MP सरकार ने सीमाओं की फिर से जांच करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया
MP सरकार ने सीमाओं की फिर से जांच करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया
Sep 9, 2024, 17:28 IST
| Photo by google
MP सरकार ने सीमाओं की फिर से जांच करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया
MP भोपाल : मुख्यमंत्री मोहन यादव Mohan Yadav के नेतृत्व वाली सरकार ने मध्य प्रदेश में सीमाओं और जिलों और संभागों की संख्या की फिर से जांच करने के लिए एक नया परिसीमन आयोग गठित किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को प्रेस को बताया कि नए आयोग का नेतृत्व अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के सेवानिवृत्त अधिकारी मनोज श्रीवास्तव करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में पदभार संभालने के दिन से ही इस परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास समय की मांग है क्योंकि राज्य में विसंगतियां और विसंगतियां हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है।
भौगोलिक दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के कारण पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में दो नए जिले - रीवा जिले से मऊगंज और छिंदवाड़ा जिले से पंढुर्ना बनाए गए थे। सीएम यादव ने कहा, "मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कई विसंगतियां और विसंगतियां हैं। कुछ लोगों को अभी भी जिला या संभागीय मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसलिए लोगों की बेहतरी के लिए युक्तिकरण समय की मांग है।" उन्होंने बताया कि सागर, धार, उज्जैन और इंदौर जैसे बड़े क्षेत्रों को कवर करने वाले जिलों में कई समस्याएं हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे जिलों का युक्तिकरण परिसीमन प्रक्रिया के माध्यम से होगा।" उल्लेखनीय है कि पिछले आठ महीनों में सीएम मोहन यादव द्वारा उठाया गया यह दूसरा ऐसा कदम (क्षेत्र को फिर से परिभाषित करने के संदर्भ में) है। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में पुलिस थानों की सीमाओं को फिर से परिभाषित किया था।
इस साल की शुरुआत में सरकार बनने के तुरंत बाद हमने इस मुद्दे पर ध्यान दिया। भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश का अपना क्षेत्र है, लेकिन समय के साथ इसमें कुछ कठिनाइयाँ आई हैं। उन मुद्दों को सुधारना सही है," सीएम यादव ने कहा। (आईएएनएस)jsr
भौगोलिक दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के कारण पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में दो नए जिले - रीवा जिले से मऊगंज और छिंदवाड़ा जिले से पंढुर्ना बनाए गए थे। सीएम यादव ने कहा, "मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कई विसंगतियां और विसंगतियां हैं। कुछ लोगों को अभी भी जिला या संभागीय मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसलिए लोगों की बेहतरी के लिए युक्तिकरण समय की मांग है।" उन्होंने बताया कि सागर, धार, उज्जैन और इंदौर जैसे बड़े क्षेत्रों को कवर करने वाले जिलों में कई समस्याएं हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे जिलों का युक्तिकरण परिसीमन प्रक्रिया के माध्यम से होगा।" उल्लेखनीय है कि पिछले आठ महीनों में सीएम मोहन यादव द्वारा उठाया गया यह दूसरा ऐसा कदम (क्षेत्र को फिर से परिभाषित करने के संदर्भ में) है। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में पुलिस थानों की सीमाओं को फिर से परिभाषित किया था।
इस साल की शुरुआत में सरकार बनने के तुरंत बाद हमने इस मुद्दे पर ध्यान दिया। भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश का अपना क्षेत्र है, लेकिन समय के साथ इसमें कुछ कठिनाइयाँ आई हैं। उन मुद्दों को सुधारना सही है," सीएम यादव ने कहा। (आईएएनएस)jsr