28 को चंद्रग्रहण के साथ आने वाले शरद पूर्णिमा महोत्सव की तैयारियां प्रारंभ

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28 को चंद्रग्रहण के साथ आने वाले शरद पूर्णिमा महोत्सव की तैयारियां प्रारंभ
हनुमना - आगामी 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण के साथ आ रहे शरद पूर्णिमा महोत्सव में नि: शुल्क दी जाने वाली स्वांस दमा अस्थमा इस्नोफीलिया व पुरानी खांसी की वह चमत्कारिक दवा जिसके एक खुराक सेवन व परहेज मात्र से भगवत कृपा से उपरोक्त बीमारियां दूर हो जाती हैं की तैयारी इन दिनों जोरों पर चल रही है।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त दवा जगद्गुरु रामानुज संप्रदाय आचार्य परमतपस्वी अनंत श्री विभूषित पूज्यपाद स्वामी माधवाचार्य जी महाराज के चरण कमलों की कृपिकटाक्ष से पीड़ित मानवता की सेवार्थ विंध्य में जनसंघ के संस्थापक तथा लोकतंत्र सेनानी नाड़ी विशेषज्ञ डा 0 सरयू प्रसाद (वैद्यजी) को प्रसाद स्वरूप प्राप्त है ।
जिसे वैद्यजी अनवरत 7 दशक से निःशुल्क वितरित करते चले जा रहे हैं जिससे प्रति वर्ष देश के विभिन्न प्रांतो से आने वाले हजारों रोगी उपरोक्त चमत्कारिक दवा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। किंतु इस वर्ष 28 अक्टूबर 2023 को पड़ने वाले शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग रहा है जिससे लोगों में असमंजस की स्थिति है ।
लेकिन नाड़ी विशेषज्ञ श्रीवैद्य ने बताया कि ग्रहण के बावजूद ग्रहण कल के नियमों का पालन करते हुए शरद पूर्णिमा उत्सव परम्परागत ही मनाया जाएगा खीर के साथ दी जाने वाली दवा का वितरण भी ग्रहण कल की परिस्थितियों व नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नाड़ी विशेषज्ञ वैद्यजी के द्वारा लकवा पोलियो मिर्गी, बांझपन पथरी गलाकर शीघ्र गिरा देना, साइटिका गठिया बात आदि रोगों की चिकित्सा में पूर्ण सिद्ध हैं। जिन्होंने अनेक ऐसे निराशा पूर्ण रोगियों को असाध्य से असाध्य रोगो से मुक्ति दिलाकर उनके निराश पूर्ण जीवन में नव यौवन का संचार कर सुखी स्वास्थ्य जीवन प्रदान कर या सिद्ध कर दिया है कि आयुर्वेद ही जगत में ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो रुग्ण मानव शरीर के रोगों को समूल नष्ट कर पुनः स्वस्थ संजीव शरीर प्रदान करती है क्योंकि रोग पाचन क्रिया आयुर्वेद में ही है विश्व के अन्य चिकित्सा पद्धति में नहीं। शरद पूर्णिमा पर दी जाने वाली उपरोक्त चमत्कारिक दावाओ का संग्रह विगत 8 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र में जहां किया जाकर निर्माण प्रारंभ है ।
वही एक दिव्य जड़ी शरद पूर्णिमा के दिन ही निकली जाती है जिसका स्वरस खीर में मिलाया जाता है यही कारण है कि यह दवा प्राप्त करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन शाम तक वैद्य जी द्वारा स्थापित हनुमना के सीधी रोड स्थित श्रीरामानुज आयुर्वेदिक औषधालय में पहुंचकर अपना पंजीयन कराने वालों को ही मिल पाती है अतः रोजी जान 28 अक्टूबर 2023 को शाम तक मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित मऊगंज जिले के हनुमना सीधी रोड स्थित श्रीरामानुज आयुर्वेदिक औषधालय में अवश्य पहुंच जावे मौसमानुकूल ऊपर ओढने के लिए संभव हो तो सफेद चादर अवश्य लावे दवा रात्रि में ही वितरित की जाती है मरीज को स्वयं आना पड़ता है साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है की श्वास दमा अस्थमा इस्नोफीलिया एवं पुरानी खांसी की उपरोक्त चमत्कारिक दवा सेवन करने वाले रोगी जन 28 अक्टूबर को शाम के बाद भोजन नहीं लेवे।
