सरपंचों के मुद्दो को विधान सभा में उठाने वाले विधायक का सरपंचों ने किया सम्मान
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सरपंचों के मुद्दो को विधान सभा में उठाने वाले विधायक का सरपंचों ने किया सम्मान
भोपाल। मध्यप्रदेश के जनप्रतिधियो को आभास ही नहीं था कि टीकमगढ़ विधायक यादवेंद सिंह बुदेला की लोकप्रियता प्रदेश के सरपंचों के बीच इतनी बढ़ जाएगी। मामला था सरपंचों के मनरेगा के मुद्दे को मध्यप्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में उठाना जिसका खूब वीडियो वायरल हुआ जिससे टीकमगढ़ विधायक यादवेंद सिंह बुदेला की लोकप्रिय में इजाफा हुआ, जिसे खूब पसंद किया जा रहा है। वही प्रदेश के सरपंचों को लगने लगा है कि कोई तो प्रदेश के विधायक है जो सरपंचों के पीड़ा को समझा और विधान सभा में मुद्दा उठाया है।
अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह के नेतृत शनिवार को टीकमगढ़ जिले के सरपंच गण टीकमगढ़ विधायक यादवेंद सिंह बुदेला को सम्मानित किया है। जिसमे जिले के समस्त सरपंच गण शामिल हुए। वही सरपंचों ने विधायक जी के सम्मान में आपने आपने विचार रखे। साथ ही टीकमगढ़ विधायक यादवेंद सिंह बुदेला ने सरपंचों की लड़ाई को समर्थन दिया साथ ही सम्मान किया जाने का आभार प्रकट किया है।
पूरा मामला यह रहा: मध्यप्रदेश में मनरेगा के 1 जुलाई 2024 के आदेश पर मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ सरपंचों में रोष व्याप्त है। जिस मुद्दे को लेकर टीकमगढ़ विधायक यादवेंद सिंह बुदेला ने मध्यप्रदेश विधान सभा के शीत कालीन सत्र में मनरेगा आदेश के विरोध में विधान सभा में मुद्दा उठाया था। जिसमे पंचायत एव ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने इसको गलत जानकारी बता कर सिरे से खारिज कर दिया था। वही सत्ता पक्ष के मंत्री खिल्ली उड़ाते नजर आए। लेकिन विधान सभा अध्यक्ष महोदय के कहने में विधायक जी आपन वक्तव्य दिया। लेकिन मनरेगा का विरोध वही समाप्त नहीं हुआ मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद संबद्ध अखिल भारतीय पंचायत परिषद के नेतृत्त में प्रदेश भर के सरपंच 23 जुलाई 2024 को भोपाल के अंबेडकर पार्क तुलसी नगर में 15 हजार से अधिक सरकार के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद की जिसमे प्रदेश सरकार हरकत में आ गई और आश्वासन दिया कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद के अगुआई वाले मोर्चा के 28 सूत्री मागो पर 15 दिवस के अंदर मान ली जाएगी। लेकिन अभी तक सरकार और सरपंचों के बीच कोई समाधान नहीं हुआ। सरकार के आदेश के इंतजार में प्रदेश भर के सरपंच है। वही सरपंचों द्वारा वही बार बार बात दोहराई जा रही है कि वादा खिलाफी सरकार द्वारा की जाती है तो बड़े पैमाने पर प्रदेश भर में 23 जुलाई के तर्ज पर धरना प्रदर्शन के साथ आंदोलन किया जाएगा।
सरकार और सरपंचों की बीच बात नहीं मानती है तो जिस प्रकार प्रदेश के सरपंच आंदोलित है। जिससे पंचायत एव ग्रामीण विकास मंत्रालय का काम प्रभावित हो सकता। सरकार को आगे आकर समस्या का समाधान जनहित में निकाला होगा।