भाजपा नेता

प्रदेश के बड़े संभागों में से एक संभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे आयुक्त और सीनियर आईएएस से मूल तौर पर भाजपा के माने जाने वाले कुछ नेता बेहद परेशान चल रहे हैं। दरअसल इस संभाग में भाजपा दो गुट में बंट गई है। एक गुट है कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए एक कद्दावर नेता का तो दूसरे गुट में शामिल हैं पैदाईश के बाद से भाजपा का दामन थामकर चल रहे नेताओं का। फिलहाल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेता का गुट बेहद वजनदार है। ऐसे में आईएएस साहब का इन नेता के गुट की बात ज्यादा सुनना लाजमी है। जबकि दूसरे गुट के नेताओं को फिलहाल बिल्कुल तवज्जों नहीं मिल पा रही है। वैसे संभागायुक्त साहब बड़े साहब के भी बेहद खास हैं। ऐसे में फिलहाल उनका हटना भी लगभग नामुमकिन ही है।

भ्रष्ट आईएफएस चुनाव लड़ने की तैयारी में

भ्रष्टाचार के मामले में नाम आने के बाद से ही एक सीनियर आईएफएस अधिकारी गायब हो गए हैं। वे ऑफिस भी नहीं जा रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि वे सामने आते हैं तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है। हालांकि विभाग उन पर पूरी तरह मेहरबान है इसी वजह से उन पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। अब यह साहब को किसी ने सलाह दी है कि वे इन सब परेशानियों से बचना चाहते हैं तो अपने गृह राज्य से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ लें। ऐसे में साहब ने अब बचने के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा से टिकट मिल जाए इसके लिए वे दिल्ली दौड़ लगाने में भी जुट गए हैं। 

एसपी बनने के लिए काम नहीं आ रही सिफारिश

राज्य पुलिस सेवा के एक अफसर लंबे समय से आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली एक एजेंसी के एसपी बनने का प्रयास कर रहे हैं। खास बात यह है कि यह साहब अब भी एसपी हैं लेकिन आर्थिक अपराध की जांच करने वाली ही दूसरी एजेंसी के। इस पद पर काबिज होने के लिए उन्होंने एजेंसी के मुखिया से लेकर सब की सिफारिश लगवा ली है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इन्होंने बड़े साहब तक को भी खुद के एसपी बनने के लिए तैयार कर लिया है। लेकिन साहब की गाड़ी अटकी है तो सरकार के मुखिया की वजह से। वे अब भी साहब के लिए तैयार नहीं है। लेकिन साहब इसका रास्ता भी खोजने में जुटे हुए हैं। अब देखना है साहब की मुराद कब तक पूरी हो पाती है। वैसे इस पद के लिए सरकार के खास और राज्य पुलिस अफसर भी लगे हुए हैं। यह अधिकारी सरकार के बेहद खास हैं और कुछ दिन पहले ही एसपी बने हैं।

मंत्री को पड़ी नेताजी की फटकार

रंगीन मिजाजी से लेकर भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने वाले मंत्री जी के बुरे दिन आना लगता है शुरू हो गए हैं। इसकी वजह है कि यह मंत्री जी के काले कारनामे लगातार उजागर होने शुरू हो गए हैं। क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई है। इस सबके बीच इन मंत्री को अपने आका से भी जमकर फटकार पड़ रही है। दरअसल मंत्री जी के विरोधियों ने इनके आका और केन्द्रीय मंत्री तक इनके कारनामों की लंबी फेहरिस्त पहुंचा दी है। मंत्री जी के कारनामों की सूची देखकर नेता जी का गुस्सा भी इनके प्रति चरम पर पहुंच गया है। उन्होंने मंत्री जी को फटकार लगाकर अपनी हद में रहने की नसीहत दे दी है। अब देखना होगा कि इस सीख का मंत्री जी पर कितना असर होता है।