हनुमना - आगामी 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण के साथ आ रहे शरद पूर्णिमा महोत्सव में नि: शुल्क दी जाने वाली स्वांस दमा अस्थमा इस्नोफीलिया व पुरानी खांसी की वह चमत्कारिक दवा जिसके एक खुराक सेवन व परहेज मात्र से भगवत कृपा से उपरोक्त बीमारियां दूर हो जाती हैं की तैयारी इन दिनों जोरों पर चल रही है।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त दवा जगद्गुरु रामानुज संप्रदाय आचार्य परमतपस्वी अनंत श्री विभूषित पूज्यपाद स्वामी माधवाचार्य जी महाराज के चरण कमलों की कृपिकटाक्ष से पीड़ित मानवता की सेवार्थ विंध्य में जनसंघ के संस्थापक तथा लोकतंत्र सेनानी नाड़ी विशेषज्ञ डा 0 सरयू प्रसाद (वैद्यजी) को प्रसाद स्वरूप प्राप्त है ।
जिसे वैद्यजी अनवरत 7 दशक से निःशुल्क वितरित करते चले जा रहे हैं जिससे प्रति वर्ष देश के विभिन्न प्रांतो से आने वाले हजारों रोगी उपरोक्त चमत्कारिक दवा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। किंतु इस वर्ष 28 अक्टूबर 2023 को पड़ने वाले शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग रहा है जिससे लोगों में असमंजस की स्थिति है ।
लेकिन नाड़ी विशेषज्ञ श्रीवैद्य ने बताया कि ग्रहण के बावजूद ग्रहण कल के नियमों का पालन करते हुए शरद पूर्णिमा उत्सव परम्परागत ही मनाया जाएगा खीर के साथ दी जाने वाली दवा का वितरण भी ग्रहण कल की परिस्थितियों व नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नाड़ी विशेषज्ञ वैद्यजी के द्वारा लकवा पोलियो मिर्गी, बांझपन पथरी गलाकर शीघ्र गिरा देना, साइटिका गठिया बात आदि रोगों की चिकित्सा में पूर्ण सिद्ध हैं। जिन्होंने अनेक ऐसे निराशा पूर्ण रोगियों को असाध्य से असाध्य रोगो से मुक्ति दिलाकर उनके निराश पूर्ण जीवन में नव यौवन का संचार कर सुखी स्वास्थ्य जीवन प्रदान कर या सिद्ध कर दिया है कि आयुर्वेद ही जगत में ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो रुग्ण मानव शरीर के रोगों को समूल नष्ट कर पुनः स्वस्थ संजीव शरीर प्रदान करती है क्योंकि रोग पाचन क्रिया आयुर्वेद में ही है विश्व के अन्य चिकित्सा पद्धति में नहीं। शरद पूर्णिमा पर दी जाने वाली उपरोक्त चमत्कारिक दावाओ का संग्रह विगत 8 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र में जहां किया जाकर निर्माण प्रारंभ है ।
वही एक दिव्य जड़ी शरद पूर्णिमा के दिन ही निकली जाती है जिसका स्वरस खीर में मिलाया जाता है यही कारण है कि यह दवा प्राप्त करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन शाम तक वैद्य जी द्वारा स्थापित हनुमना के सीधी रोड स्थित श्रीरामानुज आयुर्वेदिक औषधालय में पहुंचकर अपना पंजीयन कराने वालों को ही मिल पाती है अतः रोजी जान 28 अक्टूबर 2023 को शाम तक मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित मऊगंज जिले के हनुमना सीधी रोड स्थित श्रीरामानुज आयुर्वेदिक औषधालय में अवश्य पहुंच जावे मौसमानुकूल ऊपर ओढने के लिए संभव हो तो सफेद चादर अवश्य लावे दवा रात्रि में ही वितरित की जाती है मरीज को स्वयं आना पड़ता है साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है की श्वास दमा अस्थमा इस्नोफीलिया एवं पुरानी खांसी की उपरोक्त चमत्कारिक दवा सेवन करने वाले रोगी जन 28 अक्टूबर को शाम के बाद भोजन नहीं लेवे।