BREAKING : PM मोदी नरम पड़े लेकिन इसलिए अड़ गए टिकैत

PM मोदी नरम पड़े लेकिन इसलिए अड़ गए टिकैत
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PM मोदी नरम पड़े लेकिन इसलिए अड़ गए टिकैत

गुरू पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसान आंदोलन में जश्न का माहौल है. सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने जश्न मनाया. किसान नेताओं का कहना है कि वे प्रधानमंत्री के बयान को अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं। हालांकि किसान आंदोलन समाप्त करने की घोषणा अभी नहीं की गई है.

किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे राकेश टिकैत का कहना है कि एक साल बाद में सरकार की समझ में किसान शब्द आया है, हम इसे अपनी जीत मान रहे हैं। सरकार से बातचीत का रास्ता खुला है. सरकार जब संसद में कानून लेकर जाएगी, वहां क्या होगा, ये मायने रखता है. MSP हमारा मुद्दा है. सरकार MSP गारंटी कानून लेकर आए. जब तक सभी मुद्दों पर समाधान नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा.

टिकैत कहते हैं कि MSP कानून को लागू करने के लिए कमेटी का गठन होना चाहिए. सरकार के सिर्फ वादे भर से काम नहीं चलेगा, कागज पर लिखित देना होगा. किसानों को भी अभी ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. वे सरकार की इस चाल में ना फंसे. जब तक हमें MSP गारंटी का कानून का कागज नहीं मिल जाता, तब तक हमें मोर्चे से नहीं हटना है.

इस फैसले को लेकर किसान नेता योगेंद्र यादव कहते हैं कि गुरुपूरब के दिन किसानों की ऐतिहासिक जीत है. मैं इसे किसी मंत्री, किसी नेता या किसी आंदोलन की जीत रूप में मैं नहीं देखता, मैं इसे सिर्फ किसान की जीत के रूप में देखता हूं और किसानों ने यह साबित कर दिया है कि वह इस देश के न केवल अतीत बल्कि भविष्य का भी हिस्सा हैं.