कुलपति नियुक्ति के लिए दो मंत्री आमने-सामने

प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटियों में शामिल एक यूनिवर्सिटी की कुलपति का कार्यकाल कुछ दिन पहले समाप्त हो गया है। लेकिन राजभवन से फिलहाल उनको ही एक्सटेंशन देकर कुर्सी पर काबिज किया हुआ है। वजह है इस यूनिवर्सिटी के कुलपति को बनाने के लिए दो मंत्री आमने सामने आ गए हैं। एक केन्द्रीय मंत्री हैं तो दूसरे मप्र के कद्दावर मंत्री। ऐसे में राजभवन नाम तय नहीं कर पा रहा है। केन्द्रीय मंत्री अपने बेहद ही खास और विश्वसनीय व्यक्ति को इस पद पर काबिज कराना चाहते हैं जबकि मप्र के कद्दावर मंत्री अपने प्रोफेसर भाई को कुलपति बनाना चाहते हैं। इससे लग रहा है कि नए कुलपति की नियुक्ति आसान नहीं है क्योंकि दोनों ही नेता बेहद कद्दावर हैं।

जबलपुर का एसपी बनना है

कुछ दिन पहले उपचुनाव में चार में से तीन जगह भाजपा उम्मीदवारों को आखिरकार जीत मिल गई है। इस जीत के बाद से उम्मीदवार, उनके रिश्तेदार, पार्टी कार्यकर्ता जितने खुश हैं उससे ज्यादा खुश हैं एकेक जिले के पुलिस अधीक्षक महोदय। उनका मानना है कि उनकी स्ट्रेटजी ने ही हारी हुई सीट को जीता दिया है। अब उनको सरकार से ईनाम चाहिए है। ईनाम में उन्होंने कहा है कि जबलपुर का एसपी बनना है। उनके करीबी ने उनसे दावा किया है कि उनकी यह बात सरकार तक पहुंचा दी गई है। साथ ही सरकार ने मौन सहमति दे दी है। अब साहब इससे अतिउत्साहित हैं और उन्होंने खुश होकर रवानगी की तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि ऐसा न हो कि साहब हर बार की तरह अपने गंतव्य स्थान की जगह भोपाल आ जाएं।

राज्य सूचना आयुक्त बनने के लिए जोड़-तोड़

आईएएस के पद से रिटायर्ड हुए एक अधिकारी को उम्मीद थी कि उन्हें मुख्यमंत्री का ओएसडी बना लिया जाएगा। लेकिन बड़े साहब की नाराजगी के चलते ऐसा हो न सका। धीरे-धीरे उन्हें इसका अहसास होने लगा है कि मुख्यमंत्री का ओसडी बनना उनका एक सपना रह जाएगा। इसी बीच एक विज्ञापन ने यह साहब को पुनर्वास के लिए उम्मीद की नई किरण जगा दी है। वो विज्ञापन है राज्य सूचना आयुक्त की भर्ती के लिए। अब रिटायर्ड साहब ने इसी पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दी है। देखना होगा साहब इसमें सफल होते हैं या नहीं।

सीईओ खुद को बताता है सीएमओ के अफसर का करीबी

चंबल इलाके के एक जिले में पदस्थ जिला पंचायत सीईओ आजकल सातवे आसमान पर हैं। इसकी वजह है साहब खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ एक बेहद ईमानदारी अधिकारी का खुद को बेहद करीबी बताते हैं। यह साहब का कहना है कि आईएएस अधिकारी ने पिछले दिनों जब जम्मू-कश्मीर की यात्रा की थी तो इनका ही क्रेडिट कार्ड लेकर गए थे। इससे ही उन्होंने खरीदी से लेकर होटल में रुकने की व्यवस्था की थी। यह अधिकारी का यह भी दावा है कि जैसे उन्होंने अच्छी पोस्टिंग ले रखी है वो किसी को भी अच्छी पोस्टिंग दिलवा सकते हैं। साथ ही कुछ और आईएएस अधिकारियों का कहां निवेश करना है इसकी सलाह यह साहब ही देते हैं। साभार खबर।