अनूपपुर जिले को पहली बार मिला चार युवा आईएएस अधिकारियों का दम

क्या कुछ अच्छा होगा,जनजातीय बहुल जिले की जाग उठी उम्मीदें 
 
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अनूपपुर जिले को पहली बार मिला चार युवा आईएएस अधिकारियों का दम

( मनोज कुमार द्विवेदी ,अनूपपुर- मप्र )

अनूपपुर / 2003 में अनूपपुर जिला बनने के बाद प्रथम कलेक्टर मनीष रस्तोगी से लेकर वर्तमान कलेक्टर आशीष वशिष्ठ तक जिले को एक से बढ कर एक  क्रियटिव,उर्जावान कलेक्टर मिले । कुछ अवसरों पर जिला पंचायत के सीईओ पद पर और पुष्पराज गढ एसडीएम के रुप में युवा फ्रेश आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति भी हुई । लेकिन  
ऐसा पहली बार हुआ है कि जब जिला मुख्यालय को एक साथ चार - चार युवा, फ्रेश, कर्मठ , ईमानदार एवं उर्जावान IAS प्राप्त हुए हैं। यह हमारे छोटे से जनजातीय जिले का सौभाग्य है कि  जिले को युवा अधिकारियों की ऐसी टीम मिली है जो रुटीन कार्य के अलावा व्यवस्था सुधार के लिये महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

अनूपपुर जिला मुख्यालय में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के साथ एडीएम अमन वैष्णव , सीईओ तन्मय वशिष्ठ शर्मा एवं संयुक्त कलेक्टर महिपाल सिंह गुर्जर जैसे चार डायरेक्ट आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति से जिले की बहुत सी उम्मीदें जाग गयी हैं ।
  
इनमें से किसी भी अधिकारी पर एक भी आरोप नहीं है। कलेक्टर श्री वशिष्ठ और सीईओ श्री शर्मा को सुबह 9 बजे से देर रात तक कार्यालय और फील्ड में कार्य करते सभी ने देखा है। एडीएम अमन वैष्णव को कलेक्टर सहित अन्य कार्यालयों की व्यवस्था मे कसावट और बेहतर कार्य करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उनके कार्य व्यवहार के सभी मुरीद हैं । तो वहीं प्रोबेशन पीरियड में संयुक्त कलेक्टर महिपाल सिंह गुर्जर कार्यरत हैं।मप्र शासन के स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिलीप जायसवाल, पूर्व कद्दावर मंत्री बिसाहूलाल सिंह और सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह के साथ बेहतर तालमेल से इन अधिकारियों के पास सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये बहुत कुछ है। 

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अनूपपुर जिला विकास मंच और जिले के अन्य समाजसेवी संगठन तथा सकारात्मक समाजोपयोगी पत्रकारिता को शिरोधार्य किये वरिष्ठ पत्रकारों की अपेक्षा है कि श्रेष्ठ अधिकारियों की उक्त टीम अपनी पूरी क्षमता से रुटीन वर्क को करते हुए इससे  आगे बढ कर  जिले के हित में और भी बेहतर कर सकते हैं। कुछ बिन्दु ध्यानाकर्षण हेतु प्रस्तुत है ---

 ग्रीन अनूपपुर -- बरगद हमारा राजकीय वृक्ष है। क्या यह संभव है कि उपलब्ध शासकीय परिसरों में इन्हे अनिवार्यतः रोपा जाए। और इस पहली बारिश में ग्रीन अनूपपुर अभियान के तहत जिला मुख्यालय में कम से कम हजार या अधिक पौधे लगा कर संरक्षित किया जाए।

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स्वच्छ नर्मदा--  हमारी पहचान मां नर्मदा की नगरी अमरकंटक से है। यदि  सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से नर्मदा में नगर का गंदा पानी डालना बन्द कर सके तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही सीमित स्थान पर सुरक्षित सघन फ्लावरिंग गार्डन का निर्माण भी किया जाए । यहाँ होटलों और टैक्सी - आटो का किराया निर्धारण भी प्रमुख बिन्दु है।

उत्कृष्ठ चिकित्सा व्यवस्था --  जिला चिकित्सालय के लिये एक युवा अधिकारी को नोडल बना जाए । जो सप्ताह में दो दिन यहाँ डाक्टर्स की उपस्थिति सहित अन्य सेवाओं को दुरस्त कर सकें।

शौर्य उर्जा
 कलेक्ट्रेट भवन के ऊपर लाखों रुपये के सोलर पैनल्स रख रखाव के आभाव में कबाड हो रहे हैं। क्या इनका उपयोग किया जा सकता है ? दूसरे --क्या यह पहल हो सकती है कि सभी कार्यालयों में रिकार्ड समय में सोलर पैनल लगाए जा सकें और बिजली की बचत सुनिश्चित हो।

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जल संरक्षण 
हम वाटर हार्वेस्टिंग की बात करते हैं। क्या अनूपपुर जिला इस दिशा में प्रदेश में अव्वल हो सकता है कि सभी शासकीय कार्यालयों में यह कम‌ से कम खर्चे पर जोड़ा जा सके।

सामुदायिक भवन 
माईनिंग फंड या एसईसी एल के सीएसआर फंड से क्या जिला मुख्यालय में दो बड़े हाल युक्त सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जा सकता है ? जिला मुख्यालय में अभी एक भी ऐसी जगह नहीं है जहाँ हम पांच सौ लोगों को एक साथ बैठा कर कोई कार्यक्रम कर सकें।

अतिक्रमण मुक्त सड़क
जिला मुख्यालय सहित अन्य नगरपालिका क्षेत्र के मुख्य मार्गों को अतिक्रमण मुक्त कराना बड़ी चुनौती है। सुगम यातायात के लिये एवं यात्रियों की सुरक्षा के लिये यह कार्य प्राथमिकता से किया जा सकता है । जाहिर है कि मंशा पवित्र और कुछ कर डालने की हो तो कार्य करने और इतिहास गढने का इससे बेहतर अवसर और क्या होगा। जनप्रतिनिधि,अधिकारी और समाज को समन्वय के साथ एक साथ आगे आ कर कार्य करने की जरुरत है।