लोकतांत्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध प्रावधान हटा कर, आधारभूत लोकतंत्र का सशक्तीकरण किया जाय - शीतला शंकर विजय मिश्र [मुख्य महामंत्री]

आधारभूत लोकतंत्र का सशक्तीकरण किया जाय 
 | 
1

Photo by google

लोकतांत्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध प्रावधान हटा कर, आधारभूत लोकतंत्र का सशक्तीकरण किया जाय - शीतला शंकर विजय मिश्र [मुख्य महामंत्री]

उमरिया। शहडोल संभाग के उमरिया जिला सर्किट हाउस के मीटिंग कक्ष में मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद के तत्वावधान में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए श्री शीतला शंकर विजय मिश्र, मुख्य महामंत्री,अखिल भारतीय पंचायत परिषद ने भारत सरकार से माँग करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार राज्य सरकारों को निर्देश जारी करे कि राज्य सरकारें अपने - अपने प्रदेश के पंचायतीराज अधिनियमों के साथ - साथ राज्य नगर पालिका अधिनियम और नियमों में उन सभी प्रावधानों को तत्काल हटा दें,जो लोकतांत्रिक सिद्धान्तों के विपरीत है और निर्वाचित प्रतिनिधियों की अपेक्षा नौकर शाहों को अनुचित शक्ति देते हैं।

1

पत्रकारों के स्पष्टीकरण माँगने पर श्री मिश्र ने स्पस्ट किया कि अनेक राज्य,अपने पंचायती राज अधिनियमों और नियमों में ऐसा प्रावधान किया है कि कलेक्टर / कमिश्नर किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को निलम्बित कर सकते हैं। यह स्पष्ट रूप से अलोकतांत्रिक है और नौकर शाही को अनुचित शक्ति देता है।
श्री मिश्र ने कहा कि ग्राम सभा के प्राधिकार, दायित्व तथा कार्य संचालन हेतु स्पष्ट प्रावधान किया जाना चाहिए।

1

 संविधान के अनुच्छेद -243 (ब) में ग्राम सभा का प्रावधान किया गया है जो पंचायती राज व्यवस्था के मूल लक्ष्य की प्राप्ति की सबसे महत्वपूर्ण संस्था है लेकिन इसके स्वरूप, प्राधिकार, कार्य पद्धति आदि के निर्धारण का दायित्व राज्य के विधान मंडलों पर छोड़ दिया गया है जिसके कारण ग्राम सभा के सम्बंध में राज्यों में दिए गए दायित्व एवं प्राधिकार के बीच बहुत अंतर है। संविधान में ग्राम सभा के प्राधिकार, दायित्व तथा कार्य संचालन के सम्बंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाय ताकि सही अर्थों में जन सहभागिता और पारदर्शिता का लक्ष्य पूर्ण हो सके।श्री मिश्र ने कहा कि पंचायती राज की तीसरी सरकार क़ायम करने एवं संवैधानिक विसंगतियों को दूर करने के लिए एक और संविधान संशोधन की आवश्यकता है।

21

पत्रकार वार्ता में भाग लेते हुए श्री अशोक सिंह जादौन,अध्यक्ष अखिल भारतीय पंचायत परिषद ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ी करण के लिए के लिए आवश्यक है कि पंचायती राज ऐक्ट में वार्ड सभा एवं वार्ड समितियों हेतु प्रावधान होना चाहिए। 74वाँ संविधान संशोधन जो शहरी क्षेत्र के स्थानीय स्व सरकार के लिए है उसमें वार्ड समितियों का प्रावधान किया गया है। लेकिन 73 वें संविधान संशोधन में पंचायतों के लिए ऐसा प्रावधान नही है। अखिल भारतीय पंचायत परिषद चाहती है कि पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत ग्राम स्तर पर वार्ड सभा का प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए, ताकि लोक भागीदारी एवं पारिदर्शिता को अधिक प्रभावी ढंग से व्यवहारिक किया जाय। श्री जादौन ने बताया कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद ने अमृत महोत्सव वर्ष के अंतर्गत ग्राम सशक्तिकरण के लिए चलो गाँव की ओर का कार्यक्रम अपने प्रदेश पंचायत परिषदों के सहयोग से संचालित कर रहा है और इसी क्रम में हम लोग मध्य प्रदेश के भ्रमण पर हैं। 

1

पत्रकार वार्ता के संयोजक श्री अशोक सिंह सेंगर अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य पंचायत परिषद ने प्रेस प्रतिनिधियों से कहा कि मध्य प्रदेश राज्य पंचायत परिषद चलो गाँव की ओर अभियान को सफल बनाने के लिए प्रयत्नशील है और लोक सभा चुनाव के पूर्व राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित करेगा। पत्रकार वार्ता में श्री महेंद्र सिंह बुंदेला सरपंच एवं सचिव अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली,मध्य प्रदेश राज्य पंचायत परिषद के शहडोल संभाग के अध्यक्ष रामानुज त्रिपाठी उमरिया जिला अध्यक्ष संतोष गुप्ता,श्याम विहारी राय सरपंच,रमेश महार सरपंच बडखेड़ा,लकी सिंह घघरी, मनीष सिंह सरपंच,राजेश सिंह परमार,प्रिंस सिंह,अभिषेक सिंह लोढ़ा पूर्व सरपंच कार्य समिति के सदस्य,पदाधिकारी गण के अतिरिक्त अनेकों सरपंच, बीडीसी एवं ज़िला पंचायत सदस्यों की मौजूदगी रही।
18-2-2024

2