गुलाब की खेती बदल देगी किसान किस्मत, कम लागत में होगा बम्पर मुनाफा, जाने खेती करने का पूरा तरीका

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गुलाब की खेती बदल देगी किसान किस्मत, कम लागत में होगा बम्पर मुनाफा, जाने खेती करने का पूरा तरीका
अगर आप फूलों की खेती शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो गुलाब की खेती का व्यवसाय किसानों के लिए लाभदायक व्यवसाय है। गुलाब सभी फूलों का राजा है और यह एक बहुत ही सुंदर फूल है जो दुनिया भर में उगाया जाता है। गुलाब के फूल और गुलाब के तेल की स्थानीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी काफी मांग है। सभी प्रकार के फूलो में गुलाब के फूलो को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, शादियों के सीजन में इसकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। गुलाब की खेती से किसान परंपरागत खेती से कहीं अधिक लाभ कमा रहे हैं। कमर्शियल गुलाब की खेती करने के लिए अधिक से अधिक गुलाब की किस्मों लगाना चाहिए। गुलाब की खेती मुख्यतः कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्रा, बिहार, पश्चिम बंगाल ,गुजरात, हरियाणा, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रदेश, आंध्रा प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में अधिक की जाती हैI तो आइये जानते हैं गुलाब की खेती करने की पूरी प्रोसेस।
गुलाब की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
गुलाब की खेती में सही भूमि का होना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए हमें ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जहा पानी की सुविधा पूर्ण रूप से हो, तथा भूमि को चुनते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गुलाब की खेती हेतु दोमट मिट्टी तथा अधिक कार्बनिक पदार्थ वाली होनी चाहिएI जिसका पी.एच. मान 5.3 से 6.5 तक उपयुक्त माना जाता है। गुलाब के लिए शुष्क ठंडा दिन का तापमान 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट वाला मौसम उपयुक्त है। भारत के उत्तरी क्षेत्रो के कुछ प्रदेशो में इसकी खेती को सर्दियों के मौसम में किया जा सकता है, क्योकि गर्मियों के समय यहाँ का तापमान काफी अधिक हो जाता है।
खेत की तैयारी
गुलाब की खेती करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर पुरानी फसल के बचे हुए सभी अवशेषों को साफ कर दे। इसके बाद खेत को अच्छे से जोत कर कुछ दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दे। इसके बाद गोबर की पुरानी खाद को खेत में डालकर जुताई कर अच्छे से मिला दे। क्यारियों में 30 सेंटीमीटर तक सूखी पत्तियो को डालकर खोदी गयी मिट्टी से क्यारियों को बंद कर देना चाहिए साथ ही गोबर की सड़ी खाद एक महीने पहले क्यारी में डालना चाहिए इसके बाद क्यारियों को पानी से भर देना चाहिए। लगभग 10 से 15 दिन बाद ओठ आने पर इन्ही क्यारियों में कतार बनाते हुए पौधे व् लाइन से लाइन की दूरी 30 गुने 60 सेंटीमीटर रखी जाती है।
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गुलाब की खेती में सिंचाई
गुलाब के पौधे को मुख्य खेत में रोपने के बाद तुरंत सिंचाई की आवश्यकता होती है। शुरुआत में गुलाब के पौधों को प्रतिदिन या दो दिनों में एक बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। कुछ दिन बाद इसे सप्ताह में एक बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। सर्दियों के मौसम में सप्ताह में एक बार तथा गर्मियों के मौसम में 4 से 5 दिनों के अंतराल में पौधों की सिंचाई करते रहना चाहिए।
गुलाब के पौधे के रोग
गुलाब के पौधों और फूल दोनों में रोग लग जाते है, इसलिए इन्हे अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। गुलाब के पौधों में यह रोग लग सकते है जैसे क्राउन गॉल रोट, ब्लैक स्पॉट, पाउडरी, मिल्ड्यू डाउनी मिल्ड्यू, रस्ट, एन्थ्रेक्नोज, ग्रे मोल्ड, वर्टिसिलियम विल्ट, सूटी मोल्ड्स, कैंकर, नेमाटोड, रोज मोज़ेक, रोज विल्ट, रोज रोसेट रोग।
गुलाब के फूलों की तुड़ाई
गुलाब के फूलो को तोड़ने का सही समय तब होता है, जब इसके फूल की एक या दो पंखुडिया खिल जाती है। इसके बाद फूल को पौधों से अलग कर ले। फूल को तोड़ने के बाद उसे तुरंत पानी से भरे बर्तन में रख दे। फूलों को कम से कम 3 घंटे पानी में रखने के बाद ग्रेडिंग के लिए निकालना चाहिए। यदि ग्रेडिंग देर से करनी हो तो फूलों को 1 से 3 डिग्रीसेंटीग्रेट तापक्रम पर कोल्ड स्टोरेज रखना चाहिए जिससे कि फूलों की गुणवत्ता अच्छी रह सके।betulsamachar