मक्के की ये किस्में हैं लाजवाब, किसान इन किस्मों की करें खेती, मिलेगी बंपर पैदावार

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मक्के की ये किस्में हैं लाजवाब, किसान इन किस्मों की करें खेती, मिलेगी बंपर पैदावार
मक्का, जिसे मकई के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया में सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली अनाज की फसलों में से एक है। यह लाखों लोगों के लिए एक मुख्य भोजन है और पशुओं के लिए चारे के रूप में भी काम करता है। फाइबर से भरपूर भुट्टा सेहत के लिए शानदार होता है। यही वजह है कि बाजार में भुट्टों की मांग बढ़ जाती है और किसानों को इसका मुंह मांगा दाम मिलता है। भुट्टा जिसे अंग्रेजी में आप स्वीट कॉर्न भी कहते हैं कई तरह से खाया जाता है। मक्का की उपयोगिता को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इसका उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों की ओर से इसकी कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली किस्में विकसित की गई हैं। तो आइये जानते हैं मक्के की कुछ उन्नत किस्मों के बारे में।
पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड
मक्का की इस किस्म को वर्ष 2020 को खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित किया गया है। ह किस्म मक्का का उत्पादन बढ़ाने और किसानों को लागत कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम किस्मों में से एक है। पूसा एचक्यूपीएम5 उन्नत किस्म 88 से 111 दिनों में पक जाती है। मक्का की यह किस्म संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण सामान्य किस्मों की तुलना में कम बीमारियाँ पैदा करती है। प्रति हेक्टेयर 104.1 क्विंटल की औसत उपज के कारण देश के कई क्षेत्रों में इस किस्म से बड़े पैमाने पर मक्का का उत्पादन होता है।
शक्ति -1
यह मक्का की जल्दी पकने वाली किस्म 90 से 95 दिनों में पक जाती है। इसके दाने पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। इस किस्म की खेती आहार के लिए पूरे भारत में की जाती है। इस किस्म की औसत पैदावार 50 क्विंटलप्रति हेक्टेयर होती है।
एचएम – 11
संकर मक्का की यह उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहिष्णु है। यह देर से पकने वाली किस्म है, जिसे पकने में 95 से 120 दिन का समय लग सकता। इस किस्म की खासियत यह है कि यह अच्छी उपज देती है। इस किस्म से किसान 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकते हैं।
गंगा – 5
मक्के की इस किस्म को तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिन लगते हैं। इस किस्म की बुवाई मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में की जाती है। इस किस्म के पौधे मजबूत और भुट्टा के दाने पीले रंग के होते हैं। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर जमीन से करीब 50 से 60 क्विंटल फसल प्राप्त किया जा सकता है।
पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड
मक्का की इस किस्म को वर्ष 2020 को खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित किया गया है। यह जल्दी पकने वाली किस्म है। इस किस्म से मक्के की फसल मात्र 84 दिन में तैयार हो जाती है। यह किस्म उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है। औसत उपज की बात करें तो इस किस्म से किसान 48.5 क्विंटल की उपज प्राप्त कर सकते हैं।
जवाहर मक्का – 8
मक्का यह किस्म 95 दिनों में तैयार हो जाती है। इस वैरायटी की औसतन पैदावार 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म के पौधे ऊंचे और दाने बड़े आकार के नारंगी रंग के होते हैं।साभार - betul samachar