विंध्य प्रांत में विकास की असीम संभावनाएँ - राजेन्द्र शुक्ल

 विंध्य के समग्र विकास सामने बौना पड़ेगा छिंदवाड़ा माडल
 
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विंध्य प्रांत में विकास की असीम संभावनाएँ - राजेन्द्र शुक्ल
 

( मनोज कुमार द्विवेदी ,अनूपपुर- मप्र )

अनूपपुर / विंध्य रत्न की उपाधि से अलंकृत मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला जब यह कहते हैं कि विंध्य प्रांत में विकास की अनंत संभावनाएँ हैं तो इससे किसी को कोई आश्चर्य नहीं होता। क्योंकि यह तो आम जनता बहुत पहले से जानती रही है कि इस क्षेत्र को अभी तक प्रदेश के नक्शे पर वह तवज्जो नहीं दी गयी, जिसका वह सही मायने में हकदार है। अभी तक पूर्ववर्तियों ने कुछ भी नहीं किया , यह कहना उचित नहीं ‌होगा। लेकिन जो किया जा सकता है, अब उस ओर ध्यान केन्द्रित करने की जो आवश्यकता है, पं राजेन्द्र शुक्ल जी वही करने की कोशिश कर रहे हैं। जब वो ऐसा कर रहे हैं तो रीवा - शहडोल संभाग अन्तर्गत सभी जिलों और इससे लगे क्षेत्रों में भी अपेक्षाएं अब बढ चली हैं । 

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16 अप्रैल 2024 को अनूपपुर में जिन लोगों ने मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को ध्यान से सुना होगा, उनके जेहन में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का छिंदवाड़ा माडल ध्यान आ गया होगा। महत्वपूर्ण अन्तर सिर्फ इतना है कि लंबे समय तक भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री रहने और फिर लगभग 18 महीने के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कमलनाथ तथाकथित छिंदवाड़ा माडल की ही चर्चा करते रहे थे। उन्होंने बड़े पदों पर रहते हुए भी मध्यप्रदेश की नहीं बल्कि केवल एक जिले की ही बात की इसके उलट पंडित राजेन्द्र शुक्ल ने उप मुख्यमंत्री बनने के कुछ माह के भीतर ही विंध्य क्षेत्र के समग्र विकास का जो खाका खींचा है,वह कमलनाथ के छिंदवाड़ा माडल से कहीं अधिक वृहद दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

16 अप्रैल 2024, चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को सनातन धर्मावलम्बी जब जगत जननी जगदंबा की आराधना, हवन, कन्या पूजन,भंडारे में जुटे हुए थे तो दिन मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ला ने अनूपपुर जिला मुख्यालय में मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता के निवास पर अचानक पधार कर लोगों को हतप्रभ कर दिया । आधी रात उनका आधिकारिक कार्यक्रम जारी हुआ। जिसकी अपुष्ट जानकारी मुझे कुछ घंटे पहले ही दी गयी थी। मुझे भरोसा नहीं था कि बड़े - बड़े कद - पद के लोगों की जगह प्रदेश के इतने महत्व पूर्ण नेता और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता के छोटे से घर में आ सकते हैं। बहरहाल ! मंगलवार की दोपहर राजेन्द्र शुक्ल जी के आगमन की सूचना मात्र से नगर के प्रबुद्ध लोगों का जमावड़ा लग गया। आनन - फानन की गयी तैयारी के पीछे साधारण कार्यकर्ताओं का जैसा आत्मीय, स्नेहयुक्त भाव होता है, उसी के अनुरुप स्वागत् किया गया। यही प्रयास किया गया कि उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल से सभी लोग आत्मीय और सरल सहज तरीके से मिल पाएं। राजेन्द्र शुक्ल अत्यंत सरल, सहज, मृदु और स्वयं अत्यंत आत्मीय संवेदनशील व्यक्ति है। बहुतों से सुना था कि राजनैतिक छल, फरेब, बेईमानी, कुटिलता से पीडि़त लोगों के लिये श्री शुक्ल का सान्निध्य शीतल, मधुर अमृत तुल्य अनुभव वाला होता है। सभी से सहज भाव से मिल कर, वार्ता कर. के श्री शुक्ल के व्यवहार को वहाँ उपस्थित सैकड़ों लोगों ने इसे शब्दश: सही पाया। 

