किसानों को मालामाल कर रही है अनार की खेती, एक बार लगाकर कई सालों तक ले उत्पादन, जाने खेती करने का तरीका

 एक बार लगाकर कई सालों तक ले उत्पादन
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किसानों को मालामाल कर रही है अनार की खेती, एक बार लगाकर कई सालों तक ले उत्पादन, जाने खेती करने का तरीका

किसान अब पारंपरिक खेती करने के बजाए बागवानी में ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। इससे यहां के किसान बागवानी से अब खुशहाल हो गए हैं। उनकी कमाई लाखों में हो रही है। आज हम ऐसे ही एक किफायती खेती की बात करने जा रहे है जो की है अनार की खेती। अनार एक ऐसी बागवानी फसल है, जिसे एक बार लगाने पर कई साल तक फल मिलते रहते हैं। अनार को सबसे ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक और पोषक तत्‍वों से भरपूर फल माना जाता है। अनार में मुख्य रूप से विटामिन ए, सी, ई, फोलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट पाये जाते है। इसके अलावा, एंटी-ऑक्‍सीडेंट भी इस फल में बहुतायत में होता है। बाजार में अनार का काफी अच्छा भाव मिलता है। आइये जानते है अनार की खेती करने की पूरी प्रोसेस।

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अनार की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु

इसे मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है। अच्छी उपज और अच्छी वृद्धि के लिए गहरी दोमट और जलोढ़ मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह दोमट और हल्की क्षारीय मिट्टी को भी सहनेयोग्य है। इसे हल्की मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। अनार की खेती के लिए मध्यम और काली मिट्टी भी उपयुक्त रहती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से लेकर 7.5 के वाली मिट्टी में अनार के बाग लगाने चाहिए। जलवायु की बात करें तो शुष्क और अर्ध शुष्क जलवायु इसके लिए उपयुक्त मानी जाती है। रात के समय हल्की ठंड पौधों की वृद्धि और विकास में सहायक होती है।अनार के पौधे सूखा सहन कर सकते हैं लेकिन फूल आने के बाद से लेकर फलों के परिपक्व होने तक नमी बहुत जरूरी होती है।

अनार की उन्नत किस्मे

अनार की अच्छी पैदावार के लिए अनार की उन्नत किस्मों की बागवानी करनी चाहिए। अनार की उन्नत किस्मों में गणेश, भगवा, जोधपुर रेड, ज्योति और सिंदूरी आदि किस्में शामिल हैं। इन किस्मों की बागवानी करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

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खेत की तैयारी

मिट्टी के भुरभुरा होने तक खेत की 2-3 बार जोताई करें। उसके बाद खेत को समतल करने के लिए सुहागा फेरें। अनार की खेती करने के लिए गर्मियों का मौसम अधिक उपयुक्त होता है। इसका कारण यह है कि अनार के पौधे गर्म जलवायु में अधिक तेजी से बढ़ते हैं। हालांकि शुरुआती देखभाल की जरूरत जरूर होती है लेकिन गर्मी का मौसम अनुकूल माना जाता है।

पौधों की रोपाई

अनार की बागवानी लगाने का सबसे सही समय अगस्त से सितम्बर या फिर फरवरी से मार्च का महीना होता है।आमतौर पर 5 X 5 या 6 X 6 सघन विधि में बाग लगाने के लिए 5 X 3 मीटर की दूरी पर अनार का रोपण किया जाता है। सघन विधि से बाग लगाने पर पैदावार डेढ़ गुना तक बढ़ सकती है। इसमें लगभग 600 पौधे प्रति हैक्टेयर लगाये जा सकते हैं। रोपाई के बाद हल्की सिंचाई कर दें। उसके बाद नमी को ध्यान में रखते हुए 10- 15 दिनों के अंतराल में अच्छी सिंचाई करते रहें। पौधों की निराई-गुड़ाई भी बहुत आवश्यक होती है इसलिए पौधों की सूखी पत्तियां और अनावश्यक रूप से उगे खरपतवार की साफ- सफाई करते रहें। दिसंबर में एक साल पुराने पौधे के लिए 5-6 किलोग्राम गोबर की खाद डालें।

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फलों की तुड़ाई

अनार नान-क्लामेट्रिक फल है जब फल पूर्ण रूप से पक जाये तभी पौंधे से तोड़ना चाहिए। यदि फलों की तुड़ाई की बात करें तो अनार के पौधे बुआई के 5- 6 सालों तक फल देना शुरू कर देते हैं। पौधों में फल सेट होने के बाद 120-130 दिन बाद तुड़ाई के तैयार हो जाते हैं। फलों का आकार और कलर को देख कर आप जान सकते हैं कि फल तोड़ने लायक है या नहीं। एक बार अनार के पौधे लगाने के बाद ये लगभग 20 से 25 सालों तक उपज देते हैं।betul samachar