BREAKING : चीफ गेस्ट थे, पर राकेश टिकैत की धमकी के बाद कार्यक्रम में पहुंचे ही नहीं मंत्री .

राकेश टिकैत की धमकी के बाद कार्यक्रम में पहुंचे ही नहीं मंत्री 
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किसान नेता राकेश टिकैत और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा.

लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद किसान संगठन लगातार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। उनके खिलाफ लगातार हो रहे विरोध के बीच अजय मिश्रा ने लखीमपुर में दो सहकारी चीनी मिलों के उद्घाटन समारोह में जाने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। बता दें कि समारोह में शामिल ना होने को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने धमकी दी थी।

राकेश टिकैत ने इससे पहले कहा था कि ‘अगर चीनी मिल का उद्घाटन करने टेनी (अजय मिश्रा) आते हैं, तो उस चीनी मिल में कोई भी किसान गन्ना नहीं ले जाएगा। बल्कि गन्ना जिलाधिकारी के कार्यालय ले जायेंगे, चाहे उन्हें कितना भी नुकसान हो।’ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की इस धमकी के बाद दो सहकारी चीनी मिलों के उद्घाटन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (गृह) अजय मिश्रा ने भाग नहीं लिया।

जिले के बेलरायां और संपूर्ण नगर में दोनों चीनी मिलों में मुख्य अतिथि के रूप में अजय मिश्रा को शामिल होने के लिए निमंत्रण कार्ड भेजे गए थे, जिसमें बुधवार को 2021-22 के लिए पेराई सत्र की शुरुआत के लिए जिले के बेलरायां और संपूर्ण नगर में दो चीनी मिलों का उद्घाटन कार्यक्रम था।

गौरतलब है कि अजय मिश्रा के ना आने पर जिला प्रशासन की ओर से लखीमपुर खीरी के एडीएम संजय कुमार इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मिश्रा के निजी सचिव अमित मिश्रा ने बताया कि मंत्री का रांची में केंद्रीय गृह मंत्रालय का कार्यक्रम था इसलिए वे चीनी मिलों में कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।

बता दें कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हुई थी। दरअसल किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान किसानों पर वाहन चढ़ा दिए गए थे। इसको लेकर अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप लगा है। ऐसे में किसान टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

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वहीं 22 नवंबर सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने आंदोलन की अन्य मांगों को लेकर कहा कि किसान कानूनों के अलावा हमारी मांग है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी हो, एमएसपी पर गांरटी कानून बने। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान 750 लोगों की जान गई है, उनके परिवारों को मुआवजा मिले।

बता दें कि एक साल से चल रहे किसान आंदोलन की मुख्य मांगों में कृषि बिल वापसी शामिल थी। जिसको लेकर 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं।