आपके खेत में भी लगे है डीपी खम्भे ट्रांसफार्मर, तो आपको भी मिलेगा जमींन का किराया, जाने कैसे

आपके खेत में भी लगे है डीपी खम्भे ट्रांसफार्मर
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आपके खेत में भी लगे है डीपी खम्भे ट्रांसफार्मर, तो आपको भी मिलेगा जमींन का किराया, जाने कैसे

महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड: आपके खेत में भी लगे है डीपी खम्भे ट्रांसफार्मर, तो आपको भी मिलेगा जमींन का किराया, जाने कैसेकिसानों को विद्युत अधिनियम के तहत बहुत सा लाभ मिलता है।लेकिन बहुत से किसानों को इस नियमों की जानकारी नहीं है या ऐसे भी किसान है जिन्हे कानून (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) की जानकारी है।और जो हर महीने इससे मोटी कमाई कर भी रहे है। जिससे किसानो को बहुत फायदा भी होता है। इसके लिए आप चाहे तो ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते है।

महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड

किसान (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) द्वारा कनेक्शन के लिए लिखित आवेदन की तारीख से तीस दिनों के भीतर किसान को कनेक्शन प्राप्त होना चाहिए। नहीं मिलने पर कानून कहता है कि किसानों को प्रति सप्ताह 100 रुपये मुआवजा दिया जाएगा।साथ ही अगर ट्रांसफार्मर में कोई फॉल्ट है तो कंपनी 48 घंटे के अंदर आपको ट्रांसफार्मर काम करके देंगी, नहीं मिलने पर इस (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) एक्ट के तहत 50 रुपये की अनुशंसा भी की गई है।

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किसानो को मिलेगा डबल मुनाफा

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 57 एवं अनुसूची क्रमांक 30(1) दिनांक 07/06/2005 के अनुसार विद्युत कृषकों को कंपनी के मीटर (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) पर निर्भर रहने के स्थान पर अपना स्वयं का स्वतंत्र मीटर (MSEB) लगाने का अधिकार दिया जाया था। कंपनी मीटर और घर (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) के बीच केबल की लागत भी वहन करती है। ग्राहक नियम और शर्तों में शर्त संख्या 21 यह बताती है। इस तरह आपको सभी तरीको से सब्सिडी भी मिल जाती है। और मुनाफा डबल हो जाता है।

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क्यू दे रहे है राशि जाने

अगर कोई कंपनी बिजली को एक खेत से दूसरे खेत महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड तक पहुंचाना चाहती है, तो उसे स्टेशनों, ट्रांसफार्मर, डीपी और खंभों को भी जोड़ना होगा। तो इस जमीन का किराया प्राप्त करने के लिए (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) कंपनी किसानों (महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ) के साथ जमीन का किराया समझौता करती है और उसके तहत किसानों को 5 से 10 हजार रुपये मिलते हैं। अगर आप बिजली कंपनी को अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी NOC सर्टिफिकेट दिया है तो आप उस कंपनी से किराया नहीं वसूल सकते है। क्योकि वह कंपनी फिर आपके किसी भी भुगतान के लिए जिम्मेदार नहीं होती है।साभार - betul samachar