श्री शुक्ल ने मौके पर उपस्थित  नगर के बुद्धिजीवियों, गणमान्य नागरिकों, पत्रकार बन्धुओं को संबोधित करते हुए लगभग एक घंटे मे उद्बोधन में राष्ट्र, प्रदेश और विंध्य क्षेत्र के आगामी पच्चीस वर्षों की कार्य योजना की तस्वीर प्रस्तुत की। जब आम निर्वाचन हेतु मतदान को महज तीन दिन बचे हों, ऐसे में नितान्त गैर -- राजनैतिक बुद्धिजीवियो की संगोष्ठी में उन्होंने पक्ष - विपक्ष की चर्चा ना करते हुए विंध्य प्रांत के सम्पूर्ण विकास के लिये सभी प्रबुद्ध जनों के सहयोग की  अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक परिदृश्य में मजबूती से आगे बढ रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि, शिक्षा, आवास, भोजन, स्वास्थ्य, पर्यावरण, आध्यात्म, संस्कृति सहित आत्मनिर्भर भारत की रचना में मजबूती से कार्य किया जा रहा है। हम विश्व की पांचवी उन्नत अर्थव्यवस्था हैं। कोविड के कठिन समय को सरकार ने आत्मनिर्भरता की ओर बढने का अवसर माना। श्री शुक्ल ने इसका  कारण केन्द्र और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार को बतलाते हुए कहा कि कमजोर अल्पमत की पूर्ववर्ती सरकारों के कारण देश कमजोर हुआ है। जबकि पिछले दस वर्ष में मजबूत मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत के प्रति कार्य योजना मजबूती से क्रियान्वित की जा रही है।

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उन्होंने कहा कि विंध्य प्रांत में विकास की प्रचुर संभावनाएँ हैं। अमरकंटक नर्मदा उद्गम , चित्रकूट, मैहर  जैसी धार्मिक आध्यात्मिक नगरों से युक्त विंध्य क्षेत्र में सघन वन, कोयला, सीमेंट, सोलर विद्युत, उन्नत कृषि, वन्य प्राणियों के लिये संरक्षित क्षेत्रों सहित मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर होने के कारण राजस्व, शिक्षा,स्वास्थ्य, सिंचाई,खनिज संपदा, कृषि के क्षेत्र में मजबूत स्थिति है।

लोकसभा निर्वाचन 2024 में शहडोल, सतना, रीवा, सीधी, मंडला सहित सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी के लिये यहाँ   जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत की जरुरत महसूस की जा रही है। पंडित राजेन्द्र शुक्ल का उमरिया, शहडोल, सीधी, अनूपपुर, रीवा, सतना, कटनी, मैहर, सिंगरौली सहित अन्य जिलों में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। उप चुनाच 2020 में उन्होंने अपने कार्य व्यवहार से इसे सही साबित किया है। तब बिसाहू लाल सिंह के विरुद्ध पार्टी के ही कुछ नेताओं के कार्यों पर नियंत्रण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उन पर थी। उन्होंने लगभग डेढ माह यहाँ रह कर लगभग 400 से अधिक छोटी - बड़ी बैठकें करके विरोधियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। तब बिसाहू लाल 35 हजार से अधिक मतों से विजयी हुए थे। राजेन्द्र शुक्ल ने इस क्षेत्र में घर - घर में अपने समर्थकों की बड़ी फौज तैयार की है। 

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19 अप्रैल मतदान से ठीक पूर्व उनकी आकस्मिक गैर राजनैतिक यात्रा में उमडी भीड़ और अनूपपुर, पसान, अमलाई के सफल आयोजनों ने विंध्य क्षेत्र में उनके एकमेव सर्वस्वीकार्य शीर्ष जननेता की छवि स्थापित की है। इसलिये जब वे केवल रीवा की बात ना करके विंध्य क्षेत्र के समग्र विकास का दावा करते हैं तो लोगों को उनके वायदे पर पूरा भरोसा होता दिखता है। आम जनता आगामी पांच साल और उससे आगे के पांच साल श्री शुक्ल के नेतृत्व से बड़ी अपेक्षाएं बांध चुकी है। चार जून के बाद विंध्य क्षेत्र में अतिरिक्त सक्रियता और कार्य गति देखने कॊ मिल सकती है।