जिले में स्वतंत्र पत्रकारिता के लिये अनुकूल वातावरण -- कलेक्टर हर्षल पंचोली

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मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के नाम मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर / जिले में पत्रकारिता के लिये अत्यंत स्वस्थ और अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ अनूपपुर जिला इकाई के द्वारा मुझे आज यह 21 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया है। मैने इसे पढा है , इसमें से कुछ ऐसे बिन्दु हैं जिस पर हम जिला स्तर पर कार्य कर सकते हैं। इसे लेकर हम बैठक करेंगे और जो उचित होगा उस पर जरुर कदम उठाया जाएगा।
1 म ई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रांताध्यक्ष शलभ भदौरिया के मार्गदर्शन मे अनूपपुर जिला इकाई द्वारा कलेक्ट्रेट के नर्मदा सभागार में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के नाम पर कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली को 21 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। कलेक्टर एवं उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों के समक्ष संभागीय अध्यक्ष अजीत मिश्रा ने आज पत्रकारों के एकत्रीकरण, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के उद्देश्य को स्पष्ट किया। जिसके बाद वरिष्ठ पत्रकार सीताराम पटेल ने 21 सूत्री मांगपत्र का सबके सामने वाचन किया।
मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज द्विवेदी, संभागीय अध्यक्ष अजीत मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द बियाणी, धनंजय तिवारी, शशिधर अग्रवाल, संतोष झा , पुष्पेन्द्र रजक,,राजेश पयासी, दीपक सिंह, उमाशंकर पाण्डेय, दुर्गा शुक्ला, ज्ञानचंद जायसवाल, हिमांशु बियाणी, सीताराम पटेल, आकाश नामदेव, प्रकाश सिंह, अरुण पाल सिंह, बिलाल अहमद, सुनील गुप्ता, अजय रस्तोगी, अजय ताम्रकार, रवि ओझा, दीपेश जैन,संजय श्रीवास के साथ अनूपपुर, अमरकंटक, कोतमा बिजुरी, राजनगर, पसान, जैतहरी, वेंकटनगर, चचाई ,राजेन्द्रग्राम से पधारे अन्य पत्रकारों ने इससे पहले सोन तट पर स्थित शिव मारुति मंदिर मे एकत्रीकरण किया । वहाँ पत्रकारों की एकता और श्रमहत पत्रकार संघ के लिये जमकर नारे लगाए गये।
नर्मदा सभागार में कलेक्टर श्री पंचोली को पत्र का वाचन करते हुए बतलाया गया कि हमारा संगठन मध्यप्रेदश श्रमजीवी पत्रकार संघ प्रदेश के श्रमजीवी पत्रकारों का सबसे बड़ा और सबसे पुराना एक मात्र प्रतिनिधि संगठन है।जो इंडियन ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत पंजीकृत है।
हम प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई 2025 को श्रमजीवी पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदर्शन और रैली के माध्यम से सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाते हैं,ताकि जनमानस से मान्यता प्राप्त लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ को मजबूत करने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं का निराकरण हो सके।
श्रमजीवी पत्रकारों की भी अपनी समस्याएं हैं।इसलिए आवश्यक है कि सरकार उन पर न केवल सहानुभूतिपूर्वक ध्यान दें,बल्कि उनका निराकरण भी करें,ताकि वे सहज रूप से अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने में शासन की मदद कर सकें।
ज्ञापन में कहा गया कि मुख्यमंत्री जी आपकी विशेष उपस्थिति (मुख्यआतिथ्य) में पिछले माह 26 व 27 मार्च 2025 को मुरैना में संपन्न संघ के 25 वां त्रिवार्षिक दो दिवसीय प्रांतीय महाधिवेशन में पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू करने सहित 6 सूत्रीय मांगपत्र आपको दिया था।आपने मांगपत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए शीघ्र ही इस दिशा में हमारे संघ के साथियों के साथ संबंधित अधिकारियों को बिठाकर चर्चा कर स्वीकृत करने का विश्वास दिलाया है।इस अवसर पर महाधिवेशन में मध्यप्रदेश की विधानसभा के सम्माननीय अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे।हमें विश्वास है कि 6 सूत्रीय मांगपत्र के साथ ही अन्य मांगों पर भी आप सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उन्हें क्रियान्वित कराने की दिशा में प्रयत्न करेंगे।
म.प्र.श्रमजीवी पत्रकार संघ की
21 सूत्रीय मांगे इस प्रकार हैं
पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू करें।भोपाल के मालवीय नगर स्थित हमारे पत्रकार भवन को जिसे कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने हमसे बिना किसी सूचना के छीन लिया था। वह भूमि हमे वापस की जाये।
