Navaratri: नवरात्रि के प्रथम दिन से सजेगा मां का दरबार,जगत जननी की आने की तैयारी हुई पूर्ण
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नवरात्रि के प्रथम दिन से सजेगा मां का दरबार,जगत जननी की आने की तैयारी हुई पूर्ण
Navaratri: आदिशक्ति जगतजननी माँ का आने का समय अब हो गया है जहां कल माँ अपने दिव्या रूपों में दर्शन देने वाली हैं। मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत के कोने-कोने में मां की सुंदर कलाकृतियां कल विराजमान होगी। जहां उमरिया जिले के अंतर्गत भी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है जहां प्रसिद्ध नगरी बिरासिनी देवी मंदिर बिरसिंहपुर पाली में शारदीय नवरात्रि की भव्य तैयारियां पूरी जोर शोर से की जा चुकी हैं।
सुंदर कलाकृतियों से जगमगा रहा है मां का दरबार
Navaratri: जहां मंदिर एवम कलश के साथ जवारा ग्रह की साफ-सफाई ,विद्युत साज सज्जा, पूजन हवन मुंडन संस्कारों के साथ प्रसाद वितरण, देवी भगत गीत आदि की उत्तम व्यवस्था के लिए मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष अनुविभागीय दंडाधिकारी पाली टी आर नाग एवम तहसीलदार पाली श्री सनद कुमार व्यवस्था को बेहतर चाक चौबंद करने में दिन रात आज भी लगे हुए हैं।
लाखों लोग करेंगे माँ का दर्शन
Navaratri: जगत जननी माँ बिरासिनी का नवरात्रि पर्व सम्पूर्ण क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। यहां इस पर्व में दूर दूर से भारी संख्या में दर्शनार्थियों का आगमन होता है और यहां पर सैकडों वर्षों से जवारा कलशों की स्थापना की भी यहाँ परंपरा है. जो अनवरत चलती है और हजारों जवारा और ज्योति कलशों का यह पुण्य उत्सव नित नए विशेषताओं से दर्शनीय होता जा रहा है।
9 दिन में नौ रूपों में देगी मां दर्शन
Navaratri: माँ बीरासिनी देवी मंदिर का नवरात्रि पर्व पूरे 9 दिनों मां नौ रूपों में देगी दर्शन। कलश स्थापना बैठकी कल यानी 3 अक्टूबर बुधवार को है नवमें दिन 11 अक्टूबर शुक्रवार को मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा बुवाये गए है जहां हजारों कलश जवारों का प्रख्यात जुलूस मंदिर प्रांगण से पूरी भव्यता के साथ निकलेगा।
सारी मनोकामना होती है पूर्ण
Navaratri: ऐसी मान्यता है कि माता बिरासिनी के दरबार में हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि यहां देश के अन्य क्षेत्र व राज्यों से भी लोग मां बिरासिनी के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आया करते हैं और अपनी मनोवांछित मुरादें भी मांगते हैं साथ वह पूर्ण भी होती है। बिरसिंहपुर पाली में माँ बिरासिनी के दरबार में पूरे नवरात्रि में नौ दिनों तक भक्तिमय माहौल तो रहता ही है। इसके साथ समान्य दिनों में भी यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है। यहां हर कोई अपनी मन्नतें लेकर आता है। वहीं जिनकी मन्नतें पूरी हो चुकी होती हैं वे प्रसाद आदि लेकर यहां चढ़ावा चढ़ाते हैं।
जवारा की है सैकड़ो सालों से परंपरा
Navaratri: वहीं इस दरबार में जवारा बोए जाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। वहीं कलश की स्थापना की भी की जाती है। मंदिर से जुड़े सूत्रों की मानें तो नवरात्रि की सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। वहीं पुलिस व प्रशासन ने भी यहां की व्यवस्थाओं को लेकर सजगता बरत रही है।newse7live