पत्रकार पेंशन श्रद्धा निधि योजना में अधिमान्यता होने की शर्त हटाई जाये और उसे आजीवन देने का नियम बनाया जाए।श्रद्धानिधि प्राप्त श्रमजीवी पत्रकार की मृत्यु के बाद यह पेंशन राशि यह श्रद्धानिधि शासकीय कर्मचारियों की ही तरह उनकी विधवा को उनकी मृत्यु तक उपलब्ध कराई जाये।मध्यप्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पत्रकार भवन के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जावे।टोल टेक्स से श्रमजीवी पत्रकारों को मुक्त करने के लिये मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यता कार्ड को भी मान्यता दी जाये।पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना को उत्तरप्रदेश की तर्ज पर निशुल्क करके सभी पत्रकारों को इसका बिना शर्त लाभ पहुँचाने की योजना घोषित की जाये।श्रमजीवी पत्रकारों के लिए किसी भी प्रकार की शासकीय कमेटियां बने तो पूर्व की भांति श्रम विभाग से तथा हमारे संगठन मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ से ही नाम मांग कर बनाई जाए, ताकि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमजीवी पत्रकार संगठन के पंजीयन का कोई ओचित्य रह सके।इसके साथ ही अधिमान्यता समितियों का पुर्नगठन कर प्रदेश और संभाग की समितियों में संघ के सदस्यों को ही पूर्व की भांति प्राथमिकता दी जाये।श्रमजीवी पत्रकारों को बैंकों से जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाये।श्रमजीवी पत्रकारों पर पुलिस में किसी भी प्रकार के दर्ज प्रकरणों में किसी भी कार्यवाही के पूर्व स्वतः ही प्रकरण सी. आई.डी. को सौंप दिया जाये। सी.आई.डी. की जांच रिपोर्ट के बाद ही अपेक्षित कार्यवाही की जाये।श्रमजीवी पत्रकारों के बच्चों को स्कूलों में लगने वाले शुल्क में 50 प्रतिशत रियायत का प्रावधान किया जाये।जिला मुख्यालयों के सर्किट हाउसों में श्रमजीवी पत्रकारों को भी विधायक और सांसदों की तरह विश्राम करने का अधिकार दिया जाये।श्रमजीवी पत्रकारों को आवंटित शासकीय आवासों के रिन्युवल आवंटन की प्रक्रिया से मुक्त किया जाये।हर जिले में श्रमजीवी पत्रकारों के आवास के लिये रियायती दर पर भूमि उपलब्ध कराई जाये।आर.टी.ओ. द्वारा पूर्व की भांति श्रमजीवी पत्रकारों के वाहनों के पंजीयन क्रमांक की एक अलग सीरीज निर्धारित की जाये।पत्रकार नहीं होते हुए भी कई लोग अपने वाहनों पर प्रेस लिखवा लेते हैं. इसकी कढ़ाई से जाँच हो ताकि फर्जीपने से लोग बाज आ सकें।कई पत्रकार संगठन अपने सदस्यों को जारी सदस्यता कार्डों पर अधिमान्यता शब्द का उपयोग करते हैं जो सर्वथा अवैध है,उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाकर उनके पंजीयन निरस्त किये जाएं।श्रमजीवी पत्रकारों को आयुष्मान कार्ड योजना से जोड़ा जाये ताकि इससे श्रमजीवी पत्रकारों के परिवारों को उपचार सुविधा उपलब्ध हो सके।जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किये जाने वाले विज्ञापन लघु एवं मध्यम समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं को भी दिये जाये।बड़े अखबारों और लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के साथ भेदभाव खत्म कर विज्ञापन की समान निति अपनाई जाये।अखबारों के प्रकाशन मुख्यालयों में कार्यरत सहायक सम्पादक,उप सम्पादक जैसे पद पर डेस्क पर कार्यरत श्रमजीवी पत्रकारों को भी अधिमान्यता की पात्रता देते हुए अधिमान्यता जारी की जाये।श्रमजीवी पत्रकार को उसके पत्रकार होने के पर्याप्त प्रमाण होने पर जैसे उसके अखबार में छपी उसके नाम की खबरों और जनसंपर्क अधिकारी की अनुशंसा पर ही अधिमान्यता प्रदान की जाये।अखबार मालिकों की अनुशंसा की अनिवार्यता से अधिमान्यता को मुक्त रखा जाये।श्रमजीवी पत्रकार कल्याण आयोग का सरकार गठन करे जिसमें श्रमजीवी पत्रकारों एंव जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को रखा जाय वह अपनी व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करें जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर निर्णय ले।कई राज्य सरकारों ने इस दिशा में पहल की है।
मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने कलेक्टर हर्षल पंचोली के माध्यम से मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से मांग की है कि सभी मांगों पर आप गंभीरता से विचार कर श्रमजीवी पत्रकारों के हित में शीघ्र ही निर्णय लेंगे। पत्रकार एकता जिंदाबाद मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ जिंदाबाद।